Back to homepage

Latest News

भारत-नेपाल के बीच 766 और 742 नंबर पिलर बना विवाद, ये है पूरा मामला

भारत-नेपाल के बीच 766 और 742 नंबर पिलर बना विवाद, ये है पूरा मामला178

👤16-06-2020-लखीमपुर Iभारत-नेपाल सीमा को बांटने के लिए लगाए गए पिलर बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन नया विवाद मिर्चिया के 766 और सूडा के 742 नंबर के पिलर को लेकर है। दोनों देशों के अधिकारी दोनों पिलरों को लेकर अड़े हुए हैं और अपना-अपना कब्जा बता रहे हैं। दोनों जगहों पर सीमांकन पिलर गायब होने पर एसएसबी और नेपाल के एपीएफ ने संयुक्त रूप से गश्त भी किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। अब सर्वे के बाद ही सीमा पर स्थित स्पष्ट होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह बात किसी से नहीं छिपी है कि सीमा पर नेपाली नागरिकों ने नो-मैंस लैंड के साथ ही भारत की तरफ 50 से 60 मीटर अंदर तक खेती की जा रही है। जिसके कारण 125 किमी. सीमा पर खीरी क्षेत्र में 30 फीसद तक पिलर गायब हैं। दोनों देशों के जिला अधिकारियों के बीच सीमा विवाद पर गौरीफंटा में वार्ता में मिर्चिया और सूडा दोनों जगहों के पिलरों के क्षतिग्रस्त होने का मुद्दा उठा। तय हुआ कि संयुक्त सर्वे ही पूरे विवाद का हल है, इसलिए अधिकारी सर्वे पर राजी हो गए हैं। एसएसबी और जिला प्रशासन को उम्मीद है कि वह विवाद को सुलझा लेंगे, लेकिन नो-मैंस लैंड पर दशकों से खेती कर रहे नेपाली नागरिकों से कब्जा खाली कराना आसान नहीं है, क्योंकि अभी तक दोनों देशों के बीच हर वर्ष दो बार जिला स्तरीय अधिकारियों के बीच बैठकें होती रही हैं। कभी सर्वे के बाद नेपाल द्वारा भारतीय पक्ष की जमीन खाली करने का वाकया सामने नहीं आया है। इससे पूर्व बसही के पिलर संख्या 199 के निकट झोपड़ी बनाकर कब्जा करने का प्रयास किया गया था। जहां से भारतीय वन विभाग, प्रशासन के अधिकारियों ने नेपाली अधिकारियों से वार्ता कर मौके से झोपड़ियों को हटवाया। इसके बावजूद घोला-कैमा ब्रिज की तरफ नेपाली नागरिकों ने कब्जे का प्रयास किया।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

16-06-2020-लखीमपुर Iभारत-नेपाल सीमा को बांटने के लिए लगाए गए पिलर बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हैं, लेकिन नया विवाद मिर्चिया के 766 और सूडा के 742 नंबर के पिलर को लेकर है। दोनों देशों के अधिकारी...

Read Full Article
MP के CM शिवराज सिंह चौहान बोले, राज्यपाल लालजी टंडन जल्द स्वस्थ होकर मंत्रिमंडल विस्तार में दिलाएंगे शपथ

MP के CM शिवराज सिंह चौहान बोले, राज्यपाल लालजी टंडन जल्द स्वस्थ होकर मंत्रिमंडल विस्तार में दिलाएंगे शपथ45

👤16-06-2020-लखनऊ। राजधानी के मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का हालचाल जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार शाम करीब पौने पांच बजे आइसीयू पहुंचे। वहां वे राज्यपाल से मिले और उनका इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम से उनकी तबीयत के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मीडिया से मुखातिब शिवराज ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर आ रहा हूं। मैं उन्हें सम्मान से बाबूजी कहता रहा हूं। मेदांता में उन्हेंं विश्वस्तरीय इलाज मिल रहा है। इलाज की जो व्यवस्था है, उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि वह जल्द स्वस्थ होंगे और हमारे मंत्रिमंडल का जो विस्तार होना है, उसमें मंत्रियों को शपथ भी दिलाएंगे। हालांकि, उन्होंने राज्यपाल की तबीयत के बारे में कुछ नहीं बताया। लालजी टंडन को 11 जून को लिवर, किडनी व फेफड़े में दिक्कत होने के चलते मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।\r\nअस्पताल प्रशासन के मुताबिक उनका इमरजेंसी ऑपरेशन किया गया था। इसके बाद उन्हें आइसीयू में भर्ती किया गया। उनकी डायलिसिस भी की जा रही है। पेशाब में जलन के साथ उन्हें सांस लेने में तकलीफ व बुखार भी था। फिलहाल, वे वेंटिलेटर पर हैं। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया कि क्रिटिकल केयर विभाग के चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। लिवर की जांच के लिए सीटी गाइडेड प्रोसीजर किया गया था। मगर रक्त पेट में इकट्ठा होने लगा था। इसके बाद डॉक्टरों ने ब्लीडिंग बंद की फिर आइसीयू में रख लिया गया। फिलहाल, उनकी हालत स्थिर है। शिवराज के साथ मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत अन्य नेता मौजूद रहे। सभी विशेष विमान से राजधानी पहुंचे थे।\r\nगौरतलब है कि इन दिनों मध्य प्रदेश में भाजपा तथा कांग्रेस के बीच ऑडियो-वीडियो पर जारी सियासी घमासान जारी है। ऑडियो क्लिप पर जारी घमासान के बीच शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। इंदौर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर यात्रा के दौरान के भाषण का ऑडियो और वीडियो वायरल होने के मामले में सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह ने केंद्रीय नेतृृत्व के निर्देश पर सरकार गिराने की बात कही है। कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण लेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने साजिश रच कांग्रेस की बहुमत की सरकार गिराई है। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर ट्वीट किया है। ऑडियो क्लिप पर जारी घमासान के बीच शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

16-06-2020-लखनऊ। राजधानी के मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का हालचाल जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार शाम करीब पौने पांच बजे आइसीयू पहुंचे।...

Read Full Article
सीबीआई को यूपीपीएससी की चार परीक्षाओं में मिली गड़बड़ी, पीई दर्ज कर जांच की गई तेज

सीबीआई को यूपीपीएससी की चार परीक्षाओं में मिली गड़बड़ी, पीई दर्ज कर जांच की गई तेज9

👤16-06-2020-प्रयागराज,। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं व रिजल्टों की जांच कर रही सीबीआई को गड़बड़ी होने के पुख्ता सुबूत मिले हैं। चार परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी का सुबूत मिलने पर सीबीआई ने पीई (प्राइमरी इंक्वायरी) दर्ज करके जांच तेज कर दिया है। सोमवार की रात उत्तर प्रदेश न्यायिक सिविल सेवा परीक्षा 2013, आरओ-एआरओ 2013, सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन 2013 व एक सीधी भर्ती में पीई दर्ज की गई है। इसमें पीई 4/20, पीई 5/20, पीई 6/20 व पीई 7/20 दर्ज हुई है। अब सीबीआई की क्राइम ब्रांच चारों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग जांच अधिकारी नियुक्त करके खामियों के तह तक जाएगी। इसके बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। \r\nसीबीआई यूपीपीएससी द्वारा वर्ष 2012 से 2017 तक कराई गई सभी परीक्षाओं व जारी किए गए रिजल्टों की जांच कर रही है। इसमें तकरीबन 550 से अधिक भर्ती परीक्षाएं व रिजल्टों की जांच होनी है। मई 2018 में अज्ञात एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बाद सीबीआई की टीम समय-समय पर यूपीपीएससी आती रही है। जांच में चार परीक्षाओं में गड़बड़ी का सुबूत मिलने की रिपोर्ट प्रयागराज स्थित कैंप कार्यालय के अधिकारियों द्वारा सीबीआई चीफ को रिपोर्ट भेजी गई। चीफ ने आगे की कार्रवाई के लिए सीबीआई क्राइम ब्रांच प्रथम कार्यालय को फाइल भेज दी। इसके बाद पीई दर्ज करके कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है। इधर, सीबीआई द्वारा पीई दर्ज करने से यूपीपीएससी के अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। वह आगे की कार्रवाई को लेकर सकते में हैं।\r\nयह है पीई दर्ज करने की प्रक्रिया : सीबीआई को जब कोई गड़बड़ी मिलती है तो वह पीई दर्ज करके उसकी जांच आगे बढ़ाती है। जांच अधिकारी पीई दर्ज करने की संस्तुति के लिए सारा ब्योरा सीबीआई चीफ को भेजते हैं। चीफ की अनुमति मिलने के बाद पीई दर्ज करके जांच आगे बढ़ाई जाती है। इसके बाद एफआईआर दर्ज कराई जाती है।\r\nपहले भी दर्ज हुई है पीई : सीबीआई इसके पहले यूपीपीएससी की पीसीएस 2015 में हुई अनियमितता पर एफआइआर दर्ज करा चुकी है, जबकि अपर निजी सचिव 2010 परीक्षा में अनियमितता मिलने पर पीई दर्ज करके जांच की जा रही है। पहले यह परीक्षा सीबीआई के जांच के दायरे में नहीं थी। लेकिन, अन्य परीक्षाओं की जांच के दौरान सीबीआई को अपर निजी सचिव 2010 में भी अनियमितता मिली। इस पर शासन से उसे भी जांच के दायरे में रखने के लिए अनुमति मांगी। शासन की अनुमति मिलने के बाद पीई दर्ज करके जांच की जा रही है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

16-06-2020-प्रयागराज,। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं व रिजल्टों की जांच कर रही सीबीआई को गड़बड़ी होने के पुख्ता सुबूत मिले हैं। चार परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी...

Read Full Article
उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवा होगी शुरू

उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवा होगी शुरू493

👤16-06-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक आवश्यक सेवाओं से संबंधित ओपीडी सेवाएं ही अस्पतालों में चल रही थीं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से अस्पतालों में निर्धारित प्रोटोकाल का पालन कर सभी तरह की ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में भीड़ न हो इसके लिए अस्पताल प्रशासन को विशेष ध्यान देने के लिए निर्देश दिए गए हैं।\r\nनिर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार सभी सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व अन्य अस्पतालों में इंफ्रारेड थर्मामीटर से मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग होगी। मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार ही अस्पताल आ सकेगा। रोगी व उसके तीमारदार को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा। तीमारदार के रूप में 60 वर्ष से अधिक के व्यक्ति, गर्भवती महिला व बच्चों के आने पर रोक रहेगी। ऐसे रोगी जिन्हें सर्दी-जुकाम, बुखार व सांस लेने में दिक्कत होगी उन्हें पृथक कक्ष में बैठाया जाएगा। इन्हें पंजीकरण काउंटर पर जाने की अनुमति नहीं होगी। कक्ष में ही उपचार व जांच की सुविधा दी जाएगी। पंजीकरण काउंटर पर पर्चा बनाने वाले कर्मचारी को मास्क व ग्लव्स पहनना जरूरी होगी। ऐसे स्वास्थ्य केंद्र जहां पर ओपीडी में ज्यादा मरीज आते हैं, वहां एक से अधिक पंजीकरण काउंटर बनाया जाएगा।\r\nनॉन कम्युनिकेबल डिजीज जैसे शुगर व उच्च रक्तचाप आदि के रोगियों को एक महीने की दवा सरकारी अस्पताल में दी जाएगी ताकि उन्हें बार-बार अस्पताल न दौड़ना पड़े। वहीं एक या दो चिकित्सक युक्त प्राइवेट अस्पतालों में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। ओपीडी में आने वाले रोगियों को पहले से ही डॉक्टर समय देंगे। वहीं, एक घंटे में चार से पांच मरीज ही ओपीडी में दिखाने आएंगे। डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को मेडिकल इंफेक्शन प्रीवेंसन प्रोटोकाल का प्रशिक्षण लेना होगा। निजी अस्पताल में मरीज व तीमारदार की स्क्रीनिंग के लिए एक अलग दल गठित किया जाएगा। चिकित्सालय में सुरक्षात्मक उपकरण जैसे ग्लव्स, मास्क और पीपीई किट व सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था करनी होगी।\r\nमालूम हो कि कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद कर दी गईं थी। इसके बाद प्रथम चरण में बीते 24 मई से आवश्यक ओपीडी सेवाएं शुरू करने के निर्देश दिए गए थे। अब दूसरे चरण में सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

16-06-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सभी प्रकार की ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक आवश्यक सेवाओं से संबंधित ओपीडी सेवाएं ही अस्पतालों...

Read Full Article
उत्तर प्रदेश में कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए बना आयोग

उत्तर प्रदेश में कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए बना आयोग561

👤16-06-2020-लखनऊ। कोरोना आपदा काल से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बीच कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग गठित करने का निर्णय लिया है। प्रशासकीय रूप में गठित यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेश के प्रवासी और निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराना है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में आयोग के गठन समेत कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है जिसने कामगारों और श्रमिकों के व्यापक हित में आयोग का गठन किया है। मुख्यमंत्री ने इस आयोग के गठन का निर्देश दिया था। मंगलवार को इसका शासनादेश भी जारी हो गया। सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री या उनके द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री आयोग के अध्यक्ष होंगे। श्रम एवं सेवायोजन मंत्री इसके संयोजक होंगे। आयोग के दो उपाध्यक्ष होंगे जिनमें एक औद्योगिक विकास मंत्री तथा दूसरे सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री होंगे। कृषि मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, पंचायती राज मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन आयोग के सदस्य होंगे। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) आयोग के सदस्य सचिव होंगे। मुख्यमंत्री की ओर से नामित औद्योगिक व श्रमिक संगठनों तथा उद्योगों के विकास और श्रमिक हितों में रुचि रखने वाले पांच जनप्रतिनिधि भी आयोग के सदस्य होंगे। आयोग में अध्यक्ष की ओर से नामित विशेष आमंत्रित सदस्य भी होंगे। आयोग के गैर सरकारी सदस्यों में से महत्वपूर्ण औद्योगिक संगठनों के तीन और श्रमिक संगठनों का एक प्रतिनिधि मुख्यमंत्री की ओर से नामित किए जाएंगे जिनका कार्यकाल दो साल का होगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी से उनके कार्यकाल को बढ़ाया जा सकेगा या उन्हेंं समय से पहले हटाया जा सकेगा।
🕔tanveer ahmad

16-06-2020-लखनऊ। कोरोना आपदा काल से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के बीच कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश...

Read Full Article
'मुझे पसंद करने का दिखावा करते हैं, कॉल रिसीव नहीं करते', सुशांत का पुराना वीडियो वायरल

'मुझे पसंद करने का दिखावा करते हैं, कॉल रिसीव नहीं करते', सुशांत का पुराना वीडियो वायरल426

👤16-06-2020-नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत चले गये मगर अपने पीछे तमाम सवाल छोड़ गये हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया में एक लम्बी बहस को जन्म दे दिया है। सुशांत के फैंस उनके निधन से बेचैन हैं। उनकी बेचैनी उन सवालों में साफ़ नज़र आ रही है, जो वो सोशल मीडिया के ज़रिए उठा रहे हैं और फ़िल्म इंडस्ट्री से सिस्टम से पूछ रहे हैं। इस बहस के बीच सुशांत सिंह राजपूत का एक पुराना वीडियो फिर से वायरल हो रहा है, जिसमें वो यह खुलासा करते हैं कि इंडस्ट्री में उनके दोस्त नहीं हैं। सुशांत के फैंस इस वीडियो को #JusticeForSushantSinghRajput हैशटैग के साथ ट्वीट कर रहे हैं। वीडियो एक इंटरव्यू का है, जो एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी की रिलीज़ के आस-पास का है। वीडियो में रिपोर्टर ने सुशांत से इंडस्ट्री में उनके दोस्तों के बारे में पूछा होगा, जिसके जवाब में वो कहते हैं- मेरे सिर्फ़ दो दोस्त हैं। इस पर साफ़ करते हुए सुशांत आगे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि वो लोगों को उन्हें पसंद नहीं हैं। वो लोगों को पसंद करते हैं, मगर कई बार उन्हें मेरी बातें दिलचस्प नहीं लगतीं। पहली बार में तो वो मुझे पसंद करने का बहाना करते हैं, मगर फिर मेरी कॉल तक रिसीव नहीं करते। इस क्लिप को शेयर करके यूज़र ने लिखा- इस क्लिप में उनका दर्द महूसस कीजिए। मुझे नहीं लगता कि हाल में किसी और सेलेब्रिटी की मौत ने देश को इतना प्रभावित किया है, जितना सुशांत की। साथियों अपनी आंखें खोलिए और देखिए यह इंडस्ट्री कितनी ज़हरीली है।
🕔 एजेंसी

16-06-2020-नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत चले गये मगर अपने पीछे तमाम सवाल छोड़ गये हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया में एक लम्बी बहस को जन्म दे दिया है। सुशांत के फैंस उनके निधन से बेचैन हैं।...

Read Full Article
मांझी के नये पैंतरे से बिहार की सियासत में हलचल, एनडीए को राहत तो महागठबंधन में आफत

मांझी के नये पैंतरे से बिहार की सियासत में हलचल, एनडीए को राहत तो महागठबंधन में आफत690

👤16-06-2020-पटना । हिंदुस्‍तानी आवाम माेर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मुक्त चिंतन उनके अपने और पराये-दोनों को हैरत में डाल रहा है। एनडीए विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गया है। इधर एनडीए को पराजित करने के लिए मैदान में उतरने से पहले महागठबंधन के दल एक-दूसरे को किनारे करने में लग गए हैं। मांझी की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। वे एक ही समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं। भाजपा पर हमलावर हैं। राजद को धमकी दे रहे हैं। बीते पांच साल में उनका राजनीतिक स्टैंड कई बार बदला है। लिहाजा, तय नहीं हो पा रहा है कि विधानसभा चुनाव में मांझी की नाव किस घाट लगेगी। मांझी सहज हैं। सपाट बोलते हैं। सच कहें तो वे महागठबंधन के गैर-राजद दलों की छटपटाहट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। बाकी दलों को राजद से मोलभाव करने में संकोच होता है। सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस की राज्य इकाई सीधे हाथ खींच लेती है कि फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा। विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी भी स्थिर नहीं हैं। उधर, रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा खामोश रह कर इस उठापटक में अपनी बेहतर संभावना देख रहे हैं। सबके दिल की इच्छा जाहिर करने का जिम्मा मांझी पर आ गया है। 
🕔 एजेंसी

16-06-2020-पटना । हिंदुस्‍तानी आवाम माेर्चा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मुक्त चिंतन उनके अपने और पराये-दोनों को हैरत में डाल रहा है। एनडीए विधानसभा...

Read Full Article
शी चिनफिंग का चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर कमजोर हो रहा नियंत्रण, इसी बौखलाहट में भारतीय सीमा पर किया गया हमला

शी चिनफिंग का चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर कमजोर हो रहा नियंत्रण, इसी बौखलाहट में भारतीय सीमा पर किया गया हमला468

👤16-06-2020-हांगकांग। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की देश में कोरोना महामारी के प्रसार और उसके बाद आई बड़ी आर्थिक मंदी के कारण चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर पकड़ कमजोर हुई है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ हिंसक झड़प एक मजबूत नेता के रूप में शी चिनफिंग को नायक के रूप में पेश करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होती है। चीनी मीडिया द्वारा बनाई गई छवि के कारण ऊपर से चीन के एक निर्णायक नेता शी जिनपिंग एक मजबूत नेता दिखाई देते हैं, लेकिन सच्‍चाई इससे कोसों दूर है।\r\nगौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख की गलवन घटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए। वहीं दूसरी तरफ इसमें चीनी सेना के भी पांच सैनिकों के मारे जाने और 11 जवानों के गंभीर तौर पर घायल होने की सूचना है। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार ने सोशल साइट पर यह जानकारी दी है कि चीनी पक्ष को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है। कोरोना ने शी जिनपिंग की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के ऊपर पकड़ की सच्चाई को उजागर कर दिया है। हाल के समय में चीन के आक्रामक व्यवहार का विश्लेषण करते हुए चीनी मामलों के विशेषज्ञ और China Neican के सह संस्थापक एडम नी ने कहा कि उन्होंने कहा कि चीन को कुछ लोग दुर्भावनापूर्ण तरीके से अखंड देश के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पूरी तरह दुर्भावना से ग्रस्त है। इसके नेता विश्व वर्चस्व कायम करने पर जोर देते हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि चीन टुकड़ों में बंटा हुआ है। कम्युनिस्ट पार्टी के नेता ही आपस में ही विरोधाभासी हैं। वे बस कठिन समय में एक दूसरे को जबरदस्ती पकड़े हुए हैं।  
🕔 एजेंसी

16-06-2020-हांगकांग। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की देश में कोरोना महामारी के प्रसार और उसके बाद आई बड़ी आर्थिक मंदी के कारण चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी पर पकड़ कमजोर हुई है। वास्तविक...

Read Full Article
 हिंसक झड़प पर MEA बोला- चीन ने किया यथास्थिति बदलने का प्रयास

हिंसक झड़प पर MEA बोला- चीन ने किया यथास्थिति बदलने का प्रयास975

👤16-06-2020-नई दिल्ली। भारत और चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 15 जून को चीन की ओर से स्थिति बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप ऐसा हुआ। इसमें दोनों पक्षों को नुकसान हुआ, जिससे बचा जा सकता था। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सीमा क्षेत्र में सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से पीछे हटने की प्रक्रिया पर चर्चा कर रहे हैं। सीमा प्रबंधन को लेकर जिम्मेदार रवैये के मद्देनजर भारत सभी काम एलएसी में अपनी सीमा के अंदर ही करता है। चीन से भी ऐसी ही उम्मीद रखता है। भारत सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान को लेकर आश्वस्त है। भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। सीमा पर जारी हालिया तनाव के बीच पेइंचिंग में चीनी उप विदेश मंत्री लुओ झाओहुई से भारतीय राजदूत विक्रम मिसरी ने मुलाकात की।
🕔 एजेंसी

16-06-2020-नई दिल्ली। भारत और चीनी सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)पर हिंसक झड़प को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि 15 जून को चीन की ओर से स्थिति बदलने के प्रयास के परिणामस्वरूप...

Read Full Article
अब आर्थिक पहिया घुमाने पर पीएम मोदी का जोर, यातायात को सुगम बनाने की भी सलाह

अब आर्थिक पहिया घुमाने पर पीएम मोदी का जोर, यातायात को सुगम बनाने की भी सलाह492

👤16-06-2020-दिल्ली। कुछ राज्यों में कोरोना की तेज रफ्तार से देश को सतर्क करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब राज्यों को आर्थिक गतिविधि को धार देने के लिए उत्साहित किया है। एक दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि पूरी सतर्कता और मापदंड के साथ यह कोशिश होनी चाहिए कि आर्थिक गतिविधियों के विशेष क्षेत्रों में चौबीसों घंटे काम हो। यातायात सुगम हो और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए सभी एकजुट होकर उसी तरह काम करें जैसे कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ी। कोरोना काल में मंगलवार को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की छठी डिजिटल बैठक थी। शुरूआती संबोधन में ही प्रधानमंत्री के रुख पूरी तरह सकारात्मक और उत्साहव‌र्द्धक थे। यह दो दिनों की बैठक है और मंगलवार को पंजाब, गोवा, पांडिचेरी, केरल, उत्तर पूर्व के 11 राज्य शामिल थे। ये वे राज्य हैं जहां कोरोना का असर थोड़ा कम होने लगा है। बुधवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गुजरात जैसे वे राज्य शामिल होंगे जहां कोरोना की गति अभी थमी नहीं है। जाहिर है कि बुधवार को प्रधानमंत्री संभवत: कोरोना की रोकथाम पर ज्यादा बोलें। लेकिन मंगलवार को उन्होंने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने जोर दिया। उन्होंने कहा- \'अब ग्रीन शूट्स दिखने लगे हैं। पावर कंजप्शन बढ़ने लगा है। फर्टिलाइजर की बिक्री बीते साल मई के मुकाबले दो गुनी हुई है। खरीफ की बुआई 12 फीसद ज्यादा हुई, ट् व्हीलर भी प्री कोविड काल के मुकाबले 70 फीसद तक पहुंच गया है। डजिटल पेमेंट भी लाकडाउन से पहले की स्थिति पहुंच चुका है, मई में टोल में बढ़ोत्तरी उत्साहित कर रहा है। जून मे एक्सपोर्ट फिर से पिछले साल के मुकाबले खड़ा हो गया है। यह हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।\'\r\nपूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ा: पीएम मोदी\r\nप्रधानमंत्री ने राज्यों से अपेक्षा की कि जिस तरह पूरा देश एकजुट होकर पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ा है उसी तरह उद्योगों को बढ़ावा देने में जुटेगा। पिछले दिनों में कई राज्यों में यातायात पर पाबंदी दिखी। प्रधानमंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि जहां जरूरी नही हो वहां रोक नहीं होनी चाहिए। ध्यान रहे कि कुछ दिन पहले ही गृह मंत्रालय की ओर से भी राज्यों को याद दिलाया गया था कि नौ बजे रात के बाद का कफ्र्यू बेवजह घूमने वालों के लिए है। सामान लेकर जा रहे ट्रकों के लिए नहीं। सप्लाई चेन को बेवजह नहीं तोड़ें। जाहिर तौर पर पीएम मोदी ने इन आंकड़ों के जरिए विपक्षी सवालों का भी जवाब दिया वहीं लाकडाउन और अनलाक पर भी अपनी राय रख दी। प्रधानमंत्री ने इसका उल्लेख किए बगैर कहा- \'किसी भी संकट से निपटने के लिए टाइमिंग का महत्व होता है। सही समय पर लिए गए फैसले के कारण कोरोना संकट से निपटने में मदद मिली है। जब विश्व में कोरोना पर चर्चा भी नहीं शुरू हुई थी तह हमने फैसले लेने शुरू कर दिए थे।\' भविष्य में जब कभी इसका अध्ययन होगा तो यह याद किया जाएगा किस तरह संघवाद ने एक साथ मिलकर काम किया।
🕔 एजेंसी

16-06-2020-दिल्ली। कुछ राज्यों में कोरोना की तेज रफ्तार से देश को सतर्क करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब राज्यों को आर्थिक गतिविधि को धार देने के लिए उत्साहित किया है। एक...

Read Full Article

सोशल मीडिया

खबरें ज़रा हट के...

  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

    View Article
  • अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप

    08-05-2021-
    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

    View Article
  • पोखरे में मिली युवती की नग्‍न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

    30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...

    View Article
  • रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?

    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

    View Article
  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

    View Article