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राजधानी में तीन क्षेत्र हुए हाॅटस्पाट सूची से बाहर, अब बचे आठ इलाके

राजधानी में तीन क्षेत्र हुए हाॅटस्पाट सूची से बाहर, अब बचे आठ इलाके922

👤15-05-2020-
लखनऊ। मेडिकल प्रोटोकॉल के दृष्टिगत कोविड-19 हेतु निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत आज राजधानी से तीन क्षेत्रों को हाट स्पॉट की श्रेणी से हटा दिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के मुताबिक इस समय कुल 8 हाट स्पॉट क्षेत्र बचे है। आज रामदास का हाता, कैंट, मालवीय नगर मोतीझील तथा बिरहाना रकाब गंज निर्धारित समयावधि पूर्ण हो चुकी है, तत्क्रम में इन्हें हॉटस्पॉट की सूची से बाहर कर दिया गया है बाकी सभी जगहों पर लॉक डाउन का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। \r\n\r\nथाना कैंट मस्जिद अलीजान के आस पास का क्षेत्र\r\nथाना कैसरबाग मस्जिद फूलबाग /नजरबाग के आस पास का क्षेत्र\r\nथाना कैसरबाग नया गांव पश्चिम (नजीराबाद रोड)\r\nतोप खाना थाना कैंट\r\nकटरा अज़मबेग नियर एक्ज़न स्कूल नख्खास\r\nकैसरबाग सब्जी मंडी व जम्बूर खाना मछली मोहाल के आस पास का क्षेत्र\r\nखंदारी लेन, लाल बाग़\r\nनई बस्ती इरादत नगर जलिलिया मदरसा के आस पास का क्षेत्र\r\n\r\nराजधानी से मिली नौ मरीजों को छुट्टी\r\n \r\nकोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद शुक्रवार को लोकबंधु अस्पताल से नौ मरीजों को छुट्टी दे दी गई। इनमें से पांच मरीज कैसरबाग व सब्जीमंडी के हैं। जबकि तीन मरीज तोपखाना और 20 वर्षीय एक युवती कानपुर नगर की निवासी है। कैसरबाग व सब्जीमंडी के डिस्चार्ज होने वाले पांच मरीजों में आठ वर्षीय एक बच्चा व 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला भी शामिल है। वहीं तोपखाना में एक 37 वर्षीय पुरुष, एक तीस वर्षीय महिला व एक 20 वर्षीय युवती की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। लिए 205 नमूने: स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को प्रशासन व पुलिस के साथ मिलकर 258 घरों का भ्रमण किया। सर्विलांस व कांटैक्ट ट्रैसिंग के आधार पर इस दौरान कुल 205 नमूने लेकर जांच को भेजे गए। इनमें से 150 नमूने कैसरबाग क्षेत्र से लिए गए हैं। तीन सदस्यीय 12 टीमों ने भानपुर व भगवंत खेड़ा इलाके में संक्रमण मुक्ति अभियान चलाया।  
🕔tanveer ahmad

15-05-2020-
लखनऊ। मेडिकल प्रोटोकॉल के दृष्टिगत कोविड-19 हेतु निर्धारित व्यवस्था के अंतर्गत आज राजधानी से तीन क्षेत्रों को हाट स्पॉट की श्रेणी से हटा दिया गया है। जिलाधिकारी अभिषेक...

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कृषि क्षेत्र में तीन बड़े कानूनी सुधारों की घोषणा, किसानों की निश्चित आमदनी और हितों पर सरकार का जोर

कृषि क्षेत्र में तीन बड़े कानूनी सुधारों की घोषणा, किसानों की निश्चित आमदनी और हितों पर सरकार का जोर285

👤15-05-2020-
नई दिल्ली। तात्कालिक लाभ की गुंजाइश जरूर कम है लेकिन कोरोना काल में सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसानों को पुरानी बेडि़यों से मुक्त कर खुला आकाश दे दिया है। सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन, एपीएमसी एक्ट और एग्रीकल्चर प्रोड्यूस प्राइस एंड क्वालिटी एश्योरेंस जैसे तीन बड़े सुधारों को हरी झंडी देकर न सिर्फ अऩ्नदाता की झोली भरने की राह बना दी बल्कि बल्कि भारत को दुनिया का प्रमुख खाद्यान्न आपूर्ति का केंद्र बना सकता है। दरअसल यह ऐसा फैसला है जो चुनौती को अवसर का काल बना सकता है।  अभी तक किसान राज्यों के एग्रीकल्चरल प्रोड्यूश मार्केटिंग कमेटी एक्ट (APMC Act) के दायरे में आते थे। उसी कानून के तहत किसान अपनी उपज निश्चित मंडी के लाइसेंसधारी आढ़ती को बेचने के लिए बाध्य़ होता रहा है। कृषि उपज के अंतरराज्यीय कारोबार करने की छूट मिल गई है। जबकि इस तरह का प्रतिबंध किसी और उत्पाद पर नहीं लगाया गया है। सरकार ने किसानों को इससे मुक्त करने की घोषणा की है। कृषि क्षेत्र के लिए दूसरा कानूनी सुधार आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 में किया गया है। इस कानून की प्रतिबंधित सूची से अनाज, कृषि खाद्य सामग्री, तिलहन, खाद्य तेल, दालें, प्याज औ आलू को बाहर कर दिया गया है। इससे इस क्षेत्र में जहां निवेश बढ़ेगा वहीं किसानों को उनकी उपज का बेहतर प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त होगा।  आर्थिक पैकेज की घोषणा के क्रम में तीसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और उससे संबद्ध विभिन्न क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्‍चर को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रावधान किए हैं। राहत पैकेज में कृषि क्षेत्र के साथ पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, खाद्य प्रसंस्करण, जड़ी-बूटी, शहद उत्पादन और आपरेशन ग्रीन की कमजोर कडि़यों को सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया है। राहत पैकेज में कृषि क्षेत्र के लिए लगभग 1.65 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की। कृषि क्षेत्र में कानूनी सुधार की लंबे समय से अटकी गाड़ी को एक झटके में पटरी पर ला दिया है। इससे किसान अब \'कभी भी और कहीं भी\' अपनी उपज बेफिक्र होकर ले जाने और बेचने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा। सरकार इसके लिए एक केंद्रीय कानून लाएगी। 

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15-05-2020-
नई दिल्ली। तात्कालिक लाभ की गुंजाइश जरूर कम है लेकिन कोरोना काल में सरकार ने कृषि क्षेत्र और किसानों को पुरानी बेडि़यों से मुक्त कर खुला आकाश दे दिया है। सरकार ने आवश्यक...

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श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी ने करवाया हॉट फोटोशूट, तस्वीरों में देखें उनका बोल्ड लुक

श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी ने करवाया हॉट फोटोशूट, तस्वीरों में देखें उनका बोल्ड लुक294

👤15-05-2020-
नई दिल्ली। टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी इंडस्ट्री की दुनिया से कोसों से दूर हैं, लेकिन फिर वो अपनी फोटोज़ की वजह से सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। पलक का खूबसूरत लुक हमेशा चर्चा में रहता है। पलक की खूबसूरत और हॉट फोटोज़ अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं। पलक सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहती हैं। हाल ही में पलक ने अपने इंस्टाग्राम पर कुछ हॉट फोटोज़ शेयर की हैं, वैसे ऐसा उन्होंने पहली बार नहीं किया है। लॉकडाउन के चलते घर पर वक्त बिता रहीं पलक ने अपना ग्लैमरस फोटोशूट करवाया है। इन फोटोज़ में पलक सिंपल होने के बाद भी काफी खूबसूरत दिखाई दे रही हैं। फोटोज़ में पलक ने मेहरून कलर का टॉप और ब्लैक ट्राउज़र पहना हुआ है। इस आउटफिट के साथ उन्होंने अपने बालों को खुला छोड़ा है। इन फोटोज़ में पलक ने मेकअप का भी काफी कम इस्तेमाल किया है। हर फोटो में पलक अलग तरह से पोज़ देती नज़र आ रही हैं। कुल मिलाकर पलक की हर फोटो काफी अट्रेक्टिव लग रही है। \r\nमेकअप लिए इतने महंगे प्रोडक्ट यूज़ करती हैं पलक :\r\nमदर्स डे पर श्वेता तिवारी ने पलक के मेकअप के बारे में बताया था। पिंकविला से बातचीत में श्वेता ने बताया था कि पलक के एक-एक आईशेडो 7-8 हज़ार रुपए के आते हैं। श्वेता ने बताया, ‘पलक का 16वां जन्मदिन था। वो शॉपिंग के लिए गई और 1 लाख 80 हज़ार का मेकअप का सामान लेकर आई। बस उसके बाद मैंने सोच लिया कि अब मुझे एक और लड़की नहीं चाहिए, मुझे बेटा चाहिए। मैंने अपने घरवालों से कह दिया अब मैं एक बेटा चाहती हूं और एक लड़की के इतने खर्चे मैं उठा नहीं पाऊंगी\'। आपको बता दें कि पलक तिवारी श्वेता तिवारी के पहले पति राजा चौधरी की बेटी हैं।
🕔tanveer ahmad

15-05-2020-
नई दिल्ली। टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी की बेटी पलक तिवारी इंडस्ट्री की दुनिया से कोसों से दूर हैं, लेकिन फिर वो अपनी फोटोज़ की वजह से सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। पलक का...

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लाक_डॉउन तक चलता रहेगा खाद्यान्न किट वितरण का कार्य - फ़िरदौस ख़ान

लाक_डॉउन तक चलता रहेगा खाद्यान्न किट वितरण का कार्य - फ़िरदौस ख़ान782

👤15-05-2020-
सोहावल अयोध्या\r\nलगभग 2 महीने से चल रहे लाक डाउन से अपनी रोजी रोटी गवां चुके लगभग ढाई सौ गरीब मजदूरों को आज रौनाही गांव में एसडीएम सोहावल ज्योति सिंह व सोहावल ब्लाक प्रमुख फिरदोस खान ने सामूहिक रूप से 25 किलो का राशन किट गरीबों मजदूरों को वितरित किया। इस अवसर पर एसडीएम ज्योति सिंह ने कहा की फिरदोस खान ने भारी मात्रा में खाद्यान्न किट गरीबों में बांट कर अच्छा कार्य किया है ।सोहावल ब्लाक प्रमुख फिरदोस खान ने बताया बड़े भाई हाजी फिरोज खान गब्बर की प्रेरणा से लगभग 2 माह से मेरा परिवार अनवरत गरीबों मजदूरों में खाद्यान्न वितरण कर रहा है तथा जब तक लाक डाउन चलेगा खाद्यान्न वितरण का यह कार्य चलता रहेगा \r\nज्ञातव्य हो कि फिरदोस खान के बड़े भाई हाजी फिरोज खान गब्बर जोकि जुबेर गंज पशु बाजार के प्रोपराइटर भी हैं गत विधानसभा चुनावों में बसपा से बीकापुर वा रुदौली के रनर प्रत्याशी भी रह चुके हैं ।इस मौके पर तहसीलदार विजय कुमार सिंह, नायब तहसीलदार विनय बरनवाल ,शोएब खान, जावेद खान, गुलाम जिलानी, गाजी अनवर खान, अशोक पासी ,मोहम्मद आमिर खान, नफीस खान, रमजान खान, दयाशंकर भारती, बबलू गौतम, खून खून खान वह पूर्व प्रधान खुर्शीद खान सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
🕔tanveer ahmad

15-05-2020-
सोहावल अयोध्या\r\nलगभग 2 महीने से चल रहे लाक डाउन से अपनी रोजी रोटी गवां चुके लगभग ढाई सौ गरीब मजदूरों को आज रौनाही गांव में एसडीएम सोहावल ज्योति सिंह व सोहावल ब्लाक प्रमुख...

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मुजफ्फरनगर घटना:सीएम योगी ने दिए जाँच के आदेश, आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश

मुजफ्फरनगर घटना:सीएम योगी ने दिए जाँच के आदेश, आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश415

👤14-05-2020-
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मुज़फ्फरनगर में एक सड़क दुर्घटना में पंजाब से बिहार जा रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।  मुख्यमंत्री ने सभी घायलों का समुचित उपचार कराने तथा मृतकों के पार्थिव शरीर बिहार राज्य भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रूपए की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।  गौरतलब है कि उप्र के मुजफ्फरनगर में पैदल ही अपने घर लौट रहे मजदूरों को रोडवेज बस ने रौंद दिया है। गुरुवार तड़के हुई इस घटना में 6 मजदूरों की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने मंडलायुक्त सहारनपुर को दुर्घटना के कारणों की जांच तथा इसके लिए दोषी का उत्तरदायित्व निर्धारित करने के भी निर्देश दिए हैं। ज्ञातव्य है कि इस दुर्घटना से सम्बंधित बस के चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

🕔tanveer ahmad

14-05-2020-
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद मुज़फ्फरनगर में एक सड़क दुर्घटना में पंजाब से बिहार जा रहे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त...

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इतना ऊपर उड़ना भी ठीक नहीं कि जमीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाय : अखिलेश यादव

इतना ऊपर उड़ना भी ठीक नहीं कि जमीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाय : अखिलेश यादव743

👤14-05-2020-
लखनऊ। समाजवादी पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मुजफ्फरनगर में प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसे में मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि \'इतना ऊपर उड़ना भी ठीक नहीं कि जमीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाय। गुरुवार को सुबह अखिलेश यादव ने ट्वीट किया “ उप्र के मुजफ्फरनगर बस हादसे में प्रवासी मज़दूरों की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी है।  श्री यादव आगे लिखते हैं कि \'पहले ट्रेन और अब बस हादसा, मज़दूरों की ज़िंदगी इतनी सस्ती क्यों. ‘वंदे भारत मिशन’ में क्या देश की गरीब जनता नहीं आ सकती। इतना ऊपर भी उड़ना ठीक नहीं कि ज़मीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाए। एक दिन पहले सपा सुप्रीमो श्री यादव ने ट्वीट किया था कि \'ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन गरीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊंचाईयों पर पहुंचने के बाद, संकट के समय में भी उन गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। 

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14-05-2020-
लखनऊ। समाजवादी पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को मुजफ्फरनगर में प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसे में मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है। इसके साथ ही...

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केंद्र का पावर सेक्टर पैकेज निजी बिजली उत्पादन घरानों को मदद का तोहफा-शैलेन्द्र दुबे

केंद्र का पावर सेक्टर पैकेज निजी बिजली उत्पादन घरानों को मदद का तोहफा-शैलेन्द्र दुबे 595

👤14-05-2020-लखनऊ। ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित पावर सेक्टर पैकेज को निजी बिजली उत्पादन घरानों के लिए राहत पैकेज करार दिया है। संगठन ने मांग की है कि राज्यों की बिजली वितरण और उत्पादन कंपनियों को इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार कर्ज के बजाये अनुदान दे, तभी बिजली कम्पनियां इस संकट में कार्य कर सकेंगी।
राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां नहीं कर पायेंगी पैकेज का उपयोग 
ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों को जो 90,000 करोड़ रुपये का पैकेज देने का ऐलान किया है। इसमें साफ लिखा है कि यह धनराशि निजी बिजली उत्पादन घरों, निजी पारेषण कंपनियों और केंद्रीय क्षेत्र के बिजली उत्पादन घरों का बकाया अदा करने के लिए दी जा रही है और राज्यों की बिजली वितरण कंपनियां इसका कोई और उपयोग नहीं कर सकेंगी। दुबे ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि यह रिलीफ पैकेज निजी घरानों के लिए है न कि राज्य की सरकारी बिजली कंपनियों के लिए। इतना ही नहीं तो राज्य की वितरण कम्पनियां इस धनराशि का उपयोग राज्य के सरकारी बिजली उत्पादन घरों से खरीदी गई बिजली का भुगतान करने हेतु भी नहीं कर सकती हैं जिनसे राज्यों को सबसे सस्ती बिजली मिलती है।
राज्यों की बिजली कंपनियों के लिए पैकेज में कुछ नहीं
उन्होंने कहा कि निजी बिजली उत्पादन घरों और केंद्रीय क्षेत्र के बिजली उत्पादन घरों का कुल बकाया 94,000 करोड़ रुपये है और केंद्र सरकार ने 90,000 करोड़ रुपये दिए है तो और स्पष्ट हो जाता है कि राज्यों की बिजली कंपनियों के लिए इस पैकेज में कुछ नहीं है। केंद्र सरकार यह धनराशि राज्य सरकारों द्वारा  गारंटी देने पर कर्ज के रूप में दे रही है और यह समझना मुश्किल नहीं है कि लॉकडाउन के चलते भारी नुकसान उठा रही राज्यों की बिजली वितरण कम्पनियां इस कर्ज को कैसे अदा करेंगी। उन्होंने कहा कि इसलिए यदि सचमुच केंद्र सरकार मदद करना चाहती है तो कर्ज के बजाय उसे अनुदान देना चाहिए। 
सरकारी विभागों पर 70,000 करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया 
ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने यह सवाल भी उठाया कि केंद्र व राज्य के सरकारी विभागों पर बिजली वितरण कंपनियों का 70,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व बकाया है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही सरकारी विभागों का बकाया 13,000 करोड़ रुपये से अधिक है। यदि सरकार अपना बकाया ही दे दे तो राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों को केंद्र सरकार से कोई कर्ज लेने की जरूरत नहीं रहेगी। 
उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में निजी घरानों की चिंता के साथ सरकारों को अपने बिजली राजस्व के बकाये का भुगतान भी सुनिश्चित करना चाहिए अन्यथा 90,000 करोड़ रुपये के इस कर्ज के बोझ तले दबी वितरण कम्पनियां कैसे और कब तक अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर सकेंगी | 
एक ही मामले में दो मापदण्ड 
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि घोषित पैकेज में कहा गया है कि इस संकट के दौरान केंद्रीय उपक्रमों की बिजली उत्पादन कम्पनियां राज्यों की वितरण कंपनियों को न खरीदी गई बिजली के फिक्स चार्ज को नहीं लेंगी जबकि इस मामले में निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को न खरीदी गई बिजली के फिक्स चार्ज लेने का अधिकार दिया गया है। इस प्रकार एक ही मामले में दो मापदण्ड से स्पष्ट हो जाता है कि यह घोषणा निजी घरानों के लिए मदद का तोहफा है जबकि राज्यों की सरकारी बिजली कंपनियों पर कर्ज और बिना बिजली खरीदे निजी घरानों को फिक्स चार्ज देने का भार उठाना होगा। 
70 प्रतिशत ग्रामीण जनता के हित में पहल की अपील
ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि कोरोना महामारी के संकट में राज्यों की बिजली कंपनियों पर डाले गए कर्ज को अनुदान में बदले जिससे आने वाली खरीफ की फसल और देश की 70 प्रतिशत ग्रामीण जनता के हित में बिजली वितरण कम्पनियां सुचारु रूप से कार्य कर सकें। 
🕔tanveer ahmad

14-05-2020-लखनऊ। ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित पावर सेक्टर पैकेज को निजी बिजली उत्पादन घरानों के लिए राहत पैकेज करार दिया है। संगठन ने...

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उप्र में अब तक डेढ़ लाख से अधिक कोरोना नमूनों की हुई जांच

उप्र में अब तक डेढ़ लाख से अधिक कोरोना नमूनों की हुई जांच18

👤14-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जांच की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा जांच के निर्देश दिये हैं, जिससे वास्तविक स्थिति का अन्दाजा होने के साथ समय पर इलाज शुरू किया जा सके। इसकी बदौलत बुधवार को यह आंकड़ा 6000 के करीब पहुंच गया, जो अभी तक का रिकार्ड है। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक डेढ़ लाख से अधिक कोरोना टेस्ट हो चुके हैं।   
अब प्रतिदिन 10,000 कोराना नमूनों की जांच का लक्ष्य
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को 5,833 कोरोना नमूनों की जांच की गई। यह एक दिन में अभी तक की सबसे अधि​कतम जांच है। इससे पहले मंगलवार को कुल 5,405 कोरोना नमूनों की जांच की गई थी। शुरुआत में जहां मात्र 200-300 नमूनों की जांच हो पा रही थी। वहीं इसके बाद से संख्या बढ़कर 1000 से 2000 के बीच पहुंची। प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धि से इसमें और इजाफा हुआ तथा अब ये 5,000 से 6,000 के बीच में पहुंच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेस्टिंग क्षमता में और वृद्धि करते हुए इस सप्ताह के अन्त तक इसे 10,000 टेस्ट प्रतिदिन करने के निर्देश दिये हैं। 
अब तक किये जा चुके हैं 1,53,139 टेस्ट 

वहीं प्रदेश में बुधवार को 370 पूल टेस्ट के माध्यम से जांच की गई। इनमें से 27 पूल पॉजिटिव पाये गये। इसके साथ ही बुधवार को कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच का आंकड़ा 1.50 लाख के ऊपर चला गया। राज्य में सरकारी और निजी लैब के जरिए अब तक 1,53,139 टेस्ट किये जा चुके हैं।  
प्रदेश में 1730 कोरोना मामले, 1973 मरीज हुए ठीक
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि बेहतर इलाज की बदौलत अब राज्य में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या लगातार कुल संक्रमित मरीजों से ज्यादा दर्ज की जा रही है। इस समय प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 1730 मामले हैं। वहीं अब तक 1973 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं।
इससे पहले उन्होंने बुधवार को कोरोना संक्रमण के 1744 मामले और उपचारित मरीजों की संख्या 1902 बतायी थी। वहीं सोमवार को घर भेजे जाने वाले मरीजों की संख्या 1758 और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1735 दर्ज की गई थी। 
3.01 करोड़ लोगों के बीच पहुंची स्वास्थ्य टीमें
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंचकर सर्वेश्रण कर रही हैं। 73,131 टीमें 60,66,476 घरों के बीच सम्पर्क के लिए पहुंची है। इस दौरान 3,01,14,730 लोगों से सम्पर्क किया है। लक्षण मिलने वालों की जांच करायी गई।
कोरोना के इलाज को राज्य में त्रिस्तरीय अस्पताल ​एल-1, एल-2, एल-3 व्यवस्था के तहत 55,000 बेड का इंतजाम हो चुका है। इनमें 1,823 बेड पर कोरोना संक्रमित व अन्य हैं। वहीं 
फैसिलिटी क्वारंटाइन में 9,834 लोग हैं।  
निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन 06 माह के लिए बढ़ाया
प्रमुख सचिव,स्वास्थ्य ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कल वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जनपदों के इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों से बात की थी। इसमें उन्होंने निजी अस्पतालों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने सम्बन्धित जनपदों में नाॅन कोविड इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराएं। इस पर अस्पतालों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने की बात कही। 
उनके आग्रह पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन छह महीने के लिए बढ़ाने के निर्देश दिये। इस सम्बन्ध में आज आदेश जारी किया जा रहा है। आयुष्मान भारत के तहत निर्धारित दरों पर मरीजों का इलाज करने वाले सूचीबद्ध अस्पतालों, नर्सिंग होम को राज्य सरकार पीपीई किट 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराएगी। 
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

14-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर जांच की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिदिन ज्यादा से ज्यादा जांच के निर्देश दिये हैं,...

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राज्य महिला आयोग की सदस्य ने मुस्लिम महिलाओं को इफ्तार के लिए दी जरूरत की चीजें

राज्य महिला आयोग की सदस्य ने मुस्लिम महिलाओं को इफ्तार के लिए दी जरूरत की चीजें215

👤14-05-2020-
लखनऊ । रमजान के पाक माह में मुस्लिम महिलाओं के इफ्तार के लिए राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने आज जरूरत की चीजें वितरित की। सुनीता बंसल ने महिलाओं से खुद को कोरोना महामारी से बचाने की अपील भी की। इंदिरा नगर क्षेत्र में गुरुवार को राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने मुस्लिम महिलाओं से संपर्क किया और रमजान माह में रोजा इफ्तार से जुड़ी जानकारी ली। मुस्लिम महिलाओं ने रमजान माह में आ रही कठिनाइयों की उनको जानकारी कराई।  सुनीता बंसल ने इसके बाद अपने वाहन से जरूरत की चीजें चना, बेसन, सरसों का तेल, चीनी, चायपत्ती के सामग्रियों की बोरियां मंगाई और उसमें से सभी चीजें निकालकर मुस्लिम महिलाओं में वितरित किया। इस दौरान राज्य महिला आयोग के सहकर्मी उनके साथ रहे।

🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

14-05-2020-
लखनऊ । रमजान के पाक माह में मुस्लिम महिलाओं के इफ्तार के लिए राज्य महिला आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने आज जरूरत की चीजें वितरित की। सुनीता बंसल ने महिलाओं से खुद को कोरोना...

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उप्र में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में पहली बार काफी गिरावट दर्ज

उप्र में सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों में पहली बार काफी गिरावट दर्ज928

👤14-05-2020-
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अशोक कटारिया ने गुरुवार को कहा कि सड़क सुरक्षा सीधे जनमानस के हित से जुड़े होने के कारण सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वर्ष 2019-20 में सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित आंकड़ों में काफी कमी आई है। 

दुर्घटनाओं-मृतकों की संख्या में अभी तक हर वर्ष होता रहा इजाफा 
उन्होंने कहा कि विगत समय में जहां दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में प्रत्येक वर्ष वृद्धि हो रही थी, वहीं वर्ष 2019-20 में पहली बार इन आंकड़ों में काफी गिरावट देखी गई है। परिवहन मंत्री ने कहा कि इस गिरावट के प्रमुख कारणों में सड़क सुरक्षा विषय पर सार्वजनिक चर्चा से आम जनमानस में बढ़ती जागरूकता, सघन प्रवर्तन कार्य, निरीक्षण कार्य एवं लाइसेंसिंग का ऑटोमेशन और मोटर यान अधिनियम में संशोधन है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह के अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक त्रैमास में अतिरिक्त सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन कर जनता को जागरूक किया जा रहा है।
सड़क दुर्घटना में 4.13 प्रतिशत, मृतकों की संख्या में 2.42 प्रतिशत कमी
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में विगत वर्ष के सापेक्ष सड़क दुर्घटनाओं में 4.13 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 2.42 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें होने वाली मृत्यु की संख्या में गत वर्ष 2019 के जुलाई माह से गिरावट आना शुरु हुई है। इस वर्ष मार्च माह में भी गत वर्ष की अपेक्षा सड़क दुर्घटनाओं में 22 प्रतिशत एवं मृतकों की संख्या में 20 प्रतिशत की कमी आई है। 
2019 में सड़क दुर्घटनाओं में 22,115 व्यक्तियों की मौत 
उन्होंने बताया कि इससे स्पष्ट है कि परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा किए जा रहे समेकित प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं एवं उनसे होने वाली मृत्यु में रोक लगी है। सकल तौर पर वर्ष 2019 में कुल 41,494 सड़क दुर्घटनाओं में 22,115 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जबकि विगत वर्ष कुल 43,282 सड़क दुर्घटनाओं में 22,663 व्यक्तियों की मृत्यु हुई थी।
चालानों की संख्या में 41 प्रतिशत वृद्धि
उन्होंने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में किये गए 48,35,657 चालान के सापेक्ष वर्ष 2019 में 68,14,633 चालान किये गये। इस प्रकार चालानों की संख्या में 41 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2019 में यातायात नियमों का पालन नहीं करने वाले 6949 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किये गए। 
ओवर स्पीडिंग पर 13,291 चालान
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पहली बार सड़क के किनारे अनधिकृत ढंग से खड़े वाहनों के विरुद्ध भी विशेष अभियान चलाकर 60,913 चालान किया गया। परिवहन विभाग द्वारा प्रत्येक जोन में उपलब्ध इंटरसेप्टर वाहनों का सक्रिय उपयोग करते हुये ओवर स्पीडिंग के विरुद्ध 13,291 चालान किए गए।
हेलमेट का प्रयोग न करने वाले 27,77,483 लोगों का चालान
परिवहन आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा हेलमेट, सीट बेल्ट, मोबाइल फोन, ओवरस्पीडिंग के संबंध में चालान पर विशेष बल दिया गया। परिवहन एवं पुलिस विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में हेलमेट का प्रयोग न करने वाले 27,77,483 लोगों, सीट बेल्ट न पहनने वाले 4,63,215 लोगों, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने वाले 1,05,992 लोगों, ड्रंकन ड्राइविंग करने वाले 19,693 लोगों तथा ओवर स्पीडिंग के आरोप में 1,14,606 लोगों के चालान किए गए।
🕔tanveer ahmad

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