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000 करोड़ पहुंचा भिवाड़ी का फार्मा कारोबार, 6 कंपनियों ने नए प्लांट भी डाले

000 करोड़ पहुंचा भिवाड़ी का फार्मा कारोबार, 6 कंपनियों ने नए प्लांट भी डाले484

👤13-05-2021-कोरोना काल में भिवाड़ी के फार्मा उद्योगों में कारोबार दोगुना हो गया है। करीब 500 करोड़ रुपए के कुल टर्नओवर वाले यहां की फार्मा कंपनियों का कुल कारोबार 1000 करोड़ रुपए पार कर गया है। फार्मा कारोबार में आए उछाल के बाद छह बड़ी कंपनियों ने तो भिवाड़ी में ही अपने अन्य प्लांट डाल लिए हैं। भिवाड़ी का फार्मा कारोबार दुनियाभर में प्रसिद्ध है।यहां करीब 46 कंपनियों में 15 हजार से अधिक लोग काम करते हैं। कोरोनाकाल में जहां दुनियाभर के उद्योग धंधों को हानि पहुंचाई। वहीं भिवाड़ी का फार्मा उद्योग नित नए आयाम लिखता गया। दवा की बढ़ती मांग के बाद भिवाड़ी की ग्रेक्योर फॉर्मास्युटिकल, एल्कोन, अरविंदो ग्रुप की ओरोनेस्ट, मेडिकामेन, कुसुम हेल्थ केयर व अलका लेबोरेटरी ने अपने नए प्लांट डाल लिए।72 फीसदी कच्चा माल चीन से आ रहा, इसलिए कीमत बढ़ीकेंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की हाल में जारी रिपोर्ट के अनुसार काफी तनातनी के बाद भी दवा उद्योग में चीन की निर्भरता कम नहीं हो पा रही है। गत वर्ष भी भारत को 72 फीसदी से अधिक कच्चा माल चीन से मंगवाना पड़ा। इतना ही नहीं पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए कच्चे माल के लिए भारत की चीन पर निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है। सीडीएससीओ के अनुसार दुनियाभर में 80 फीसदी तक जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने वाला भारत कच्चे माल के लिए चीन पर निर्भर है। वर्ष 2018 में 66.53, 2019 में 72.40 और साल 2020 में 72.15 फीसदी कच्चा माल चीन से आयात हुआ है।पैरासिटामोल में ढाई गुना की बढ़ोतरी
हालांकि यह भी सही है कि दवा उद्योग में भारत के बढ़ते प्रभाव के बाद अब चीन भी सकपका गया है। उसने कच्चे माल की कीमतों में भी काफी हद तक बढ़ोतरी की है। सालभर पहले तक पैरासिटामोल की गोली के लिए 320 रुपए प्रति किलोग्राम एपीआई उपलब्ध होती थी।
लेकिन अब इसमें ढाई गुना तक फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। अब यह माल भारतीय कंपनियों को 700 रुपए प्रति किलोग्राम में मिल रहा है। इसके अतिरिक्त विटामिन ई ऑयल 1400 रुपए किलो से बढ़कर 2200 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। प्रिंटिंग भी 570 प्रति फायल बढ़ गई है।रोजगार भी मजदूरों की संख्या भी 15 हजार से 25 हजार हुईइनके नए प्लांट डालने एवं फार्मा उद्योग के दोगुना होने के बाद इस क्षेत्र में मजदूरों की संख्या भी 15 हजार से बढ़कर 25 हजार से अधिक हो गई है। एक्सल लेबोरेटरी प्राइवेट लिमिटेड के डीजीएम रंजन मेहता ने बताया कि छह बड़ी कंपनियों के बाजार में अपना काम बढ़ाने से निश्चित तौर पर फार्मा उद्योग की हालत मजबूत होगी। अब हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं स्वास्तिक इंडस्ट्रीज की निदेशक नीना भार्गव के अनुसार फार्मा उद्योग अपनी दोगुनी रफ्तार से चल रहा है।


🕔 एजेंसी

13-05-2021-कोरोना काल में भिवाड़ी के फार्मा उद्योगों में कारोबार दोगुना हो गया है। करीब 500 करोड़ रुपए के कुल टर्नओवर वाले यहां की फार्मा कंपनियों का कुल कारोबार 1000 करोड़ रुपए पार कर गया...

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सरकार स्टील के चुनिंदा प्रकारों पर आयात शुल्क में कटौती को तैयार

सरकार स्टील के चुनिंदा प्रकारों पर आयात शुल्क में कटौती को तैयार219

👤11-05-2021-नई दिल्ली । घरेलू बाजार में स्टील के बढ़ते दाम को देखते हुए सरकार इसके आयात शुल्क में कटौती पर विचार कर रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि बहुत से सेक्टरों की छोटी व मझोली कंपनियों (एमएसएमई) के लिए स्टील बेहद महत्वपूर्ण कच्चा माल है। घरेलू बाजार में पिछले कुछ समय के दौरान स्टील के दाम तेजी से बढ़े हैं और एमएसएमई की लागत पर नकारात्मक असर पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि एमएसएमई सेक्टर की इन दिक्कतों को देखते हुए सरकार स्टील पर आयात शुल्क घटाकर शून्य या उसके आसपास लाने पर विचार कर सकती है।सूत्रों ने कहा कि एक बैठक में स्टील उत्पादों के दाम की समीक्षा का फैसला लिया गया है। इसके तहत चुनिंदा स्टील उत्पादों पर आयात शुल्क पूरी तरह खत्म कर देने या इसे घटाकर शून्य के आसपास लाने पर विचार हुआ। इसकी वजह यह है कि इन उत्पादों के उपयोगकर्ता उद्योगों को घरेलू बाजार में इनके बढ़ते दामों की वजह से उत्पादन में काफी दिक्कत आ रही है। फिर, कोरोना संकट के चलते देश की प्रमुख स्टील उत्पादक कंपनियों के अधिकतर संयंत्रों को आपूर्ति की जाने वाली ऑक्सीजन फिलहाल अस्पतालों और अन्य उन संस्थाओं को जा रही है। इससे ज्यादातर स्टील प्लांट इस वक्त परिचालन में नहीं हैं और बाजार में स्टील की किल्लत हुई है। यह भी घरेलू बाजार में स्टील उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है।सरकार घरेलू बाजार में मांग और आपूर्ति में अंतर को पाटने के लिए आयातित स्टील पर जोर दे रही है। इसलिए भी स्टील आयात पर शुल्क घटाना जरूरी हो गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए इस वर्ष फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नॉन-एलॉय, एलॉय व स्टेनलेस स्टील के सेमी, फ्लैट और लांग प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क घटाकर एकसमान 7.5 फीसद कर दिया था। पहले इन पर 10-12.50 फीसद शुल्क लगता था। इन उत्पादों पर आयात शुल्क घटाकर शून्य या उसके आसपास लाने पर विचार हो रहा है। घरेलू बाजार में स्टील के दाम में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए वित्त मंत्री ने स्टील स्क्रैप पर आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया था। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि शुल्क घटाकर 2.5 फीसद किया जाए या शून्य पर ले आया जाए, इस बारे में विचार चल रहा है। वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) जल्द शुल्क में कटौती की घोषणा कर सकता है।उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और कोल्ड रोल्ड कॉयल (सीआरसी) के दाम में खासा बढ़ोतरी हुई है। इससे एचआरसी का दाम करीब 56,000 रुपये प्रति टन और सीआरसी का दाम लगभग 87,000 रुपये प्रति टन पर जा पहुंचा है।

🕔 एजेंसी

11-05-2021-नई दिल्ली । घरेलू बाजार में स्टील के बढ़ते दाम को देखते हुए सरकार इसके आयात शुल्क में कटौती पर विचार कर रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि बहुत से सेक्टरों की छोटी व मझोली कंपनियों...

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शेयर बाजार में कोरोना से घबराहट:हफ्तेभर में मेटल और सरकारी कंपनियों के शेयरों ने दिया 10% से ज्यादा रिटर्न,

शेयर बाजार में कोरोना से घबराहट:हफ्तेभर में मेटल और सरकारी कंपनियों के शेयरों ने दिया 10% से ज्यादा रिटर्न,203

👤08-05-2021-बढ़ते कोरोना संक्रमण से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी है। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन से लेकर रोजगार के मोर्चे स्थिति ठीक नहीं। इसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है।डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल भी बाजार पर दबाव बना रही है। हालांकि, देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम में तेजी से बाजार बीते हफ्ते लगातार तीन दिन हरे निशान में बंद हुआ।उतार चढ़ाव भरा रहा बाजार की चाल
बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स हफ्तेभर में 424 पॉइंट चढ़कर 49,206 पर और निफ्टी 192 पॉइंट ऊपर 14,823 पर पहुंच गया। इस दौरान मेटल, सरकारी कंपनियों और IT सेक्टर के शेयरों में अच्छा प्रदर्शन किया। निवेशकों दोनों सेक्टर से 10% तक का रिटर्न मिला।
BSE पर लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप जो 3 मई को 208.07 लाख करोड़ रुपए था, वो 7 मई तक बढ़कर 211.24 लाख करोड़ रुपए हो गया। दरअसल बाजार को अच्छे तिमाही नतीजों का भी सपोर्ट मिल रहा है। हीरो मोटोकॉर्प, रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित IT कंपनियों के उम्मीद से बेहतर नतीजों से खरीदारी का सेंटीमेंट बना।HDFC का रिजल्ट उम्मीद से बेहतर, शेयर पर 3000 रुपए का टार्गेट
7 मई को HDFC ने चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए। NBFC सेक्टर की प्रमुख कंपनी को जनवरी से मार्च के दौरान 3,180 करोड़ रुपए का प्रॉफिट हुआ। ब्याज से होने वाली कमाई भी 4,065 करोड़ रुपए रही।रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अभिजीत तिब्रेवाल के मुताबिक HDFC ने मजबूत तिमाही नतीजे जारी किए। निवेशकों के लिए शेयर पर हमारी सलाह खरीदारी की होगी। इसके लिए 3,000 रुपए का लक्ष्य होगा, जो अभी 2,491 रुपए पर है।
कोरोना के नए मामलों और रुपए की कमजोरी से बाजार पर बन सकता है दबाव
लेकिन आने वाले दिनों में बाजार में दबाव बनने की आशंका है। क्योंकि देश में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने में समय है और अमेरिकी सहित दुनिया की अन्य इकोनॉमी रिकवर कर रही हैं, जिससे डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हो रहा है। नतीजा यह है कि विदेशी निवेशक घरेलू बाजार से पैसा निकाल रहे हैं।
निफ्टी को 15 हजार के पार करने के लिए 14,750 के जोन पर टिके रहना होगा
हालांकि मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट और डेरिवेटिव एनालिस्ट चंदन तापड़िया मानते हैं अगले हफ्ते की शुरुआत में निफ्टी के 14,600 से 15,000 पॉइंट के दायरे में रह सकता है।उन्होंने कहा कि निफ्टी को 15,000 -15,050 के जोन में जाने के लिए 14,750 के जोन में टिके रहना होगा। नीचे की ओर निफ्टी के लिए 14700 -14600 जोन में सपोर्ट नजर आ रहा है।

🕔 एजेंसी

08-05-2021-बढ़ते कोरोना संक्रमण से आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी धीमी पड़ने लगी है। लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन से लेकर रोजगार के मोर्चे स्थिति ठीक नहीं। इसका असर...

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नारी शक्ति:कर्नाटक के चित्रदुर्गा की लक्षम्मा ने 20,000 रुपए में शुरू की थी मसाला फैक्ट्री

नारी शक्ति:कर्नाटक के चित्रदुर्गा की लक्षम्मा ने 20,000 रुपए में शुरू की थी मसाला फैक्ट्री12

👤18-04-2021-कर्नाटक के चित्रदुर्गा राज्य में मारूति मसाला ने चार दशक पहले महिलाओं को रोजगार देने के लिए मसाला फैक्ट्री की शुरुआत की थी। इस फैक्ट्री की शुरुआत 1979 में एच लक्षम्मा ने की जो पढ़ना-लिखना भी नहीं जानती थीं। लक्षम्मा का ये मानना था कि हमें सिर्फ कच्चे मसाले ही नहीं बेचना चाहिए बल्कि इसमें कुछ और भी एड करने की जरूरत है। अपने छोटे से घर में लक्षम्मा ने 20,000 रुपए से मसाले बेचने की शुरुआत की। ये उनकी मेहनत ही है जिसके बल पर उनकी फैक्ट्री सेंट्रल कर्नाटक की सबसे बड़ी मसाला मेकिंग फर्म बनीं। यहां मसाला पीसने की अति आधुनिक मशीनें हैं जिन्हें महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। इस फैक्ट्री की सफलता को देखते हुए लक्षम्मा का बेटा नागराज भी उनके साथ बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा है। उसने बताया कि यहां कई महिलाएं हमारे साथ पिछले तीन दशकों से काम कर रही हैं। इन महिलाओं की मेहनत की वजह से ही फैक्ट्री का काम आगे बढ़ा है। नागराज ये भी मानते हैं कि महिलाएं हर काम को गंभीरता के साथ पूरा करती हैं। उनकी समझदारी के कारण फूड वेस्टेज को कम करने से रोका जा सकता है।इस मसाला फैक्ट्री के उत्पाद समाज के हर तबके तक पहुंचते हैं। यहां मिलने वाले पैकेट में 50 ग्राम मसाले से लेकर 1 किलो तक पैकेट भी हैं जो निम्न वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। यहां बनने वाले मसालों में सांभर पाउडर, मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, चिकन मसाला, मटन मसाला, गरम मसाला, वांगीभात, बिसिबेले भात मसाला प्रमुख है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

18-04-2021-कर्नाटक के चित्रदुर्गा राज्य में मारूति मसाला ने चार दशक पहले महिलाओं को रोजगार देने के लिए मसाला फैक्ट्री की शुरुआत की थी। इस फैक्ट्री की शुरुआत 1979 में एच लक्षम्मा ने की...

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अहमदाबाद की पहली दिव्यांग महिला ऑटो ड्राइवर अंकिता शाह, नौकरी के लिए दर-दर भटकी फिर करने लगी ड्राइविंग,

अहमदाबाद की पहली दिव्यांग महिला ऑटो ड्राइवर अंकिता शाह, नौकरी के लिए दर-दर भटकी फिर करने लगी ड्राइविंग,878

👤18-04-2021-अंकिता जब एक साल की थी तब उसके दाहिने पैर में पोलियो हो गया। उसे इस बात की खुशी है कि विपरीत परिस्थतियों के बीच भी माता-पिता ने उसका साथ दिया और पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। उसने ईकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया। 2009 में काम की तलाश में वे गुजरात से अहमदाबाद आ गईं। अंकिता ने बताया कि यहां कई जगह इंटरव्यू दिए पर हर जगह से रिजेक्ट कर दिया गया। कुछ कंपनी में उन्हें ये कहकर नकार दिया गया कि उनके दिव्यांग होने की वजह से कंपनी का नाम खराब होगा। अंकिता के परिवार में सात लोग है जिनकी जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। 2019 में अंकिता के पिता को कैंसर हो गया। तब उसने काम के लिए यहां-वहां भटकने के बजाय खुद अपना काम शुरू करने का फैसला किया। उसने अपने एक ऑटो ड्राइवर फ्रेंड लालजी बरोत से ऑटो चलाना सीखा। लालजी बरोत खुद भी दिव्यांग हैं। उन्होंने कस्टमाइज्ड ऑटो रिक्शा खरीदने में भी अंकिता की मदद की। अंकिता ऑटो चलाने के लिए रोज सुबह 10:30 बजे घर से निकल जाती हैं और रात को 8:30 बजे घर पहुंचती हैं। इस तरह ऑटो ड्राइविंग से उन्हें 25,000 रुपए महीने की कमाई होती है। अंकिता चाहती हैं कि उनकी कहानी हर उस दिव्यांग महिला के लिए प्रेरणा बने जो अपनी लाचारी की वजह से कई तकलीफें उठाकर भी कुछ करने का साहस नहीं जुटा पाती।

🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

18-04-2021-अंकिता जब एक साल की थी तब उसके दाहिने पैर में पोलियो हो गया। उसे इस बात की खुशी है कि विपरीत परिस्थतियों के बीच भी माता-पिता ने उसका साथ दिया और पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित...

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 वित्तीय आजादी के लिए एक्सपर्ट की सलाह अनुसार इस तरह बनाए योजना

वित्तीय आजादी के लिए एक्सपर्ट की सलाह अनुसार इस तरह बनाए योजना969

👤10-04-2021-नई दिल्ली। वित्तीय आजादी का मतलब अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर अच्छा और आश्वस्त महसूस करना होता है। आप इस बात को लेकर आश्वस्त रहते हैं कि आप अपनी मौजूदा और लंबी अवधि की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर पाने में सक्षम हैं। वित्तीय आजादी पाने के लिए मैराथन में दौड़ने जैसे अनुशासन और समर्पण की जरूरत होती है। वित्तीय आजादी पाने के लिए आपको कुछ बेसिक कार्य करने होंगे। आपको वित्तीय लक्ष्य तय करना होगा, बजट बनाना होगा, अपने कर्ज को मैनेज करना होगा, स्थिर जीवनशैली अपनानी होगी, धन जुटाने के लिए सोच-समझकर निवेश करना होगा और जानकारी व परामर्श हासिल करना होगा। 
 टर्म लाइफ इंश्योरेंस- यह आपकी सालाना आय का 10 गुना होना चाहिए।- इसके बाद 5:15:50 के सिद्धांत को अपनाइए। यह प्रारंभिक निवेश का सबसे अच्छा सिद्धांत है। 5%: अपनी आय की पांच फीसद राशि से इमरजेंसी फंड क्रिएट कीजिए। इसके लिए लिक्विड या अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म फंड्स में निवेश कीजिए। 15%: अपनी आमदनी की 15 फीसद राशि का इस्तेमाल रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए किया जाना चाहिए। इसके लिए अपनी उम्र के हिसाब से इक्विटी डाइवर्सिफाइड फंड्स, हाइब्रिड फंड्स और डेट फंड्स में निवेश करिए।
50%: अपनी मासिक आय की 50 फीसद राशि का इस्तेमाल अपने जीवनयापन के खर्च के लिए कीजिए। आमदनी में बढ़ोत्तरी के साथ इसमें कमी आएगी और निवेश बढ़ेगा।30%: अगर आप छुट्टियों पर जाना चाहते हैं या कार, घर खरीदना चाहते हैं या बच्चे के करियर या शादी इत्यादि के लिए पैसे इकट्ठा करना चाहते हैं तो अपनी आमदनी के 30 फीसद हिस्से से एक बढ़िया फंड बना सकते हैं।
🕔 एजेंसी

10-04-2021-नई दिल्ली। वित्तीय आजादी का मतलब अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर अच्छा और आश्वस्त महसूस करना होता है। आप इस बात को लेकर आश्वस्त रहते हैं कि आप अपनी मौजूदा और लंबी अवधि की...

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रेपो रेट जस का तस रखे जाने से होम बायर्स को फायदा, मंसूबा बांधते रहने वाले कस्टमर्स के लिए खरीदारी का मौका

रेपो रेट जस का तस रखे जाने से होम बायर्स को फायदा, मंसूबा बांधते रहने वाले कस्टमर्स के लिए खरीदारी का मौका999

👤07-04-2021-
रिजर्व बैंक ने आज जो रेपो रेट को 4% पर जस का तस रखने का फैसला किया है, वह मकान खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। जानकारों के मुताबिक यह इस बात का संकेत माना जा सकता है कि हाल फिलहाल तो होम लोन की ब्याज दरें बढ़ने वाली नहीं हैं। उनका कहना है कि वैसे तो लोन की दरें पहले से ही काफी कम हैं, लेकिन रेट कट होता तो रियल एस्टेट को ज्यादा बढ़ावा मिलता।रेट कट होने पर सेक्टर में ज्यादा पैसा आतास्टर्लिंग डेवलपर्स के चेयरमैन और एमडी रमणी शास्त्री कहते हैं कि रियल्टी सेक्टर रोजगार पैदा करने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में बड़ा रोल अदा करता है। ऐसे में RBI से उम्मीद थी कि वह मकानों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट घटाएगा। बेशक इस सेक्टर की उम्मीदें हमेशा रेट कट पर टिकी रही है और इस बार ऐसा होता तो सेक्टर में ज्यादा पैसा आता।मंसूबा बांधते रहने वाले खरीद सकते हैं मकानजानकारों का यह भी कहना है कि वैसे रेट कट नहीं होने से होम बायर्स को कोई दिक्कत नहीं। होम लोन रेट पहले से ही सबसे निचले लेवल पर है और इसका फायदा उनको मिलता रहेगा। मकानों की मांग निकलती रह सकती है और अब तक मंसूबा बांधते रहने वाले कस्टमर मकान खरीद सकते हैं। देश की ग्रोथ का जो अनुमान लगाया गया है उसको पूरा करने में रियल एस्टेट अहम रोल अदा कर सकता है।कट से मांग में मजबूती को बढ़ावा मिलतारिजर्व बैंक के रेपो रेट नहीं घटाने से यह साफ हो गया है कि लोन की दरें जल्द नहीं बढ़ेंगी। यील्डएसेट रियल एस्टेट टेक के को-फाउंडर रियाज मनियर का कहना है कि रेट कट होने पर मांग में बनी मजबूती को बढ़ावा मिलता। यील्डएसेट नए जमाने की प्रॉपर्टी टेक स्टार्टअप है जो इंस्टीट्यूशनल ग्रेड की कमर्शियल प्रॉपर्टी में फ्रैक्शनल ओनरशिप की सुविधा देती है।मनियर के मुताबिक, रियल्टी सेक्टर में रिकवरी और ग्राहकों का भरोसा, दोनों कायम रखने के लिए लो रेट जरूरी है। हर सेक्टर में सरकार के चौतरफा खर्च से लंबे समय के लिए तरक्की की राह खोल दी है जिसका फायदा रियल्टी सेक्टर को भी मिलेगा।हाई GDP ग्रोथ रियल एस्टेट के लिए फायदेमंदबेनेट एंड बर्नाड ग्रुप के फाउंडर और चेयरमैन लिंकन बेनेट रॉड्रिग्ज के मुताबिक, रियल एस्टेट की कम इंटरेस्ट रेट की मांग हमेशा रही है लेकिन इस समय रेट कट नहीं होने की वजह समझी जा सकती है। वैसे रिहायशी मकानों की मांग बढ़ रही है और इस ट्रेंड को जारी रखने की जरूरत है। इसमें रेट कट से मदद मिल सकती थी।लिंकन बेनेट रॉड्रिग्ज के मुताबिक, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने 2021 में इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ 12.5% रहने का अनुमान दिया है जो रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी फायदेमंद होगा। ऐसे में ग्रोथ में अहम योगदान करने वाले रियल्टी सेक्टर पर खास ध्यान देने की जरूरत है।
🕔 एजेंसी

07-04-2021-
रिजर्व बैंक ने आज जो रेपो रेट को 4% पर जस का तस रखने का फैसला किया है, वह मकान खरीदने की चाहत रखने वालों के लिए अच्छी खबर है। जानकारों के मुताबिक यह इस बात का संकेत माना जा सकता...

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सोने की कीमतों में तेजी, हाजिर बाजार में चांदी भी हुई महंगी

सोने की कीमतों में तेजी, हाजिर बाजार में चांदी भी हुई महंगी475

👤31-12-2020-नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने एवं चांदी की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 235 रुपये की बढ़त के साथ 49,675 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इससे पिछले सत्र में यानी बुधवार को सोने का दाम 49,440 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा था। सिक्योरिटीज के अनुसार दिल्ली में चांदी की कीमत 273 रुपये की तेजी के साथ 67,983 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। इससे पिछले सत्र में चांदी की कीमत 67,710 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही थी। 

वैश्विक स्तर पर सोने-चांदी की कीमतअंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने एवं चांदी की कीमत की बात की जाए तो दोनों की कीमतें सपाट रही। वैश्विक स्तर पर सोने का भाव 1,894 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रहा था। इसी तरह चांदी की कीमत 26.52 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेंड कर रही थी।  एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा, \'\'कोई बहुत महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं होने और मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच इस सप्ताह सोने की ट्रेडिंग एक निश्चित दायरे के भीतर हुई। महामारी की वजह से आर्थिक रिकवरी की चिंताओं से मूल्यवान धातुओं की कीमतों को थोड़ा बल मिला और उसकी गिरावट सीमित रही।\'\' 
🕔 एजेंसी

31-12-2020-नई दिल्ली । घरेलू सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने एवं चांदी की कीमतों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने...

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वित्त मंत्रालय ने 2019-20 के लिए आईटीआर फाइल करने की समय सीमा बढ़ाई, जानिए नई तारीख

वित्त मंत्रालय ने 2019-20 के लिए आईटीआर फाइल करने की समय सीमा बढ़ाई, जानिए नई तारीख695

👤30-10-2020-नई दिल्ली, वित्त मंत्रालय ने 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की विस्तारित नियत तारीख को नॉटीफाई किया है। व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने के लिए 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है, इसके अलावा ऐसे करदाता जिनके खातों का ऑडिट होना है, उन्हें 31 जनवरी, 2021 तक का समय मिल रहा है। मतलब तारीख को 31 जनवरी, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। नांगिया एंडरसन एलएलपी पार्टनर संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि हालांकि सरकार ने पिछले सप्ताह आईटीआर और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की तारीखों को बढ़ाने की घोषणा की थी, लेकिन इसमें एक अस्पष्टता थी।झुनझुनवाला ने कहा कि आज की अधिसूचना से सब कुछ साफ हो गया है। नतीजतन, सभी भारतीय और विदेशी कंपनियां जो टैक्स ऑडिट के लिए उत्तरदायी नहीं हैं या ट्रांसफर प्राइसिंग डॉक्यूमेंट्स का रखरखाव नहीं करती हैं, अब 31 जनवरी, 2021 तक आईटीआर फाइल कर सकती हैं, जबकि टैक्स ऑडिट के लिए जो व्यक्ति उत्तरदायी नहीं है वे 31 दिसंबर 2020, तक अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करेंगे।सरकार ने इससे पहले मई में COVID-19 महामारी के कारण करदाताओं को राहत देते हुए ITR दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई से 30 नवंबर तक बढ़ा दी थी। CBDT ने तब अपने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस संकट के चलते करदाताओं को पेश आ रही परेशानियों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।अगर कोई टैक्सपेयर समय से आयकर नहीं भरता है तो उसपर 10 हजार तक का जुर्माना लग सकता है। ऐसे में टैक्सपेयर्स को बीलेटेड रिटर्न फाइल करने से बचना चाहिए। अगर कोई टैक्सपेयर रिटर्न फाइल करने में देरी करता है तो हर महीने 1 पर्सेंट के सिंपल इंट्रेस्ट के हिसाब से उसे पेनाल्टी जमा करना होगा।

🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-10-2020-नई दिल्ली, वित्त मंत्रालय ने 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की विस्तारित नियत तारीख को नॉटीफाई किया है। व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा आईटीआर दाखिल...

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गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम, लॉकडाउन में 11 मई से सस्‍ता सोना खरीदने का मौका

गोल्‍ड बॉन्‍ड स्‍कीम, लॉकडाउन में 11 मई से सस्‍ता सोना खरीदने का मौका 554

👤09-05-2020-
नई दिल्‍ली। कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन के बीच सरकार सस्‍ते में सोना खरीदने का अवसर दे रही है। केंद्र सरकार की ओर से वित वर्ष 2020-21 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड की दूसरी सीरीज सोमवार से ओपन हो रही है। यदि आप सोना खरीदने का सोच रहें हैं, तो इस सीरिज में आप सोना को सस्‍ते में खरीद सकते हैं। भारत सरकार की यह स्‍कीम 11 मई से लेकर 15 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी। 
सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड में सबसक्रिप्शन के बाद निवेशकों को बांड जारी किए जाएंगे। इस स्कीम में निवेशक, निवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इस चरण के लिए भाव 4,590 प्रति ग्राम तय की गई है, जबकि पहले चरण के लिए इश्यू भाव 4,639 रुपये प्रति ग्राम था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पहला इश्यू 20 अप्रैल से 24 अप्रैल 2020 तक खुला था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वाला एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। इसके साथ ही स्कीम के तहत निवेश पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा। आरबीआई के एक बयान के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस 4,590 प्रति ग्राम तय किया गया है। बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन और भुगतान पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। इस छूट के साथ इस बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,540 रुपये प्रति ग्राम होगा। इस स्कीम के अंतगर्त सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम के सोने के बराबर होगा। उल्‍लेखनीय है कि कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 4 किलो ग्राम सोने का बॉन्‍ड खरीद सकता है, जबकि कोई ट्रस्ट और संगठन के लिए 20 किलो ग्राम सोने का बॉन्‍ड खरीद सकता है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 8 साल है. लेकिन यदि कोई समय से पहले बॉन्ड बेचना चाहता है तो उसे पांच साल का इंतजार करना होगा। इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी। सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुने गए पोस्ट ऑफिस, एनएसई और बीएसई के जरिए बिक्री होती है। रिजर्व बैंक के अनुसार , अप्रैल सीरीज बॉन्‍ड को 17.73 लाख यूनिट के लिए करीब 822 करोड़ रुपये का सब्सक्रिप्शन मिला था, जो कि अक्टूबर 2016 के बाद का सबसे ज्यादा सब्सक्रिप्शन था।   
🕔 एजेंसी

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नई दिल्‍ली। कोविड-19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन के बीच सरकार सस्‍ते में सोना खरीदने का अवसर दे रही है। केंद्र सरकार की ओर से वित वर्ष 2020-21 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड की...

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