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शादीशुदा जिदंगी में बराबरी के लिए अब नया सरनेम अपना रहे हैं कपल्स

शादीशुदा जिदंगी में बराबरी के लिए अब नया सरनेम अपना रहे हैं कपल्स523

👤25-03-2020-
पारंपरिक तौर पर शादी के बाद महिलाओं को अपना आखिरी नाम बदलकर पति का नाम धारण करना पड़ता है। लेकिन, आज की युवा पीढ़ी इन बातों से वास्ता नहीं रखती क्योंकि उनके अनुसार एक महिला को शादी करने के कारण अपनी पहचान से समझौता नहीं करना चाहिए। अगर महिला अपना आखिरी नाम नहीं बदलना चाहती तो ये उसकी मर्जी होनी चाहिए।आजकल युवा दंपति एक समान नाम चुन रहे हैं ताकि वे एक नए परिवार की शुरुआत कर सकें। 31 वर्षीय ताशा मेंट और उनके पति जो मेंट ने मेंट शब्द का चुनाव किया, जिसका मतलब स्पेनिश भाषा में माइंड होता है। दोनों के सरनेम अलग-अलग थे, लेकिन उन्होंने एक दूसरे के प्रति अपने सम्मान को दर्शाने के लिए एक नाम का चयन किया।अभी आम प्रचलन नहीं है नाम में बदलाव- 
नामों में इस तरह का परिवर्तन अभी आम प्रचलन में नहीं है। जर्नल ऑफ फैमिली इश्यूज में प्रकाशित एक शोध के अनुसार 2018 में सिर्फ तीन फीसदी पुरुषों ने अपने नाम में बदलाव किया। लेकिन, ये प्रचलन अब बढ़ रहा है क्योंकि पति- पत्नी अब एक- दूसरे को बराबर का दर्जा देने लगे हैं। सीएटल की केलसी डिप्पोल्ड और उनके पति नेट जॉनसन ने दोनों का आखिरी नाम मिलाकर जोहनॉल्ड नाम बनाया।न्यूली नेम्ड नामक कंपनी की संस्थापक कोली क्रिस्टेनसेन ने कहा, ज्यादातर नव दंपति अपने आखिरी की नामों को जोड़कर एक नया नाम बना रहे हैं। उनकी कंपनी ऑनलाइन लोगों को नए नाम का सुझाव देती है। उन्होंने कहा की समाज अब भी नाम में इस तरह की बदलाव को मानने के लिए तैयार नहीं है। साथ में नाम में इस तरह के बदलाव से प्रशासनिक कार्यों में भी परेशानी आती है। ज्यादातर सरकारी विभाग नामों के इस बदलाव को स्वीकार नहीं करते।कुछ दंपति ही इस नए प्रचलन को बढ़ावा दे रहे हैं। 2015 में गूगल की ओर से किए गए एक कंज्यूमर सर्वे की अनुसार अब महिलाएं शादी की बाद अपने पहले की नाम को ही बरकरार रख रही हैं, लेकिन फिर भी सिर्फ 20 फीसदी महिलाएं ही ऐसा कर रही हैं। वही, सिर्फ 10 फीसदी महिलाएं ही नए नाम का चुनाव कर रही हैं।प्रशासनिक कार्यों में हो रही परेशानी- 
31 वर्षीय एश्ले ने कहा, समाज हमेशा नाम में हो रहे ऐसे परिवर्तन को समर्थन नहीं देता। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने आखिरी नाम स्टल और अपने पति के नाम मेयर्स को साथ मिलाकर एक नया नाम बनाया तो ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण कराते समय उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ प्रशासनिक लोग अपने सिस्टम को नाम में होने वाले परिवर्तनों को लेकर तैयार नहीं करना चाहते। उनका कहना होता है कि कंप्यूटर सिस्टम और सरकारी आवेदनों में नाम का बदलाव नहीं किया जा सकता।इसके बाद सभी जगहों पर नाम का परिवर्तन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इवेंट प्लानर सामंथा बेलिंगगर ने कहा, महिलाएं सिर्फ शादी के प्रमाणपत्र की मदद से अपने नाम में परिवर्तन कर सकती हैं, लेकिन पुरुषों को नाम बदलने के लिए अदालत में जाना पड़ता है।
 
पुरुषों को कम प्रभावकारी माना जाता है-
 नेवाडा यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह जानने की कोशिश की गई कि जिन पुरुषों की पत्नियों ने उनका आखिरी नाम नहीं लगाया था, लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं। शोधकर्ताओं ने यूके और यूएस आधारित अंडरग्रेजुएट्स के साथ ऑनलाइन सर्वे किया। इस सर्वे में उनसे एक ऐसी परिकल्पना करने को कहा गया, जिसमें एक महिला ने शादी के बाद अपना आखिरी नाम नहीं बदला था। इसके बाद उनसे पति के व्यक्तित्व के बारे में सवालों के जवाब देने को कहा गया। नतीजों में सामने आया कि पत्नी के इस फैसले के आधार पर ऐसे पुरुषों को कम प्रभावशाली माना गया।
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
पारंपरिक तौर पर शादी के बाद महिलाओं को अपना आखिरी नाम बदलकर पति का नाम धारण करना पड़ता है। लेकिन, आज की युवा पीढ़ी इन बातों से वास्ता नहीं रखती क्योंकि उनके अनुसार एक महिला...

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कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य

कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य601

👤25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थय संगठन ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान’ आज से प्रश्तोत्तरी की शुरुआत कर रहा है। साथ ही हमारा प्रयास होगा कि आपके हर सवाल का विषय विशेषज्ञों से हासिल कर आप तक पहुंचाना-क्या कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाने का मतलब सिर्फ मौत है?
जी नहीं, बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। अकेले भारत में तीस से ज्यादा मरीज इलाज कराकर घर लौट चुके हैं और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। पूरी दुनिया में करीब एक लाख लोग पूरी तरह दुरुस्त हो चुके हैं। हालांकि, यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है। वैश्विक स्तर पर अभी तक के आंकड़े बताते हैं कोरोना वायरस की वजह से बीमार लोगों में सिर्फ 1.5 से 2.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है।अगर किसी में बिना लक्षण दिखे वायरस फैल सकता है तो हम कैसे जानें कि कौन संक्रमित है या नहीं?
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी अस्पताल में आपदा और परिचालन चिकित्सा के प्रमुख डॉ जेम्स फिलिप्स कहते हैं कि निश्चित रूप से यह गंभीर सवाल है क्योंकि अभी तक कोई ऐसा तथ्य नहीं सामने आया है जिससे तुरंत इस बीमारी के लक्षण पहचान लिए जाएं। इसका सबसे आसान तरीका यही है कि जिसे भी जुकाम-सर्दी या बुखार थोड़ी सी भी परेशानी महसूस हो वह खुद ही अन्य लोगों से अपने आप को अलग कर ले। ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले। हो सकता है कि उसे सामान्य खांसी-जुकाम हो लेकिन यह परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसे कोरोना का संक्रमण है या नहीं। इसलिए बेहतर है कि आप खुद को बचाएं जिससे अन्य लोग भी खतरे से बच जाएंगे।खांसी-जुकाम और बुखार होने पर तुरंत टेस्ट कराना जरूरी है क्या?
दिल्ली एम्स के पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. करण मदान कहते हैं, कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। अगर आपको लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खांसी है तो घर पर आराम करें और खूब सारा तरल पदार्थ लें। लेकिन जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं और इसलिए इस वक्त इन दोनों में अंतर करना मुश्किल है। ऐसे में अगर आपकी नाक बह रही है, हल्का सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार है तो आप ज्यादा से ज्याद आराम करें। इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें। क्या यह सच है कि सिर्फ बुजुर्ग इस बीमारी के निशाने पर हैं?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। हालांकि, अमेरिका में यह बातें गलत साबित हुई हैं। वहां बड़ी संख्या में युवा भी इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। वैज्ञानिक अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सांस से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।अगर मैं बीमार नहीं हूं तो भी क्या मुझे खुद को पृथक कर लेना चाहिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है। वैसे तो कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। लेकिन यदि आप उन क्षेत्रों में नहीं रहते हैं, तो सावधानी बरतें। सार्वजनिक जगहों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कहीं से घर में आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं। यदि आपको संदेह है कि आप बीमार हैं या हाल ही में एक ऐसे क्षेत्र से लौटे हैं, जहां इस वायरस का प्रकोप होने की सूचना मिली है, तो घर पर रहें।क्या हवा से भी फैल रहा कोरोना वायरस ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक के शोध से पता चला है कि यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सांस लेने/ सांस छोड़ने, खांसने और छींकने की वजह से फैल रहा है। संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि अधिकांशत: यह वायरस सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। हालांकि, इस वायरस के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं।क्या बीमारी से बचने के लिए सब लोगों को मास्क पहन लेना चाहिए
साक्ष्य बताते हैं कि मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता। अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रांसफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई ज्यादा लाभ तो नहीं होगा लेकिन ज्यादातर लोग एक साथ पहनकर निकलें तो दहशत फैल सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य मास्क इस बीमारी पर बेअसर होता है, इसलिए कई परत वाले मास्क का प्रयोग करें। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खतरा भी है। लोग गलत तरीके से मास्क पहन लेते हैं और वे बार-बार चेहरे को छूकर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। एम्स के डॉक्टर प्रोफेसर करण मदान का कहना है कि वैसे तो एन95 मास्क बेहतर है, लेकिन अन्य बाकी मास्क भी इस वायरस से सुरक्षा देते हैं। सबसे जरूरी है हाथ धोना।क्या यह किराने के सामान से भी फैल सकता है?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर कहते हैं कि जब भी आप किराने का सामान खरीदें तो सबसे पहले तो डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की बाहरी परत को जरूर पोछें। उसके बाद तुरंत हाथ धुलें। सब्जियां और फल आप धुलते ही हैं, इस समय थोड़ा और बेहतर तरीके से धुलें और हां हमेशा हाथ जरूर धुलते रहें। इससे ज्यादा बचाव का कोई उपाय नहीं है। किराने की दुकान पर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। किसी से हाथ न मिलाएं।क्या मुझे खाने का सामान इकट्ठा कर लेना चाहिए?
इसकी कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आप ऐसा करेंगे तो अन्य लोग भी आपकी देखादेखी सामान इकट्ठा करेंगे। इससे मांग बढ़ेगी और कालाबाजारी का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि जितना जरूरी है सिर्फ उतना सामान ही खरीदें। हालांकि, आप चाहें तो आवश्यक दवाएं जरूर महीने भर का खरीद कर रख सकते हैं।\'बड़ी संख्या में लोग बोतलबंद पानी जमा करके रख रहे हैं क्या पानी का संकट हो सकता है?
नहीं, बोतलबंद पानी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप सामान्य रूप से नल का पानी पीते हैं, तो इसे पीते रहना ठीक है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ एंथोनी फौसी ने *कहा कि वह और उसकी पत्नी अभी भी नल का पानी पी रहे हैं। इसलिए बिल्कुल भी डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं। और हां, इस समय ज्यादा से ज्यादा पानी *पीएं। हो सके तो गुनगुना पानी पीएं। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी।
\' मेरे बच्चे का स्कूल बंद है और अब हमें एक दाई की जरूरत है। मैं अपने परिवार को घर में किसी नए व्यक्ति के साथ कैसे सुरक्षित रखूं?बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इसके लिए कुछ उपाय बताए हैं। स्कूल के मुताबिक, वैसे तो बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि परिवार का ही कोई सदस्य साथ हो लेकिन फिर भी आवश्यक हो तो सिर्फ एक दाई चुनें। उसे बताएं कि उसे किन नियमों का पालन करना है। लगातार हाथ धोना है और जुकाम-बुखार की हालत में बच्चे को बिल्कुल भी नहीं छूना है। उसे अन्य लोगों से नहीं मिलना है और हो सके तो उसे अपने पास ही रखें। दाई को बता दें कि थोड़ी सी भी बीमारी महसूस होने पर उसे आपके घर नहीं आना चाहिए।क्या इस घातक वायरस को दहशत के मकसद से फैलाया गया?स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ये सब अटकलें हैं और ऐसे दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातें सिर्फ भ्रम और बेचैनी बढ़ाती हैं और लोगों को तथ्यों और वास्तविकता के साथ रहना चाहिए। बीते दिनों अमेरिका और चीन ने एक दूसरे पर इस वायरस को फैलाने का आरोप लगाया लेकिन कहीं से पुष्टि नहीं हो पाई कि वायरस किसी ने फैलाया है। चीन में इसका सर्वाधिक असर देखा गया और आज करीब 170 देशों तक इसका प्रकोप फैल चुका है। महामारी का यह संकट कब खत्म होगा?निश्चित तौर पर कोई नहीं जानता कि यह संकट कब खत्म होगा। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि गर्मी के महीनों तक इसका प्रकोप कम हो सकता है लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बताना बहुत जल्दबाजी होगी। अभी तक के परीक्षणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तापमान का इस वायरस पर कितना और कैसा असर हो रहा है। हार्वर्ड के डॉ मार्क लिप्सिच कहते हैं कि गर्मी का महीना खत्म होने तक बहुत सारे लोगों पर इसका असर होगा और शायद तब इसके प्रसार में कुछ कमी आए।स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां...

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कोरोना फैलने से रोकने के लिए यह तरीका कैसे है कारगर

कोरोना फैलने से रोकने के लिए यह तरीका कैसे है कारगर395

👤25-03-2020-
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। ऐसे में कोरोना से बचने और इसके संक्रमण से बचने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में 14 दिन सेल्फ आइसोलेशन में रहकर इस बीमारी को रोकने की बात शुरू से कही जा रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे 14 दिन की कैलकुलेशन क्या है? पहले यह समझें- सेल्फ आइसोलेशन क्या है?
सेल्फ-आइसोलेशन का मतलब है अपने आप को बाकी दुनिया से काट लेना। सेल्फ आइसोलेशन के दौरान आपको घर पर रहना होता है। काम पर, स्कूल और सार्वजनिक जगहों पर जाने की मनाही होती है। इसके साथ ही आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट या टैक्सी के इस्तेमाल से भी बचना होता है। 
सेल्फ-आइसोलेशन के दौरान ऐसे हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो और इसे खोला जा सके। साथ ही, दूसरे लोगों को इस घर में नहीं आने देना चाहिए। ये चीजें कुछ सामान्य समझदारी वाले कदमों में आती हैं। जैसे कि अगर आपको रोजमर्रा के सामान, दूसरी खरीदारी या अन्य दवाइयों की जरूरत है तो मदद मांगें।14  दिन के सेल्फ आइसोलेशन के पीछे यह है कैलकुलेशन 
ऐसे हर व्यक्ति को जो कोरोना वायरस से प्रभावित इलाके में होकर आए हैं, या जिनका संपर्क इस वायरस से प्रभावित किसी शख्स से हुआ है, उन्हें पहले ही 14 दिनों के लिए सेल्फ आइसोलेशन में जाने के लिए कहा जाता रहा है। दुनियाभर में 14 दिन के क्वारंटाइन (quarantine) यानी एकांतवास के पीछे की कैलकुलेशन यह है कि इस बीमारी के लक्षण आने में ज्यादातर मामलों में 6 दिन लगते हैं और अगले 8 दिन तक संक्रमित व्यक्ति घातक स्तर पर संक्रमण फैला सकता है यानी बीमारी के लक्षण उजागर होने के पहले के 6 दिन और लक्षण उजागर होने के बाद के 8 दिन, मतलब 6+8=14 दिन।
किसी व्यक्ति में Covid-19 के लक्षण इस वायरस के उनकी बॉडी में एंट्री करने के 2 से 14 दिन के बीच नजर आते हैं। साथ ही यह भी देखा गया कि सिंप्टम्स आने के बाद 8 से 10 दिन तक व्यक्ति कॉन्टेजियस रहता है। इसके बाद उसके जरिए इंफेक्शन होने के चांस लगभग खत्म हो जाते हैं।
किसी व्यक्ति में 14वें दिन इस बीमारी के लक्षण नजर आए हैं और अगले 8 से 10 दिन वह व्यक्ति कॉन्टेजियस रहनेवाला है तो कुल मिलाकर एक संक्रमित व्यक्ति 22 से 24 दिन तक इस बीमारी को फैलाने की क्षमता रखता है।
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। ऐसे में कोरोना से बचने और इसके संक्रमण से बचने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में 14 दिन सेल्फ आइसोलेशन...

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विश्व जल दिवस: तीन अरब लोगों के पास बार-बार हाथ धोने के लिए पानी नहीं

विश्व जल दिवस: तीन अरब लोगों के पास बार-बार हाथ धोने के लिए पानी नहीं889

👤22-03-2020-
दुनिया भर में कोविड-19 बीमारी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)  ने लोगों को बार-बार हाथ धोने की सलाह दी है, लेकिन क्लाईमेट ट्रेंड द्वारा जल की उपलब्धता को लेकर शोध में दावा किया गया है कि दुनिया में तीन अरब लोगों के पास बार-बार हाथ धोने के लिए पानी की उपलब्धता नहीं है। यह सब कुछ ऐसे मौके पर हो रहा है, जब 22 मार्च को विश्व जल दिवस है। विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है।क्लाईमेट ट्रेंड की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के 17 देश अत्यधिक जल संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें पहले 12 मध्य-पूर्व तथा अफ्रीका के हैं तथा 13वां नंबर भारत का है। कोविड के संक्रमण का मामला चीन, अमेरिका और यूरोप के बाद अब जल की कमी वाले देशों भारत आदि में भी फैलने लगा है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, एक व्यक्ति को अपनी बुनियादी जरूरतों- पीने, खाना पकाने और स्वच्छता को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन 7.5 से 17  लीटर पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन, यह आवश्यकता कोविड-19 से निपटने में आपातकाल में बदल जाएगी, क्योंकि पानी कई सेवाओं और विशेष रूप से स्वास्थ्य देखभाल के लिए आवश्यक है। कोविड ने इस दबाव को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट के अनुसार- भारत, ब्राजील, फिलीपींस, दक्षिण अफ्रीका, केन्या आदि देशों की अनौपचारिक बस्तियों में हाथ धोने के लिए और पानी के उपयोग के लिए समुदायों को संघर्ष करना पड़ता है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और मानवीय संगठन विशेष रूप से शरणार्थियों और आंतरिक विस्थापितों को लेकर चिंतित हैं।
 
रिपोर्ट के अनुसार, तीन अरब लोगों के पास बुनियादी रूप से हाथ धोने के लिए जल की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है। दुनिया भर में 2.2 और 4.2 अरब लोग क्रमशः अपने जल और स्वच्छता सेवाओं को हासिल करने के प्रयास में विफल रहे हैं। 2025 तक चुनौती और बढ़ेगी-
शोध के अनुसार, 2025 तक दुनिया की आधी आबादी वॉटर स्ट्रेस (जल तनाव) वाले क्षेत्रों में रहने लगेगी। जबकि 1980 के बाद से पानी की वैश्विक मांग लगभग एक प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है, 2050 तक पानी के उपयोग के वर्तमान स्तर से यह 20 से 30 प्रतिशत अधिक है। रिपोर्ट में इस बात पर भी चिंता प्रकट की गई है कि कोयले से बिजली उत्पादन में आज भी बड़े पैमाने पर ताजा पानी की क्षति हो रही है, जबकि सौर एवं पवन ऊर्जा को अपनाने से भारी बचत होती है। 
🕔 एजेंसी

22-03-2020-
दुनिया भर में कोविड-19 बीमारी का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)  ने लोगों को बार-बार हाथ धोने की सलाह दी है, लेकिन क्लाईमेट ट्रेंड द्वारा...

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निर्भया के दोषियों को हुई फांसी, बॉलीवुड सेलेब्स बोले-आखिरकार इंसाफ मिला

निर्भया के दोषियों को हुई फांसी, बॉलीवुड सेलेब्स बोले-आखिरकार इंसाफ मिला732

👤20-03-2020-
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषी- पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को शुक्रवार सुबहर साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि आखिरकर उन्हें लंबे संघर्ष के बाद फांसी दे दी गई।  यह संघर्ष निर्भया के लिए था और ये भविष्य में हमारी बेटियों के लिए जारी रहेगा।चारों दोषी को फांसी मिलने पर बॉलीवुड सेलेब्स भी खुश हुए। उन्होंने कहा देर से ही सही, लेकिन निर्भया को इंसाफ तो मिला।निर्भया के पिता ने कहा- इस घड़ी का साल साल से इंतजार थानिर्भया के गुनहगारों की फांसी के बाद निर्भया के पिता ने कहा कि उन्हें इस घड़ी के लिए सात साल से इंतजार था। उन्होंने इस फैसला पर खुशी जताते हुए कहा कि आज हमारे लिए ही नहीं देश के लिए भी बड़ा दिन है। निर्भया के पिता ने आगे कहा कि आज महिलाओं के न्याय का दिन है। निर्भया आज खुश होगी। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के लिए ऐसी गाइडलाईन बने कि किसी पीड़ित परिवार को इतना लंबा संघर्ष न करना पड़े। 
🕔 एजेंसी

20-03-2020-
निर्भया गैंगरेप के चारों दोषी- पवन, अक्षय, मुकेश और विनय को शुक्रवार सुबहर साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई। निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली गैंगरेप के दोषियों की फांसी के...

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मुंह से आती बदबू से हैं परेशान तो ओरल हाइजीन के लिए रखें इन 6 बातों का ध्यान

मुंह से आती बदबू से हैं परेशान तो ओरल हाइजीन के लिए रखें इन 6 बातों का ध्यान136

👤20-03-2020-
अच्छी ओरल हेल्थ यानी अपने मुंह को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में सिर्फ ब्रश करना ही शामिल नहीं है। अपने दांतों और मुंह को जीवन भर स्वस्थ रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। लोग ओरल हेल्थ केयर की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते, लेकिन मुंह की सफाई के अभाव में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। यहां जानिए कैसा होना चाहिए ओरल हेल्थ प्लान यानी दांतों की ठीक से देखभाल कैसे करें-अपने ओरल हेल्थ की जरूरतों को समझें
अपने मुंह और खासतौर पर दांतों को समझना जरूरी है। इनकी बनावट कैसी है, क्या खाने से इन पर बुरा असर पड़ता है, किन बातों का ख्याल रखा जाए तो इन्हें सेहतमंद रखा जा सकता है। डेंटिस्ट या अन्य ओरल हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट से इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। जब भी डॉक्टर या डेंटिस्ट को दिखाने जाएं, इन बातों की जानकारी जरूर लें। कई शारीरिक स्थितियां ओरल हेल्थ को प्रभावित करती हैं जैसे - कैंसर ट्रीटमेंट्स, गर्भावस्था, हृदय रोग, मधुमेह, डेंटल अपलायंस जैसे डेन्चर, ब्रेसिज सभी ओरल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं और मुंह तथा दांतों की देखभाल में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है।अपने रोजाना के ओरल हेल्थ रूटीन को फॉलो करें
डेंटिस्ट को अपनी पूरी स्थिति बनाएं और चर्चा के आधार पर एक ओरल हेल्थ रूटीन तैयार करें, जिसका रोजाना पालन करना आसान हो। उदाहरण के लिए, गर्भावस्था और मधुमेह सहित विशेष परिस्थितियों वाले लोगों को अपने मुंह को स्वस्थ रखने के लिए अतिरिक्त निर्देश की आवश्यकता हो सकती है। यहां तक कि कुछ मामलों में इलाज की जरूरत भी हो सकती है।फ्लोराइड का प्रयोग करें
फ्लोराइड के इस्तेमाल से बच्चों और बड़ों को फायदा होता है। फ्लोराइड बच्चों में दांत विकसित करने में मदद करता है। साथ ही बच्चों और वयस्कों दोनों में दांतों की सड़न को रोकता है। नल के पानी में फ्लोराइड का स्तर दांतों के क्षय को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। फ्लोराइड की जरूरत के बारे में डेंटिस्ट से बात करें।रोजाना ब्रश, फ्लॉस और कुल्ला करें
दांतों को रोजाना कम से कम दो बार यानी सुबह और सोने के समय से पहले ब्रश करें। साथ ही रोजाना कम से कम एक बार फ्लॉस करें। बेहतर होगा कि हर भोजन और नाश्ते के बाद ब्रश करें। इससे दांतों में जमी गंदगी दूर होती है, जिसे यदि नहीं हटाया जाता है, तो शर्करा के साथ मिलकर एसिड बनती है जो दांतों के क्षय का कारण बनती है। बैक्टीरिया वाली गंदगी से मसूड़ों की बीमारी और अन्य पीरियडोंटल बीमारियां भी होती हैं।तंबाकू उत्पादों का सेवन बंद करें
सिगरेट पीने या धूम्रपान रहित तंबाकू उत्पादों का उपयोग करने से मुंह व अन्य तरह के कैंसर,  मसूढ़े की बीमारी, सांसों की बदबू और अन्य ओरल तथा सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं।
www.myupchar.com  के डॉ. एहसान रजी का कहना है कि मुंह में जलन भी एक बड़ी परेशानी है। इससे बचने के लिए तंबाकू छोड़ दें, खट्टी या एसिडिटी पैदा करने वाली अन्य चीजें न खाएं, ज्यादा मसालों का सेवन न करें, कार्बोनेट पेय से बचें और ज्यादा तनाव में न रहें।संतुलित आहार लें
विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाएं, लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थ कम खाएं जिनमें शर्करा और स्टार्च शामिल हों जैसे कुकीज, केक, कैंडी, आइसक्रीम, किशमिश, सॉफ्ट ड्रिंक, आलू के चिप्स। ये खाद्य पदार्थ मुंह में सबसे अधिक एसिड का उत्पादन करते हैं, जो क्षय प्रक्रिया शुरू करते हैं। यदि आप स्नैक करते हैं, तो बाद में दांतों को ब्रश करें या शुगरलेस च्वंगम चबाएं।
🕔tanveer ahmad

20-03-2020-
अच्छी ओरल हेल्थ यानी अपने मुंह को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में सिर्फ ब्रश करना ही शामिल नहीं है। अपने दांतों और मुंह को जीवन भर स्वस्थ रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।...

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बच्चों की किडनी हेल्दी रखने के लिए याद रखना जरूरी हैं ये पांच नियम

बच्चों की किडनी हेल्दी रखने के लिए याद रखना जरूरी हैं ये पांच नियम533

👤20-03-2020-
वयस्कों में किडनी की बीमारी आम है और बच्चों द्वारा सीखी गई कई आदतें उनके बड़े होने के साथ ही किडनी के स्वास्थ्य की स्थिति निर्धारित कर सकती हैं। आप अपने बच्चे को कम उम्र से ही अपने किडनी की रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।
www.myupchar.com से जुड़ी एम्स की डॉ. वीके राजलक्ष्मी का कहना है कि स्वास्थ्य संबंधी कई स्थितियां किडनी को प्रभावित करती हैं। इन स्थितियों की रोकथाम करके किडनी की बीमारी होने से बचाव किया जा सकता है। बच्चे के भविष्य में भी किडनी स्वस्थ बनीं रहे, इसलिए इन पांच बातों का ध्यान रखें :नियमित व्यायाम, गतिविधि या कोई खेलनियमित व्यायाम और शारीरिक गतिविधि बच्चे को बेहतर महसूस करने तथा उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। शारीरिक गतिविधि बच्चे के शरीर के कई हिस्सों को स्वस्थ रखने में मदद करती है, जिसमें उनकी हड्डियां, मांसपेशियां, हृदय और किडनी शामिल हैं। बच्चे के शेड्यूल में अधिक शारीरिक गतिविधि को शामिल करने के कई तरीके हैं। यह पता लगाना भी महत्वपूर्ण है कि उन्हें कौन सी गतिविधियां पसंद हैं। खास बात यह है कि इसे मजेदार बनाए रखें। स्क्रीन टाइम में टेलीविजन,  स्मार्टफोन, टैबलेट और कम्प्यूटर शामिल हो सकते हैं। कोशिश करें कि बच्चें इन डिवाइस के साथ कम से कम समय गुजारें।चीनी कम करेंबच्चे जब बड़े हो जाते हैं, तब बहुत अधिक चीनी मधुमेह का खतरा बढ़ा सकती है। हाई ब्लड शुगर भी उनके किडनी पर दबाव डाल सकती है। मधुमेह वयस्कों में किडनी की विफलता का प्रमुख कारण है। इसलिए बच्चे में चीनी के सेवन को जूस और स्पोर्ट्स ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों को कम कर सकते हैं। शुगरी स्नैक्स और सीरियल्स से भी यथासंभव बचना चाहिए। कई अन्य खाद्य पदार्थों में भी अतिरिक्त चीनी मिलाई जाती है, जैसे कि ब्रेड और टोमैटो सॉस। इसलिए चीनी सामग्री के लेबल की जांच जरूर करें।खूब पानी पिएंशर्करा युक्त पेय के बजाय पानी देना चीनी पर कटौती करने का एक अच्छा तरीका है। पानी किडनी की अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है और किडनी को यूरिन के रूप में खून से अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में मदद करता है। यह सुनिश्चित करें कि बच्चे पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए पर्याप्त पानी होना महत्वपूर्ण है, खासकर बच्चों के लिए। हल्के डिहाइड्रेशन से बच्चे थका हुआ महसूस कर सकते हैं। अधिक गंभीर डिहाइड्रेशन सामान्य शारीरिक कार्यों को बाधित कर सकता है और बहुत गंभीर डिहाइड्रेशन से किडनी खराब हो सकती है।नमक कम करेंशरीर को कार्य करने के लिए सोडियम की आवश्यकता होती है, लेकिन बहुत अधिक सोडियम हानिकारक हो सकता है। सोडियम के कारण शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है। यह अतिरिक्त संग्रहित पानी रक्तचाप बढ़ा सकता है और रक्त वाहिकाओं व किडनी सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों को तनाव दे सकता है। बच्चों के बड़े होने पर उच्च रक्तचाप किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। उच्च रक्तचाप वयस्कों में किडनी की विफलता का दूसरा प्रमुख कारण है। उच्च रक्तचाप भी हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है। नमकीन स्नैक्स के सेवन में कटौती करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड में भी उच्च मात्रा में सोडियम होता है और इन्हें भी सीमित करना चाहिए।स्वस्थ वजन बनाए रखेंहर किसी को ऊर्जा, हीट इन्सुलेशन और शरीर के अन्य कार्यों के लिए शरीर में वसा की आवश्यकता होती है। यह बच्चों के लिए विशेष रूप से जरूरी है। हालांकि, बहुत अधिक वसा और कैलोरी से वजन बढ़ सकता है। शरीर में बहुत अधिक वसा और वजन होने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मधुमेह, किडनी रोग, हृदय रोग और अन्य समस्याओं के लिए उसका जोखिम अधिक होता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बचपन का मोटापा समय के साथ किडनी की बीमारी के उच्च जोखिम से जुड़ा हुआ है। स्वस्थ वजन बनाए रखने से मधुमेह और उच्च रक्तचाप सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने या नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ आहार और अच्छे पोषण की आदत डालें।
🕔 एजेंसी

20-03-2020-
वयस्कों में किडनी की बीमारी आम है और बच्चों द्वारा सीखी गई कई आदतें उनके बड़े होने के साथ ही किडनी के स्वास्थ्य की स्थिति निर्धारित कर सकती हैं। आप अपने बच्चे को कम उम्र...

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कोरोना से जुड़ी ये हैं कुछ टॉप वायरल अफवाहें, जानें क्या है WHO की लोगों को सलाह

कोरोना से जुड़ी ये हैं कुछ टॉप वायरल अफवाहें, जानें क्या है WHO की लोगों को सलाह84

👤20-03-2020-
लोगों के दिलों में कोरोना वायरस को लेकर दहशत इतनी बढ़ गई  है कि वे इस संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कई अफवाहों पर आसानी से विश्वास करने लगे हैं। ऐसी अफवाहों से होने वाली टेंशन से लोगों को बचाने के लिए डब्लूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन ) ने कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में फैले कुछ वायरल मिथक की सच्चाई बताने की कोशिश की है। हो सकता है इन वायरल अफवाहों के बीच कुछ ऐसी भी अफवाहें हो जिन्हें अब तक आप भी सच ही मान रहे हों। ऐसी ही अफवाहों के बीच आइए जानते हैं आखिर क्या है विश्व स्वास्थ्य संगठन की लोगों को सलाह।गर्म मौसम में नहीं फैल सकता कोरोना?
कोरोना से फैली दहशत के बीच एक अफवाह सुनने को मिल रही है कि तापमान बढ़ने और मौसम के गर्म होने पर कोरोना वायरस खुद खत्म हो जाता है। इसलिए व्यक्ति को दिन में कई बार गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। 
सच- डब्लूएचओ की मानें तो कोरोना का वायरस कहीं भी, किसी भी क्षेत्र में फैल सकता है। कोरोना संक्रमण का पर्यावरण या फिर किसी जलवायु से कोई संबंध नहीं है। तापमान बढ़ने से कोरोना के विषाणु का प्रभाव कम होगा या नहीं इसकी पुष्टि अभी तक किसी भी वैज्ञानिक ने नहीं की है। निमोनिया की दवाइयों से रोका जा सकता है कोरोना वायरस?
निमोनिया के टीके जैसे न्यूमोकोकल वैक्सीन और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन से कोरोना के वायरस नहीं मरते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि कोरोना वायरस अभी वैज्ञानिकों के लिए बिल्कुल नया और अलग है। इसे रोकने के लिए उन्हें खास इसी वायरस के लिए टीका बनाना होगा। अल्कोहल या फिर क्लोरीन के छिड़काव से मिलेगी राहत?
अल्कोहल या क्लोरीन फर्श पर कीटाणुओं को मारने का काम कर सकते हैं और ये दोनों ही कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रभावी उपाय नहीं हैं। कोरोना के वायरस को हैंड ड्रायरसे खत्म किया जा सकता है?
जिन लोगों को यह लगता है कि वो कोरोना वायरस को हैंड ड्रायर की मदद से खत्म कर सकते हैं वे गलत हैं। कोरोना वायरस को खुद से दूर रखने के लिए डब्लूएचओ ने व्यक्ति को अपने हाथों को अल्कोहल मिश्रित साबुन या हैंड वॉश से अच्छे से धोने की सलाह दी है। कोरोना वायरस मच्छर के काटने से फैलता है?
कोरोना वायरस किसी मच्छर के काटने से फैलता है या नहीं, अभी तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। कोरोना वायरस एक श्वसन वायरस है जो मुख्य रूप से एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने-छींकने, उसकी लार की बूंदों के माध्यम से या नाक से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। इस वायरस से खुद को बचाने के लिए अपने हाथों को बार-बार अल्कोहल वाले हैंड वॉश से अच्छे से रगड़कर साफ करें। इसके अलावा, खांसी और छींकने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें।अल्ट्रावायलेट लाइट की मदद से कोरोना को खत्म किया जा सकता है?
बता दें, अल्ट्रावायलेट लाइट स्टरलाइजर का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अल्ट्रावायलेट लाइट के अधिक प्रयोग से त्वचा जल सकती है। लहसुन खाने से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोका जा सकता हैय़
लहसुन खाने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई फायदे मिलते हैं। लहसुन में रोगाणुरोधी गुण मौजूद होने से यह शरीर को कई रोग लगने से बचाता है। बावजूद इसके अभी तक ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि लहसुन खाने से लोगों को कोरोनोवायरस से बचाया जा सका है।खारे पानी से नाक साफ करने से कोरोना को रोका जा सकता है?
ऐसा नहीं कहा जा सकता कि खारे पानी से रोजाना नाक साफ करके आप खुद को कोरोना वायरस से बचा सकते हैं। हालांकि ऐसा करने से आपको सामान्य सर्दी से काफी हद तक जल्दी ठीक होने में मदद मिल सकती है। संक्रमित लोगों का पता लगाने में थर्मल स्कैनर कितने प्रभावी हैं?
थर्मल स्कैनर्स उन लोगों का पता लगाने में प्रभावी हैं, जिनमें कोरोनो वायरस के संक्रमण की वजह से बुखार जैसे लक्षण नजर आने लग गए हैं। हालांकि, ये उन लोगों का पता नहीं लगा सकते जो संक्रमित हैं लेकिन अभी तक उनमें बुखार जैसे लक्षण नहीं देखे गए हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि संक्रमित लोगों के बीमार होने और बुखार के विकसित होने से पहले 2 से 10 दिन लगते हैं।
🕔 एजेंसी

20-03-2020-
लोगों के दिलों में कोरोना वायरस को लेकर दहशत इतनी बढ़ गई  है कि वे इस संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कई अफवाहों पर आसानी से विश्वास करने लगे हैं। ऐसी अफवाहों से...

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आलू-प्याज का फैशन हुआ पुराना अब मेहमानों को सर्व करें जिमीकंद के ये क्रिस्‍पी पकौड़े, ये है रेसिपी

आलू-प्याज का फैशन हुआ पुराना अब मेहमानों को सर्व करें जिमीकंद के ये क्रिस्‍पी पकौड़े, ये है रेसिपी50

👤20-03-2020-
शाम को लगने वाली भूख को मिटाने के लिए अगर आप झटपट बनने वाली कोई हेल्दी रेसिपी ढूंढ रहे हैं तो आपकी तलाश खत्म हो चुकी है। जी हां आपने आलू,प्याज,चिकन,फिश से बने पकौड़े तो कई बार खाएं होंगे लेकिन क्या आपने कभी घर पर ट्राई किए हैं  सुरन या जिमिकंद के पकौड़े । सुनर के पकौड़े न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं बल्कि नॉन-वेजिटेरियन लोगों को इसका स्वाद नॉन-वेज की तरह ही लगता है। तो आइए देर किस बात की अगर आज शाम की चाय के साथ आप कुछ नया झटपट बनने वाला नाश्ता ट्राई करना चाहती हैं तो घर पर बनाएं सुरन के पकौड़े। सामग्री-
जिमीकंद-1 कप कसा हुआ
नारियल- 1/2 कप कसा हुआ
भुनी हुई मूंगफली- 1/4 कप
लाल मिर्च टुकड़ों में टूटी हुई- 2
सौंफ- 1 चम्मच
हल्दी- 1/2 छोटा चम्मच
बेसन- 1/2 कप
कटा हुआ प्याज-1/4 कप
कढ़ी पत्ते-2 बड़े चम्मच
कटा हुआ धनिया- 2 बड़े चम्मच
नमक स्वादानुसार
ऑयल- डीप फ्राई के लिएबनाने का तरीका-
जिमीकंद या सूरन पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले जिमीकंद को अच्‍छे से साफ करके कद्दूकस कर लें। फिर कद्दूकस किए हुए जिमीकंद, नारियल, मूंगफली, सौंफ और हल्दी के साथ मिक्सी में मिक्स करके उसका घोल बना लें।अब, इस घोल को एक बॉउल में लेकर इसमें नमक, बेसन, प्याज, करी पत्ते और धनिया मिलाकर अच्‍छे से मिक्‍स कर लें। अब एक पैन में तेल गर्म करके उसमें इस मिश्रण का एक बड़ा चम्मच गर्म तेल में डाल दें। ध्‍यान रखें पकौड़ों को मीडियम आंच पर ही तले। पकौड़ों के गोल्‍डन ब्राउन होने पर उन्हें प्लेट पर निकालकर चटनी और गर्म-गर्मा चाय के साथ सर्व करें। 
🕔 एजेंसी

20-03-2020-
शाम को लगने वाली भूख को मिटाने के लिए अगर आप झटपट बनने वाली कोई हेल्दी रेसिपी ढूंढ रहे हैं तो आपकी तलाश खत्म हो चुकी है। जी हां आपने आलू,प्याज,चिकन,फिश से बने पकौड़े तो कई...

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खबरों से घबराएं नहीं, छोटे उपायों से बढ़ाएं मानसिक मजबूती

खबरों से घबराएं नहीं, छोटे उपायों से बढ़ाएं मानसिक मजबूती158

👤20-03-2020-
कोरोना पर दुनियाभर से आ रही खबरों ने लोगों को बेचैन कर दिया है। जिन्हें संक्रमण है वह तो परेशान तो हैं ही, अन्य लोग भी डरे हुए हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी लोगों को मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी है। अकेलेपन और ऐसे ही दूसरे मानसिक विकारों से जूझ रहे लोगों के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि वो अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें। आइए जानें कि हम अपने मानसिक स्वास्थ्य को इससे प्रभावित होने से कैसे बचा सकते हैं?कोरोना से जुड़ी खबरें कम पढ़ें
ब्रिटेन की संस्था चैरिटी माइंड की प्रवक्ता रोजी वेदरले कहती हैं कि कोरोना से जुड़ी कई तरह की खबरें आ रही हैं, अफवाह भी हैं। तनाव बढ़ाने वाली इन खबरों को पढ़ने से आप बेहद बुरे परिणामों के बारे में सोचने लगते हैं। अपने और परिजनों की चिंता सताने लगती है। इससे आप बेचैन हो सकते हैं और आपके विचार नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। इसलिए ऐसी खबरें कम पढ़ें।सोशल मीडिया से दूरी बनाएं
सोशल मीडिया पर तरह-तरह के हैशटैग चलते रहते हैं। उनकी तह तक जाने की कोशिश में कई बार आप गैर प्रमाणिक और फालतू सूचनाओं से रूबरू होते हैं। कई बार आपको तेज गुस्सा आता है और आप निराशा के भाव में चले जाते हैं। सोशल मीडिया से आप दूर रहकर इससे बच सकते हैं। ट्विटर, फेसबुक पर उन एकाउंट को म्यूट कर दें जिनसे भड़काऊ या परेशान करने वाली जानकारी साझा की जा रही है। व्हाट्सएप पर ऐसे ग्रुप से बाहर निकल जाएं जिनमें भ्रामक सूचनाएं आ रही हों।हाथ धोएं लेकिन बहुत बार नहीं
कई बार लोगों में डर बैठ जाता है और वह स्वच्छता के लिए बार-बार हाथ धोते हैं। डॉक्टर भी बचाव के लिए लगातार हाथ धोने की सलाह दे रहे हैं लेकिन मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है बहुत बार हाथ धोने की आदत मानसिक बीमारी के रूप में तब्दील हो जाएगी। इसलिए स्वच्छता के लिए हाथ धोएं लेकिन बहुत बार नहीं।  अकेले न हों, लोगों से जुड़े रहें
सेल्फ आइसोलेशन का मतलब पूरी दुनिया और परिवार से कट जाना नहीं है। यह अच्छा मौका है लोगों को फोन करने का और उन्हें बताने का कि आप उनका ध्यान रखते हैं। करीब तीन मीटर की दूरी बनाकर परिवार के साथ बैठें, उनसे बातचीत करें।व्यायाम और मेडिटेशन करें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से आप निराशा से बाहर आ सकते हैं। इसलिए व्यायाम और मेडिटेशन करें। बच्चों के साथ खेल में सक्रिय रहें। दौड़ना, कूदना, सीढ़ियां चढ़ना, बास्केटबॉल या फुटबॉल खेलने को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। अच्छा खाएं-खूब पानी पीएं
कोरोना का असर कई हफ्तों तक रह सकता है। दिमागी स्वास्थ्य बेहतर रहे इसके लिए जरूरी है कि आप खूब पानी पीएं। जब भी मुमकिन हो प्रकृति और सूर्य की रोशनी में जाएं। अच्छे से खाना खाएं और बिल्कुल न घबराएं।तनाव पहचानें
किसी भी बात को लेकर अनिश्चितता आपको चिंता में डाल सकती है। आप बेचैनी महसूस करने लगते हैं। आपको ऐसे हालात की पहचान करनी चाहिए। तुरंत प्रतिक्रिया न करें और धैर्य बनाए रखें। लंबी सांस लें और चिंता बिल्कुल न करें। खुद को बताएं कि यह केवल फालतू की चिंता है और इस पर कान देने की जरूरत नहीं है और यह केवल एक विचार है।
🕔 एजेंसी

20-03-2020-
कोरोना पर दुनियाभर से आ रही खबरों ने लोगों को बेचैन कर दिया है। जिन्हें संक्रमण है वह तो परेशान तो हैं ही, अन्य लोग भी डरे हुए हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर...

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सोशल मीडिया

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    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

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    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

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    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

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