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डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का परीक्षा कार्यक्रम जारी

डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का परीक्षा कार्यक्रम जारी490

👤04-11-2019-डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसकी शुरूआत 18 नवम्बर से होगी। परीक्षा नियंत्रक के अनुसार डॉ. मनीष सिंह के अनुसार परीक्षा के बाद एक दिसम्बर से शीतकालीन अवकाश घोषित होगा। इस दौरान विद्यार्थी इन्टर्नशिप करते हैं। विश्वविद्यालय में सेमेस्टर प्रणाली लागू है। इस लिहाजा से शैक्षिक सत्र 2019-20 के विषम सेमेस्टर परीक्षा शैक्षिक कैलेन्डर के अनुसार 18 नवम्बर से होगी। यह परीक्षा 30  नवम्बर तक चलेगी। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि परीक्षा कार्यक्रम विश्वविद्यालय की अधिकृत वेबसाइट rmlnlu.ac.in पर जारी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि परीक्षा कार्यक्रम को लेकर अगर किसी विद्यार्थी को कोई आपत्ति है, तो लिखित दे सकता है। अगर आपत्ति तर्क पूर्ण होगी, तो कार्यक्रम में बदलाव किया जाएगा, लेकिन बीए एलएलबी आनर्स के पहले, तीसरे, पांचवें, सातवें, नवें सेमेस्टर की परीक्षा   18 नवम्बर से ही होगी। उन्होंने बताया कि प्रश्न पत्र बनाने का काम चल रहा है। परीक्षा की सुचिता बनाए रखने के लिए प्राक्टोरियल बोर्ड का उड़न दस्ता भी परीक्षा कक्षा का औंचक निरीक्षण करेगा। 
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04-11-2019-डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर परीक्षा का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसकी शुरूआत 18 नवम्बर से होगी। परीक्षा नियंत्रक के अनुसार डॉ....

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चिन्मयानंद केस : जेल में छात्रा से एसआईटी ने पूछा बताओ कहां है चश्मा

चिन्मयानंद केस : जेल में छात्रा से एसआईटी ने पूछा बताओ कहां है चश्मा377

👤04-11-2019-चश्मे के बारे में पूछताछ करने के लिए रविवार को एसआईटी अफसर जिला जेल पहुंचे। अंदर उन्होंने छात्रा से बातचीत की। पूछा, चश्मा कहां है, बता दो। सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने ऐसी कोई जानकारी एसआईटी अफसरों को नहीं दी, जिससे कि एसआईटी की मुश्किलें कुछ कम हो सकें। साथ ही ऐसा कोई सुराग भी नहीं मिला जो एसआईटी को चश्मे तक पहुंचा दे।शनिवार को नाले से बैग मिलने के बाद यह तो तय हो गया है कि चश्मे के बारे में अगर किसी को पता है तो वह छात्रा ही है। क्योंकि छात्रा ने जेल जाने से पहले मीडिया से कहा था कि उसके हॉस्टल के कमरे में महत्वपूर्ण सबूत रखे हैं। उसमें उसने चश्मा, पेन ड्राइव और हैंडबैग बताया था। जब कमरा खोला गया था, तब उसमें यह तीनों ही चीजें नहीं मिलीं थीं। उस वक्त यह आशंका जताई गई कि सील होने से पहले ही कमरा खोल कर यह सब सामान गायब कर दिया गया। पर शनिवार को जब चश्मे की तलाश करते हुए एसआईटी संजय की मामी कुंतीदेवी के घर पहुंची तो वहां बक्सा मिला। मामी ने एसआईटी को बताया कि उसने काफी सामान नाले में फेंक दिया था। एसआईटी ने नाले की सफाई कराई तो उसमें वह हैंडबैग भी मिल गया, जो छात्रा हॉस्टल के कमरे में रखने की बात कह रही थी। इससे तो साफ हो गया कि छात्रा ने उस वक्त झूठ बोला था कि उसका बैग, चश्मा, पेन ड्राइव हॉस्टल के कमरे में रखा है।जब छात्रा 11 अगस्त से पहले अपने कमरे का काफी सामान हॉस्टल से निकाल ले गई और संजय की मामी के घर पर रख दिया तो वह अपने हॉस्टल के कमरे में सबसे महत्वपूर्ण चश्मा क्यों छोड़ देगी। यह एक सवाल है। अगर चश्मा मिल जाता है तो छात्रा पर 67 ए आईटी एक्ट पुख्ता होगा, अगर चश्मा नहीं मिला तो 67 ए आईटी एक्ट मुकदमे से हटाया जा सकता है।चूंकि एसआईटी के पास यह भी सबूत नहीं है कि छात्रा ने अपने बैंक अकाउंट से ऑन लाइन रुपया पेमेंट करके चश्मा मंगवाया। संजय ने जरूर कहा था कि चश्मा छात्रा ने नहीं, उसने ऑनलाइन मंगवाया था। यह चश्मा 29 मार्च को आया था, जिसकी डिलीवरी उसने एसएस कालेज गेट पर ली थी। इस तरह से यह तो सबूत है कि चश्मा संजय ने मंगवाया, लेकिन छात्रा ने चश्मा मंगवाया, यह कहीं साबित नहीं होता है, ऐसा सूत्र बताते हैं। पर रिकार्डिंग करने की बात छात्रा ने अपने 164 के बयान में स्वीकार की है, इस तरह से तो वह लिप्त मानी जा सकती है। पर चश्मा तो कहीं न कहीं होगा। जिसके बारे में केवल और केवल छात्रा ही जानती है, ऐसा सूत्र बताते हैं। इसीलिए एसआईटी रविवार को छात्रा से पूछताछ करने के लिए जेल गई थी। अब एसआईटी को पूछताछ में कितनी सफलता मिली है, इसकी पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी है।
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04-11-2019-चश्मे के बारे में पूछताछ करने के लिए रविवार को एसआईटी अफसर जिला जेल पहुंचे। अंदर उन्होंने छात्रा से बातचीत की। पूछा, चश्मा कहां है, बता दो। सूत्रों के अनुसार, छात्रा ने ऐसी...

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 दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते पर क्या बोले अखिलेश यादव

दुनिया के सबसे बड़े मुक्त व्यापार क्षेत्र समझौते पर क्या बोले अखिलेश यादव165

👤04-11-2019-समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को क्षेत्रीय समग्र व्यापार संधि (आरसीईपी) में हस्ताक्षर करने से बचना चाहिए। आपको बता दें कि मुक्त व्यापार क्ष्‍ोत्र (आरसीईपी) दुनिया के सबसे व्यापार सौदा था जो भारत की नई मांग के चलते टल गया है। यादव ने कहा कि बैंकाक में 16 देशों के बीच होने वाली आरसीईपी किसानों के हितों पर गहरा आघात करने वाली है। केन्द्र सरकार को इस पर संसद में चर्चा होने तक हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए। आरसीईपी के लागू होने से कृषि पर संकट और गम्भीर हो जाएगा। इस समझौते से भारत के किसानों की जिंदगी और बदहाल हो जाएगी।उन्होंने कहा कि दुनिया भर में सरकारें फसलों की लागत में भारी छूट देती है और अपने किसानों की खेती को अच्छी सुविधाएं प्रदान करती है। इससे उनकी उपज के दाम बाजार में प्रतियोगी बने रहते है। भाजपा सरकार की कारपोरेट पक्षधर नीतियों के कारण भारतीय किसान विश्व बाजार में अपनी फसलें बेचने में अक्षम हैं। यहां उन्हें तमाम परेशानियों से गुजरना पड़ता है। खेती किसानी में उपयोग में आने वाले उपकरण हो या खाद, कीटनाशक, सिंचाई, बीज, बिजली सब उन्हें महंगे मिलते हैं। बैंकों से कर्ज भी आसानी से नहीं मिलता है। कृषि की नई तकनीक उन तक नहीं पहुंच पाती है।सपा अध्यक्ष ने कहा कि आरसीईपी से सर्वाधिक प्रभावित डेयरी क्षेत्र होगा। इसमें आयात शुल्क शून्य या लगभग शून्य हो जाने से 10 करोड़ डेयरी किसान परिवारों के रोजगार पर हमला होगा। इसी तरह का खतरा गेंहू और कपास (जिसका आयात आस्ट्रेलिया व चीन से होता है) तिलहन (पाम आयल के कारण) और प्लांटेशन उत्पाद काली मिर्च, नारियल, सुपाड़ी, इलायची, रबर आदि पर होगा।आरसीईपी से विदेशी कम्पनियों को खेती की जमीन अधिगृहीत करने, अनाज की सरकारी खरीद में हस्तक्षेप करने, खाद्यान्न प्रसंस्करण में निवेश करने तथा ई-व्यापार बढ़ाकर छोटे दुकानदारों को नष्ट करने से भारतीय किसान अधिक मात्रा में कारपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे, जिनका मुनाफा किसानों की कीमत पर बढ़ेगा। 
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04-11-2019-समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार को क्षेत्रीय समग्र व्यापार संधि (आरसीईपी) में हस्ताक्षर करने से बचना चाहिए। आपको बता दें कि मुक्त व्यापार...

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रसोई गैस और बिजली कनेक्शन वालों को अब नहीं मिलेगा मिट्टी का तेल

रसोई गैस और बिजली कनेक्शन वालों को अब नहीं मिलेगा मिट्टी का तेल571

👤04-11-2019-लखनई के रसोई गैस और बिजली कनेक्शन वालों को अब मिट्टी का तेल नहीं मिलेगा। इसके तहत पहले चरण में फिलहाल चार लाख राशनकार्ड धारकों का मिट्टी का तेल काट दिया गया है। इसमें पात्र गृहस्थ के साथ ही अंत्योदय राशन कार्ड धारक भी शामिल हैं। इस महीने से यह व्यवस्था राजधानी में लागू हो जाएगा।राशन वितरण व्यवस्था से अब मिट्टी के तेल की विदाई का समय आ गया है। जानकार बताते हैं कि कई राज्यों में मिट्टी का तेल बंद हो चुका है। प्रदेश में भी सर्वे के आधार पर कुछ एक जिलों का मिट्टी तेल आवंटर शून्य हो गया है। फिलहाल लखनऊ के कुल 7.09 लाख काशनकार्ड धारकों में से चार लाख कार्डधारकों को मिट्टी तेल की व्यवस्था से बाहर किया गया है। यह ऐसे कार्डधारक बताए जा रहे हैं जिनके पास रसोई गैस और बिजली है। यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मिट्टी तेल कोटे से समाप्त कर दिया जाएगा।35 फिसदी को मिलेगा मिट्टीका तेल
इस महीने लखनऊ के मात्र 35 फीसदी कार्डधारकों को ही मिट्टी का तेल मिलेगा। डीएसओ सुनील कुमार बताते हैं कि इस महीने 3.07 लाख कार्डधारक के हिस्से का तेल ही आवंटित हुआ है। अभी सर्वे की पूरी रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं, मिट्टी के तेल से वंचित किए गए कार्डधारकों की सूची न मिलने से कोटेदार परेशान हैं। उज्ज्वला और सौभाग्य योजना भी आधार
जानकारों की माने तो कोटेदारों के सर्वे के आधार पर ही मिट्टी तेल से कार्डधारकों को अलग किया गया है। इससे इतर आपूर्ति विभाग उज्ज्वला और सौभाग्य योजना की सूची को खंगाल रहा है। अब आधार कार्ड के जरिए ये मालूम हो जाएगा कि किसके पास एलपीजी गैस व बिजली कनेक्शन है। इन्हें भी अगले माह मिट्टी तेल लाभार्थी की सूची से हटा दिया जाएगा।
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04-11-2019-लखनई के रसोई गैस और बिजली कनेक्शन वालों को अब मिट्टी का तेल नहीं मिलेगा। इसके तहत पहले चरण में फिलहाल चार लाख राशनकार्ड धारकों का मिट्टी का तेल काट दिया गया है। इसमें पात्र...

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अयोध्यानामा: मस्जिद से जुड़ी क्या है ये दिलचस्प जानकारी

अयोध्यानामा: मस्जिद से जुड़ी क्या है ये दिलचस्प जानकारी102

👤04-11-2019-नवंबर का महीना ठंड का होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। देश की फिजा में एक अजीब-सी बैचेनी और गरमाहट है। 17 नवंबर को देश के सबसे चर्चित और विवादास्पद \'राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद\' मुद्दे का फैसला आना है। सबकी निगाहें सर्वोच्च न्यायालय की ओर लगी हुई हैं। सदियों से बिखरे इस विवाद को समेटने की कोशिश है यह सीरिज- \'अयोध्यानामा\'। पहली कड़ी में बाबरी मस्जिद...ऐसा बहुत कम होता है, जब अदालत के किसी फैसले पर पूरे देश की निगाहें लगी हों। अदालत है-सर्वोच्च न्यायालय। मामला है-राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद। यह विवाद दो पक्षों में है। हिंदू इसे अपने आराध्य राम की जन्मभूमि मानते हैं। मुसलमान इसे अपनी इबादतगाह। एक पक्ष का मानना है कि यह मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गई थी। दूसरा पक्ष इससे इनकार करता है। एक के लिए यह आस्था और विश्वास का मामला है तो दूसरे के लिए भी यह इससे कम नहीं है। मुद्दे की बात यह है कि इस पर अपना दावा कौन छोड़े। दिक्कत सारी यही है कि छोड़ने को कोई तैयार नहीं है।बहरहाल आगे बढ़ते हैं। इस मुद्दे को समझा जाए। इसके इतिहास को जाना जाए। कैसे एक मुद्दा लगभग 500 साल से जिंदा है। इतनी लंबी उम्र कि पीढ़ियों की पीढ़ियां ही बीत गई। कैसे एक बादशाह एक धर्मस्थल के नाम पर लोगों के जेहन में आज भी जिंदा है। इसलिए जरूरी है कि उसकी बनाई मस्जिद से पहले थोड़ा उसके बारे में जाना जाए।1526 में पानीपत के मैदान में दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर बाबर ने भारत में मुगल वंश की नींव रखी। उसने इस देश पर 1526 से 1530 तक राज किया। अपने शासनकाल में उसने जो किया, वो किया। लेकिन आज इस देश के आम लोग उसे सिर्फ और सिर्फ बाबरी मस्जिद के नाम पर जानते हैं। एक ऐसा निर्माण जो विवादों और विध्वंस का प्रतीक है। जो आज भी भाई-चारे और अमन के बीच जब-तब सवालिया निशान के रूप में खड़ा हो जाता है।इसकी अगली कड़ी मीर बाकी यानी बाबर का सेनापति था। यही वो सेनापति था, जिसने एक निर्माण को विवाद की जन्मभूमि के रूप में तैयार किया। इस विवाद के परिणाम को पीढ़ियां आज तक भोग रही हैं। माना जाता है कि बाबर ने इसे अवध सूबे का गवर्नर बनाया था। और इसी मीर बाकी ने एक मस्जिद बनाई थी, जिसे बाबरी नाम दिया। कुछ इसे 1527 का निर्माण बताते हैं, कुछ 1528 का। बहरहाल माना जाता है कि बाबरी मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई थी।सिर्फ इतना ही नहीं कि हिंदू और मुस्लिम ही इसके पक्षकार हैं। एक पक्ष और है, वह है-बौद्ध। इस मामले में अयोध्या में रहनेवाले एक याचिकाकर्ता विनीत कुमार मौर्य भी शामिल हैं। उनका मानना है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की खुदाई के दौरान मिले गोलाकार स्तूप, दीवार और खंभे यह दर्शाते हैं कि यह बौद्ध विहार था। उनका मानना है कि वह इस मामले के तीसरे पक्षकार हैं। इनका कहना है कि वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर ही न्यायालय ने इनकी याचिका स्वीकार की है। इसके अलावा पुरातात्विक स्रोतों, बौद्ध साहित्य और चीनी यात्रियों के यात्रा वृतांत भी यही बताते हैं कि यह एक बौद्ध स्थल है। यही नहीं, याचिकाकर्ता ने न्यायालय से यह अपील भी की है कि वह इस विवादास्पद स्थल को बौद्ध विहार घोषित करे। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि राजा प्रसेनजीत के समय यह साकेत (अयोध्या) कहलाता था। बड़ी बात यह है कि दावे और दावेदारों की कमी नहीं है। बस, अगर कुछ कमी है तो वह है सदभाव की। इस मस्जिद से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह है कि 1940 से पहले इसे \'मस्जिद-ए-जन्म अस्थान\' कहा जाता था। इस स्थान को भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है।पहली बार हिंसा1853 में मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर पहली बार हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हिंसा हुई। हिंदुओं ने आरोप लगाया कि भगवान राम के मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ।
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04-11-2019-नवंबर का महीना ठंड का होता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। देश की फिजा में एक अजीब-सी बैचेनी और गरमाहट है। 17 नवंबर को देश के सबसे चर्चित और विवादास्पद \'राम जन्मभूमि और बाबरी...

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राजनीतिक, प्रशासनिक व बदनीयती की वजह से मकान खरीदने वाले परेशान हुए: योगी

राजनीतिक, प्रशासनिक व बदनीयती की वजह से मकान खरीदने वाले परेशान हुए: योगी571

👤04-11-2019-गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को रेरा के कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजनीतिक, प्रशासनिक व बदनीयती की वजह से मकान खरीदने वाले परेशान हुए। इसके चलते पिछले दस सालों से समस्या बनी हुई थी। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रांतियां फैलाई गई कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा किसी मुख्यमंत्री को नहीं जाना चाहिए। लेकिन मैंने वहां जाकर इस मिथ को तोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेरा का गठन घर खरीदने वालों के हितों के लिए किया गया है। 
 इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि रियल स्टेट के सेक्टर में रोजगार की अपार सम्भावनाएं है इसलिए हमें ईमानदारी के साथ काम करना चाहिए। रियल स्टेट के क्षेत्र में काम करने वाले सकारात्मक दिशा में काम करे। पहले रेरा कॉन्क्लेव में शामिल होने मुख्यमंत्री के साथ आवास एवं शहरी विकास मंत्री राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी व अन्य लोग मौजूद थे। कॉन्क्लेव में पांच सेशन होंगे। देश के कई बड़े उद्यमी और रियल स्टेट विशेषज्ञ कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं। रियल स्टेट सेक्टर की चुनौतियों, ग्राहकों की समस्याओं समेत रियल स्टेट से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
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04-11-2019-गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को रेरा के कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजनीतिक, प्रशासनिक व बदनीयती की वजह से मकान खरीदने...

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कोचिंग पढ़कर घर जा रही नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप

कोचिंग पढ़कर घर जा रही नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप 123

👤04-11-2019-थाना क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के एक गांव में कोचिंग पढ़कर घर वापस जा रही नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप किये जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। 
बताया जाता है कि थाना क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के एक गांव की  नाबालिग छात्रा रविवार को थाना क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के सिंघलपट्टी चौराहे पर स्थित एक कोचिंग संस्थान में कोचिंग पढ़ने गई थी। 
आरोप है कि कोचिंग पढ़ने के बाद वह शाम को लगभग छह बजे गांव के पास पहुंची तो बगल के गांव मुड़ियारी निवासी गोरख पुत्र मूरत, लालू पुत्र जोगेश्वर के साथ एक अज्ञात व्यक्ति ने नाबालिग छात्रा को अकेली पाकर उसके साथ दुराचार किया। युवकों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने या घटना के बारे में किसी को बताने पर नाबालिग छात्रा को एवं उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित छात्रा ने घटना के बारे में परिजनों को बताया। 
सोमवार की सुबह पीड़िता के पिता छात्रा के साथ राजेसुल्तानपुर थाने पहुंचे और तहरीर दी। पुलिस ने पीड़िता के पिता की तहरीर पर दो नामजद एवं एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुराचार, पास्को एक्ट एवं जान से मारने की धमकी देने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। थानाध्यक्ष रमलखन पटेल ने बताया कि पीड़ित नाबालिग छात्रा का बयान लेकर चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। 

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04-11-2019-थाना क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के एक गांव में कोचिंग पढ़कर घर वापस जा रही नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप किये जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता के पिता की तहरीर पर पुलिस ने...

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पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सड़कें भी नहीं हो सकी हैं गड्ढा मुक्त

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सड़कें भी नहीं हो सकी हैं गड्ढा मुक्त187

👤01-11-2019-सरकार और शासन द्वारा क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने की समय सीमा तय किए जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग लापरवाह बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी शहर में ही विभाग अपनी सड़कों के गड्ढे नहीं पाट सका है। यह लापरवाही संज्ञान में आने पर विभाग के प्रमुख सचिव ने संबंधित अभियंताओं को चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों से संबंधित सभी विभागों के साथ बैठक कर 15 नवंबर तक सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने विभागीय अधिकारियों को आदेश दिया कि दीपावली से पूर्व विभाग की शहरी क्षेत्र में स्थित सभी सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाए। 31 अक्तूबर तक जिलों में स्थित विभाग की प्रमुख सड़कें और 15 नवंबर तक ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों को गड्ढामुक्त कर दिए जाएं। दीपावली बीत जाने पर भी तमाम शहरों की सड़कें क्षतिग्रस्त बनी हुई हैं, सड़कों के गड्ढों से शहरी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं।Read Also: उत्तर प्रदेश : सुलतानपुर में शौचालय के गड्ढे की गैस से 5 लोगों की मौतसड़कें ठीक कराने के लिए मुख्य अभियंता को वाराणसी भेजा गया
दीपावली बीतने पर प्रमुख सचिव को वाराणसी शहर में विभागीय सड़कों के ठीक नहीं किए जाने की सूचनाएं मिलीं। जिसके बाद उन्होंने वहां तैनात अधीक्षण अभियंता से स्थिति की जानकारी ली। चेतावनी दी है कि विभाग की सभी सड़कों को तत्काल ठीक कर उन्हें रिपोर्ट भेजी जाए। वाराणसी के मुख्य अभियंता का अतिरिक्त प्रभार देख रहे मुख्य अभियंता अयोध्या को वाराणसी पहुंचकर सड़कों को तत्काल ठीक कराने को कहा है। 15 नवंबर के बाद उत्तर प्रदेश शासन की टीम करेगी राज्य का दौरा
प्रमुख अभियंता ने बताया है कि सड़कों के गड्ढामुक्त होने की जांच करने के लिए 15 नवंबर से शासन स्तर से अधिकारियों की टीम पूरे प्रदेश में निकलेगी। जहां भी क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने में लापरवाही दिखेगी संबंधित अभियंता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को प्रदेश के सभी विभागों से अब तक गड्ढामुक्त किए गए सड़कों से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है। 
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01-11-2019-सरकार और शासन द्वारा क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने की समय सीमा तय किए जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग लापरवाह बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी...

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धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार

धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार794

👤01-11-2019-उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का प्रत्यर्पण कराकर ब्रिटेन से भारत वापस लाएगी। इसके कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। ब्रिटेन की अदालत ने जेल के बारे में जानकारी मांगी थी। दोनों को गौतमबुद्धनगर की जेल में रखने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। ईओडब्ल्यू के महानिदेशक राजेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि जांच एजेंसी के अनुरोध पर भारत सरकार ने आरोपी दंपत्ति की गिरफ्तारी के लिए ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद अक्तूबर माह में दोनों को वहां गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में गिरफ्तार वीर करन अवस्थी और उसकी पत्नी रीतिका अवस्थी दिल्ली के रहने वाले हैं। दोनों ने अपनी फर्म बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बुलंदशहर की फर्म सौरभ एंड कंपनी के साथ 1.77 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। आरोपी ने निर्यात के लिए खरीदे गए चावल का भुगतान फर्म को नहीं किया था। इस पर सौरभ एंड कंपनी के लोकेंद्र सिंह ने 11 सितंबर 2015 में दोनों के विरुद्ध बुलंदशहर के थाना कोतवाली देहात में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 406 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। शासन ने 22 मार्च 2016 में इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंप दी थी।\r\nजारी कराया था रेड कार्नर नोटिस
डीजी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए दंपत्ति ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था लेकिन हाईकोर्ट ने देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी। इलाज के नाम पर देश से बाहर जाने के लिए दोनों से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 86 लाख का निजी बांड भरवाकर दो महीने के लिए ब्रिटेन जाने की इजाजत दी थी। तय समय में वापस न आने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों का पासपोर्ट रद्द करते हुए 16 दिसंबर 2016 को यह धनराशि जब्त कर ली थी। ईओडब्ल्यू ने आरोपी दंपत्ति के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी कराया था। \r\nजिला जेल गौतमबुद्धनगर में रखे जाएंगे आरोपी 
डीजी ने बताया कि अक्तूबर में ब्रिटिश सरकार से सूचना मिली कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ब्रिटिश सरकार के नियमों के तहत वहां की कोर्ट ने 15 अक्तूबर 2019 तक भारत सरकार से उस जेल और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी, जहां प्रत्यर्पित किए जाने वाले दंपत्ति को रखा जाएगा। डीजी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने दोनों को जिला जेल गौतमबुद्धनगर में रखने का फैसला किया है। कानूनी औपचारिकता पूरी होते ही दोनों को यूपी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू के लिए प्रत्यर्पण का यह पहला मामला है। उन्होंने इस मामले में ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर के एसपी राम सुरेश और इंस्पेक्टर केपी शर्मा की भूमिका की सराहना की।
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01-11-2019-उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का प्रत्यर्पण कराकर ब्रिटेन से भारत वापस लाएगी। इसके कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।...

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उत्तर प्रदेश: दुनिया में सबसे ऊंची होगी अयोध्या में लगने वाली राम की मूर्ति

उत्तर प्रदेश: दुनिया में सबसे ऊंची होगी अयोध्या में लगने वाली राम की मूर्ति382

👤01-11-2019-\r\nअयोध्या में भगवान राम की भव्य मूर्ति लगाने और पर्यटन विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 447.46 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। यह मूर्ति गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की मूर्ति की तर्ज पर बनेगी। भगवान राम की यह मूर्ति विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। खास बात यह है कि अयोध्या मामले में इस महीने के मध्य में यानी 17 नवंबर से पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला संभावित है। प्रदेश सरकार इससे पहले अयोध्या में विकास की शुरूआत करके माहौल बनाने की कोशिश में है। \r\nकैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है
सरकार के कैबिनेट मंत्री और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भव्य मूर्ति लगाने के साथ-साथ अयोध्या का पर्यटन विकास भी किया जाएगा। जिसमें डिजिटल म्यूजियम, लाइब्रेरी, फूड प्लाजा, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, इंटरप्रिटेटर सेंटर आदि का विकास शामिल है। इसके लिए अयोध्या के गांव मीरापुर दावा परगना हवेली तहसील सदर में 61.3807 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी। इस जमीन की खरीद के लिए डीएम अयोध्या ने प्रस्ताव उपलब्ध कराया है। कैबिनेट इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रवक्ता ने बताया कि भगवान की मूर्ति लगाने से पहले वहां पर जमीन का परीक्षण कराया जाएगा। \r\nइस प्रोजेक्ट पर दो अरब का खर्च आएगा
उसके बाद डीपीआर आदि तैयार की जाएगी। इस पर दो अरब रुपये का खर्च आएगा। इसको भी कैबिनेट की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। कैबिनेट ने मूर्ति की स्थापना के लिए ट्रस्ट के गठन और ट्रस्ट को सोसायटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड कराने के लिए भी मंजूरी दे चुकी है। कैबिनेट ने वर्ष-2019-20 के लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था को भी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बिड आदि की मंजूरी के लिए हाईपावर कमेटी के गठन और अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव पर्यटन की अध्यक्षता में इथिकल एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। खास बात यह है कि इस मामले में कैबिनेट ने आगे के सभी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
🕔tanveer ahmad

01-11-2019-\r\nअयोध्या में भगवान राम की भव्य मूर्ति लगाने और पर्यटन विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 447.46 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। यह मूर्ति गुजरात में स्थापित सरदार पटेल की मूर्ति...

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