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किसानों और पुलिसवालों में खूनी संघर्ष

किसानों और पुलिसवालों में खूनी संघर्ष973

👤17-11-2019-गंगा बैराज रोड स्थित ट्रांसगंगा सिटी में शनिवार को काम कराने पहुंची प्रशासन और यूपीसीडा की टीम पर किसानों ने हमला बोल दिया। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उग्र ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। पथराव में एएसपी एएसपी विनोद पांडेय, सीओ अंजनी कुमार राय समेत 10 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाब में पुलिस के लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा ग्रामीण घायल हो गए। शाम को ग्रामीणों ने फिर दबाव बनाने की कोशिश की, तो पुलिस ने हवाई फायरिंग कर स्थिति संभाली।यूपीसीडा के अधिकारी व चीफ इंजीनियर सुबह ट्रांसगंगा सिटी में काम कराने पहुंचे थे, इस पर किसानों ने उनकी पिटाई की और पथराव शुरू कर दिया। पथराव में जेसीबी मशीन और कार क्षतिग्रस्त हो गई। सूचना पर भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। तनाव के बीच कुछ देर काम हुआ, लेकिन दोपहर बाद सैकड़ों किसान और ग्रामीण फिर काम रुकवाने पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो धक्का देते हुए भीड़ आगे बढ़ने लगे।पुलिस ने स्थिति संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और वाटर कैनन से पानी की बौछार मारी। विरोध में भीड़ पथराव करने लगी तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को ट्रांसगंगा सिटी से खदेड़ दिया। इसमें कई ग्रामीणों के हाथ-पैर टूट गए और उनकी दो दर्जन बाइकें और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। शाम करीब चार बजे को ग्रामीणों ने फिर दबाव बनाने की कोशिश की तो पुलिस ने हवाई फायरिंग कर की जिससे दहशतजदा ग्रामीण पीछे हट गए।गलत मांगें मनवाना चाहते हैं किसान
किसान गलत मांगें मंगवाना चाहते हैं। उन्हें दो बार मुआवजा दिया जा चुका है, फिर भी ढाई साल से विकास कार्य नहीं करने दे रहे हैं। पथराव में आधा दर्जन पुलिस वालों को चोटें आईं हैं, कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -देवेंद्र पांडेय, जिलाधिकारी उन्नावसुबह से शाम तक बवाल09:00 बजे 12 थानों का फोर्स ट्रांस गंगा साइट आफिस पहुंचा।09:34 बजे सिटी मजिस्ट्रेट के साथ एसडीएम भी पहुंचे।10:25 बजे किसानों ने यूपीसीडा और पुलिस को घेरा।10:28 बजे काम करने आई जेसीबी और कार को किसानों ने तोड़ा।10:49 बजे एसडीएम ने किसानों से बात करने का किया प्रयास।12:00 बजे पुलिस प्रशासन ने रणनीति तैयार की।01:40 बजे एडीएम और एएसपी मौके पर पहुंचे।01:46 बजे अधिकारियों ने पुलिस को दिशा निर्देश दिए।02:30 बजे किसानों ने गर्दन में फांसी का फंदा डाला।02:05 बजे किसानों पर पुलिस प्रशासन का लाठीचार्ज।03:20 पर सदर विधायक पंकज गुप्ता मौके पर पहुंचे।04:45 बजे पुलिस ने हवाई फायरिंग की।06:00 बजे ट्रांस गंगा पहुंचे डीएम और एसपी।
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17-11-2019-गंगा बैराज रोड स्थित ट्रांसगंगा सिटी में शनिवार को काम कराने पहुंची प्रशासन और यूपीसीडा की टीम पर किसानों ने हमला बोल दिया। पुलिस ने भीड़ पर लाठीचार्ज किया तो उग्र ग्रामीणों...

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सलमान नदवी को पुलिस ने अयोध्या जाने से रोका

सलमान नदवी को पुलिस ने अयोध्या जाने से रोका293

👤17-11-2019-पने दर्जन भर सहयोगियों के साथ लखनऊ से अयोध्या जा रहे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य व दारुल उलूम नदवतुल उलेमा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सलमान नदवी को पुलिस ने हाईवे स्थित तहसीनपुर टोल प्लाजा के पास रोक लिया। इसके बाद पुलिस व तहसील प्रशासन ने श्री नदवी के साथ टोल प्लाजा के कार्यालय के बंद कमरे में वार्ता की। इसके बाद वह लखनऊ वापस लौट गए।शनिवार को सुबह अपने तय कार्यक्रम के तहत अयोध्या आ रहे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला  बोर्ड के पूर्व सदस्य सलमान नदवी अपने आठ-दस सहयोगियों के साथ राम मंदिर आंदोलन से जुड़े बबलू खान के साथ मुस्लिम पक्षकारों और निर्मोही अखाड़ा समेत कई संत- महंत से मिलने के सिलसिले में अयोध्या जा रहे थे। यह भी चर्चा रही कि वह प्रशासन से मिलकर मस्जिद के लिए तलाशी गई संभावित भूमि पर भी विचार विमर्श करने वाले हैं। लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाइवे स्थित रौनाही थाने के करीब तहसीनपुर टोल प्लाजा के पास पुलिस प्रशासन ने आगे जाने से रोक लिया।मौके पर मौजूद बबलू खान व उनके साथियों अल्ताफ खान, रईस खान, नफीस खान, अदनान खान समेत दर्जन भर लोगों ने उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। एसडीएम सोहावल ज्योति सिंह, सीओ रुदौली डॉ. धर्मेंद्र यादव व थाना प्रभारी रौनाही दीपेंद्र सिंह ने टोल प्लाजा के कार्यालय के बंद कमरे में सलमान नदवी व बबलू खान से वार्ता की। सीओ रुदौली धर्मेंद्र यादव ने बताया कि श्री नदवी से हुई शांतिपूर्वक वार्ता में जिले में लगी धारा 144 का हवाला देते हुए समझा-बुझाकर वापस कर दिया गया है।फिर आएंगे अयोध्या, शांति व सौहार्द के लिए काम करेंगे: नदवी 
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पूर्व सदस्य सलमान नदवी ने कहा कि वह कुछ समय बाद वापस अयोध्या आएंगे और लोगों के बीच शांति व सौहार्द के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बबलू खान जैसे लोग अयोध्या में लोगों के बीच शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए बेहतर काम कर रहे हैं। उनका अयोध्या आने का मकसद सद्भावना व आपसी भाईचारा और सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है उसका एहतराम कर उसे आगे बढ़ाना है। इसकी फिक्र में वह अयोध्या के  साधुओं से मिलना चाहते थे।उन्होंने बताया कि इस  दौरान  मुसलमानों से भी मिलने का उनका इरादा था। मुस्लिम लोगों से मिलकर यह बात करनी थी कि असल चीज मुल्क में अमन और शांति है। आपसी भाईचारा है। इसकी फिक्र की जाए और जो फैसला हुआ है वह अच्छ है। अब इस फैसले के मुताबिक अमल होना चाहिए। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड गलत बात कर रहा है। हमें मस्जिद के लिए जमीन लेनी चाहिए जैसा कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला हुआ है।मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब मिले मौलाना सलमान नदवी से
बाबरी मस्जिद के मुकदमे के प्रमुख वादी हाजी महबूब ने टोल प्लाजा पर जाकर मौलाना सलमान नदवी से मुलाकात की। \'हिन्दुस्तान\' को हाजी महबूब ने बताया कि उन्होंने मौलाना सलमान नदवी के साथ बातचीत में इस बात पर सहमति जतायी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुर्नविचार याचिका दायर नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में दी जा रही 5 एकड़ जमीन कुबूल करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी तरफ से पुर्नविचार याचिका दायर नहीं की जाएगी। 
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17-11-2019-पने दर्जन भर सहयोगियों के साथ लखनऊ से अयोध्या जा रहे आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य व दारुल उलूम नदवतुल उलेमा विश्वविद्यालय में प्रोफेसर...

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अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका के सफल होने की गुंजाइश कम

अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका के सफल होने की गुंजाइश कम748

👤17-11-2019-अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने सोच रहा है लेकिन इस याचिका के कोर्ट में सफल होने की संभावनाएं बेहद कम हैं। जानकारों का कहना है फैसला सर्वसम्मति से है जिसमें विरोध या नाराजगी का कोई सुर नहीं है, इसलिए रिव्यू याचिका का विफल होना तय है। यदि फैसले में एक भी विरोधी सुर होता तो रास्ता आसान हो सकता था। जैसे सबरीमाला मंदिर के मामले में हुआ। इसमें एक जज इंदु मल्होत्रा का फैसले में कड़ा विरोध था।रिव्यू के दौरान इस विरोध में एक और जज जुड़ गए और कोर्ट ने उस पूरे मामले को सात जजों की पीठ को सौंप दिया। हालांकि पूर्व के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है और महिलाएं मंदिर में आ-जा सकती हैं। मगर इस मामले यह बहुत अहम है कि ये मामला एक रिट जनहित याचिका के आधार पर था जिसका दायर बढ़ाया या घटाया जा सकता है।वहीं, मौजूदा केस एक शुद्ध दीवानी विवाद है जो लिखित प्लैंट और दलीलों के आधार पर आगे बढ़ता है। अपराधिक मुकदमे में भी गुंजाइश होती है कि सुनवाई में अतिरिक्त सबूत या गवाहों को बुला लिया जाए, लेकिन दीवानी केस में इसकी अनुमति नहीं है। एकबार लिखित में जो मुकदमा दे दिया, वह अंतिम हो जाता है।इस कारण मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन मिली : जानकारों के अनुसार, मुस्लिम पक्ष जिस बिंदु को अपने पक्ष में मान रहा है वह यह है कि कोर्ट ने 1949 में चोरी से मूर्तियां ढांचे में रखना और उसके चालीस साल बाद 1992 में उस ढांचे को ध्वस्त कर देना बहुत ही गैरकानूनी और धर्मनिर्पेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ करार दिया है। इस ध्वस्तीकरण के कारण ही मुसलमनों को बतौर मुआवजा अयोध्या में
मस्जिद के लिए पांच एकड़ का प्लॉट देने का आदेश दिया गया है। मुकदमे में मुस्लिम पक्ष की यह मांग नहीं थी कि उन्हें वैकल्पिक प्लॉट दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने पूर्ण न्याय करते हुए अनुच्छेद 142 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल कर प्लॉट देने का आदेश दिया। कोर्ट ये राहत देने से गुरेज भी कर सकता था क्योंकि ये कभी मांगा ही नहीं गया।डिक्री भगवान राम और श्रद्धालुओं के पक्ष में की गई : दरअसल ये ढांचा एक केस प्रॉपर्टी था जिसे कोर्ट का फैसला आने तक बरकरार रखा जाना चाहिए था। ये सरकार का फर्ज था कि इसकी सुरक्षा करे। इसकी सुरक्षा में विफल रहने के लिए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को कोर्ट ने एक दिन के लिए जेल भी भेजा था। वहीं ढांचा तोड़ने के मामले में लखनऊ में विशेष सीबीआई कोर्ट तमाम नेताओं और करसेवकों के खिलाफ अपराधिक मुकदमा चल रहा है।उसका फैसला अगले साल अप्रैल में आ सकता है। दूसरे यह कि तथाकथित मस्जिद तोड़ने पर गई कठोर टिप्पणियां तब महत्वपूर्ण होती जब मामला मुस्लिम पक्षकारों के पक्ष में डिक्री होता। चूंकि मामला रामलला विराजमान के पक्ष में डिक्री हुआ इसलिए ढांचा उतना महत्पूर्ण नहीं रह गया। क्योंकि हिन्दू पक्ष वहां मंदिर ही बनाता। इसके अलावा ढांचा तोड़ने में शामिल रहे वीएचपी, हिन्दू महासभा आदि को कोर्ट ने कुछ नहीं दिया है। डिक्री भगवान राम और श्रद्धालुओं के पक्ष में की गई है।मुस्लिम पक्ष इन मुद्दों को साबित नहीं कर पाया
इनमें विवदित स्थल पर एडवर्स कब्जा, लंबे समय से इस्तेमाल के कारण वक्फ की संपत्ति बन जाना, स्थल पर मंदिर नहीं ईदगाह का होना, सरकारों और शासकों की मस्जिद को दी गई ग्रांट का खो जाना, 1949 तक लगातार नमाज पढ़ना, एएसआई (लखनऊ हाईकोर्ट बेंच ने 2003 में विभाग को खुदाई कर यह देखने का निर्देश दिया था कि यहां 400 साल पहले मस्जिद बनने से पूर्व हिन्दू मंदिर था कि नहीं। इसे कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट कहा गया और ये कोर्ट में मान्य रही) की रिपोर्ट को नकारना, लेकिन अपने इतिहासकारों की रिपोर्ट (निजी होने कारण कोर्ट में अमान्य) को तवज्जो देना।हिन्दू पक्ष ने इन तथ्यों को साबित किया
जबकी हिन्दू पक्ष ने 1855 से एडवर्स कब्जा साबित किया, लगातार पूजा, स्थल की पवित्रता और 12वी शती में वहां भव्य मंदिर का होना, उसमे हिन्दू समुदाय की गहरी आस्था को ग्रंथों, गजेटियर, रिपोर्ट्स, यात्रियों के विवरण और अदालती आदेश आदि से साबित करना।फैसला देने वाले जज ही सुनते है पुनर्विचार याचिका  
यदि कोई पुनर्विचार याचिका दाखिल होती है तो उसे फैसला देने वाले जज ही सुनेंगे। इसमें एक जज बदलने कि उम्मीद है क्योंकि फैसला देने वाली बेंच के मुखिया जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। उनकी जगह कौन जज पीठ में आयेगा ये नए मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे तय करेंगे।किताब को नहीं किया स्वीकार
मुस्लिम पक्ष ने जो मुद्दे उठाए कोर्ट ने उन पर पूरी सुनवाई की। गौरतलब है कि जन्म स्थान पुनरोधार समिति के वकील ने कोर्ट में एक किताब का जिक्र किया था जिसमें जन्मस्थान का नक्शा था, कोर्ट ने उस स्वीकार नहीं किया। क्योंकि ये ट्रायल के दौरान हाईकोर्ट में नहीं रखा गया था। मुस्लिम पक्ष के वकील ने नक्शा देने का भारी विरोध किया था और उसे कोर्ट में ही फाड़ दिया था।
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17-11-2019-अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने सोच रहा है लेकिन इस याचिका के कोर्ट में सफल होने की संभावनाएं बेहद कम हैं। जानकारों का कहना है...

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दुनिया भर में भगवान श्रीराम से जुड़े साक्ष्य संजोएगी यूपी सरकार

दुनिया भर में भगवान श्रीराम से जुड़े साक्ष्य संजोएगी यूपी सरकार384

👤17-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार भगवान राम के व्यक्तित्व व कृतित्व से जुड़े सांस्कृतिक साक्ष्यों को संजोने में जुट गई है। राज्य के संस्कृति विभाग को विश्व के अनेक देशों में मौजूद श्रीराम से जुड़े साक्ष्य जुटाकर उन्हें संकलित करने की जिम्मेदारी दी गयी है। इसी क्रम में अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक योगेन्द्र प्रताप सिंह (वाईपी सिंह) ने \'राम की विश्वयात्रा\' शीर्षक से एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है।अयोध्या में एक ऐसा केन्द्र बनाया जाएगा जहां विदेशों में प्रचलित रामलीलाएं, राम कथा से जुड़े साक्ष्य, संस्कृति व परम्पराओं की झलक दिखाई जाएगी। यह केन्द्र बिल्कुल नक्षत्रशाला की तरह होगा जहां ऑडियो-विजुअल से भगवान राम की विश्व यात्रा लोगों को बतायी जाएगी।प्रदेश सरकार ने इस काम के लिए अपने पिछले अनुपूरक बजट में अयोध्या शोध संस्थान को सिर्फ इस काम के लिए ही 20 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है। संस्थान के निदेशक वाई.पी.सिंह ने \'हिन्दुस्तान\' से खास बातचीत में यह जानकारी दी।विदेशों में राम का नाम
विश्व के कई देशों में ऐसे स्थानों का उल्लेख किया गया है जिनके नाम राम के नाम से जुड़े हुए हैं। जैसे इजरायल में रामल्लाह, रामाथेयम। इजरायली जिसे रामाथेयम कहते हैं, दरअसल वह रामधाम का अपभ्रंश बताया जाता है जिसका अर्थ है राम का स्थान। इसी तरह रामेश- पुरुषों का यह नाम ईरान, इराक, सीरिया, लेबनान में मिलता है। इसी तरह  इराक में एक स्थान का नाम रामादी और एक जगह का नाम रामदिया है। इराक में पुरुषों के नाम रामज़ी मिलता है जैसे रामज़ी युनूस, रामज़ी बिन अलशिभा आदि। रामजु मुनशिर, रामीरेज स्पेनिश व लैटिन नाम हैं।मध्य पूर्व इराक में राम के गुफा चित्र
इस प्रस्तुतीकरण में इराक-ईरान की सीमा पर बेलुला नामक स्थान पर राम के गुफा चित्र मिले हैं। बेलुला की पहाड़ियों पर देखे गये राम और हनुमान के इन चित्रों के बारे में पुष्टि के लिए ईरान में भारत के राजदूत प्रदीप सिंह राजपुरोहित से अनुरोध किया गया था। उन्होंने इसकी पुष्टि करवायी।इटली में दीवारों पर मिले प्राचीन चित्र
इटली में 5वीं शताब्दी ईसापूर्व रामायण से मिलते-जुलते चित्र दीवारों से प्राप्त हुए हैं। इन चित्रों में राम, सीता, लक्ष्मण के वन गमन, सीता हरण, लवकुश द्वारा घोड़े को पकड़ने, हनुमान द्वारा संजीवनी लाने आदि के प्रसंग मिलते हैं। प्राचीन इटली में रावन्ना क्षेत्र में आकाशमार्ग से उड़ते हुए घोड़ों के साथ जटायु के प्रसंग का भी चित्र है।होण्डुरास में मिला पाताल लोक
होण्डुरास मध्य अमेरिका का एक देश है जहां घने जंगलों के बीच एक बहुत प्राचीन शहर के अवशेष  मिले हैं। इस प्राचीन शहर में हनुमान की प्रतिमा भी मिली है। इस प्राचीन शहर में मंकी गाड की पूजा किये जाने के भी साक्ष्य मिले हैं।कम्बोडिया में क्रौंच पक्षी वध प्रसंग के साक्ष्य
कम्बोडिया में अंकोरवाट से लगभग 100 किलोमीटर दूर वैण्टेन छमार थाईलैण्ड की सीमा से लगा हुआ क्रौंच पक्षी वध का प्रसंग प्रमुख है।इसी क्रम में रूस, ब्रिटेन, थाईलैण्ड, वीयतनाम, इण्डोनेशिया, फिलीपींस, ट्रिनीडाड, सूरीनाम, मारीशस,गयाना, फिजी, श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान आदि देशों में रामकथा, राम के समय की संस्कृति व परम्पराओं के जितने भी साक्ष्य मौजूद हैं, उनका संकलन किया जा रहा है।
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17-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार भगवान राम के व्यक्तित्व व कृतित्व से जुड़े सांस्कृतिक साक्ष्यों को संजोने में जुट गई है। राज्य के संस्कृति विभाग को विश्व के अनेक देशों में मौजूद श्रीराम...

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स्वस्थ रहने के खातिर दौड़ा लखनऊ

स्वस्थ रहने के खातिर दौड़ा लखनऊ648

👤17-11-2019-मौका था 11 वें लखनऊ सिटी रन का। रविवार सुबह लोहिया पथ पर आयोजित कार्यक्रम में लखनऊवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। और स्वस्थ रहने के खातिर दौड़ लगाई। इस दौड़ में परिवहन निगम, आईआईएम के साथ सैकड़ों की संख्या में आमजन ने हिस्सा लिया। चार अलग-अलग दौड़ में शामिल लोगों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर ने कहा फिट रहने के लिए दौड़ लगाना बेहद आसान काम है। इसमें किसी प्रकार का कोई खर्च नहीं है। सिटी रन कार्यकम को परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक संचालन राजेश वर्मा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
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17-11-2019-मौका था 11 वें लखनऊ सिटी रन का। रविवार सुबह लोहिया पथ पर आयोजित कार्यक्रम में लखनऊवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। और स्वस्थ रहने के खातिर दौड़ लगाई। इस दौड़ में परिवहन...

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श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम फर्जी वसूली करने वाले गिरफ्तार

श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम फर्जी वसूली करने वाले गिरफ्तार124

👤17-11-2019-श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वसूली करने वाले तीन युवकों को हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है। उनके पास फर्जी रसीद व वसूले गए 1462 रुपए मिले हैं। स्थानीय पुलिस ने हियुवा नगर अध्यक्ष की तहरीर पर युवकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।हिंदू युवा वाहिनी उतरौला नगर अध्यक्ष संतोष कसौधन व नगर प्रभारी दीपक चौधरी को सूचना मिली कि तीन युवक श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट संस्थान के नाम पर बरदही बाजार में फर्जी रसीद काट रहे हैं। संतोष व दीपक के पहुंचने से पहले ही रसीद काट रहे युवक चुंगीनाका की ओर चले गए। हियुवा कार्यकर्ताओं ने तीनों युवकों को शुक्रवार शाम करीब चार बजे पकड़ लिया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें उतरौला पुलिस को सौंप दिया। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम मो. याकूब पुत्र मो. हुसैन, विजय कुमार मिश्र पुत्र रामतीर्थ व बृजमोहन पुत्र रुद्र कुमार बताया।। वे बलरामपुर देहात के नीलकोठी व धुसाह गांव के निवासी हैं। उनके पास ट्रस्ट के नाम रसीद व वसूले गए 1462 रुपए बरामद हुए। विवेचक एसआई राम नरायन ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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17-11-2019-श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वसूली करने वाले तीन युवकों को हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है। उनके पास फर्जी रसीद व वसूले गए 1462 रुपए मिले हैं। स्थानीय...

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श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम फर्जी वसूली करने वाले गिरफ्तार

श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम फर्जी वसूली करने वाले गिरफ्तार648

👤17-11-2019-श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वसूली करने वाले तीन युवकों को हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है। उनके पास फर्जी रसीद व वसूले गए 1462 रुपए मिले हैं। स्थानीय पुलिस ने हियुवा नगर अध्यक्ष की तहरीर पर युवकों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।हिंदू युवा वाहिनी उतरौला नगर अध्यक्ष संतोष कसौधन व नगर प्रभारी दीपक चौधरी को सूचना मिली कि तीन युवक श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट संस्थान के नाम पर बरदही बाजार में फर्जी रसीद काट रहे हैं। संतोष व दीपक के पहुंचने से पहले ही रसीद काट रहे युवक चुंगीनाका की ओर चले गए। हियुवा कार्यकर्ताओं ने तीनों युवकों को शुक्रवार शाम करीब चार बजे पकड़ लिया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें उतरौला पुलिस को सौंप दिया। पकड़े गए युवकों ने अपना नाम मो. याकूब पुत्र मो. हुसैन, विजय कुमार मिश्र पुत्र रामतीर्थ व बृजमोहन पुत्र रुद्र कुमार बताया।। वे बलरामपुर देहात के नीलकोठी व धुसाह गांव के निवासी हैं। उनके पास ट्रस्ट के नाम रसीद व वसूले गए 1462 रुपए बरामद हुए। विवेचक एसआई राम नरायन ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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17-11-2019-श्रीराम जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट के नाम पर फर्जी वसूली करने वाले तीन युवकों को हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं ने पकड़ा है। उनके पास फर्जी रसीद व वसूले गए 1462 रुपए मिले हैं। स्थानीय...

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अयोध्या में मंदिर निर्माण के दौरान रामलला के विराजने का स्थान बदलेगा

अयोध्या में मंदिर निर्माण के दौरान रामलला के विराजने का स्थान बदलेगा53

👤17-11-2019-अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्र सरकार की ओर से निर्णय के अनुरूप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में ही रामजन्मभूमि न्यास, विश्व हिन्दू परिषद और विराजमान रामलला के सखा की ओर से मंदिर निर्माण शुरू होने के वक्त प्रभावी की जाने वाली नई व्यवस्थाओं पर मंथन शुरू कर दिया गया है। इसी के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया है कि मंदिर निर्माण के दौरान जन्मभूमि में रामलला के विराजने के मौजूदा स्थान को परिवर्तित किया जाएगा।रामजन्मभूमि न्यास, विश्व हिन्दू परिषद और विराजमान रामलला के सखा के बीच यह सहमति बन गई है कि जब अयोध्या में रामजन्मभूमि में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण केंद्र सरकार की ओर से गठित किए जाने वाले नए ट्रस्ट की देखरेख में शुरू हो तो उस दौरान भी अनवरत आराध्य का दर्शन-पूजन जारी रहे। नियमित आरती के साथ भोग लगाने की प्रक्रिया भी बाधित न होने पाए। इसीलिए यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है कि रामलला को मौजूदा मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर से कहीं अन्यत्र विराजमान किया जाएगा। इधर मंदिर निर्माण जारी रहेगा और उधर रामजन्मभूमि के 67 एकड़ भूमि में ही किसी स्थान पर अस्थायी तौर पर एक मंदिर बनाकर रामलला की पूजा-अर्चना पहले की तरह जारी रहेगी।विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश  ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि इस आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार की ओर से गठित किए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण के दौरान रामलला का विग्रह जन्मभूमि में ही किसी अन्य स्थान पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। 67 एकड़ भूमि में  नया स्थान कहां पर होगा, नए ट्रस्ट के माध्यम से वास्तुकार, प्रमुख धर्माचार्यों और हिन्दू समाज के प्रबुद्धजनों से विमर्श कर तय किया जाएगा। विराजमान रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पांडेय ने भी सहमति जताते हुए कहा कि मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद भी दर्शन-पूजन की नित्य व्यवस्था प्रभावी करनी होगी। श्री पांडेय ने मंदिर निर्माण पूरा होने में साढ़े तीन से चार वर्ष लगने की उम्मीद जताई।  
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17-11-2019-अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद केंद्र सरकार की ओर से निर्णय के अनुरूप राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में ही रामजन्मभूमि...

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मरीजों को राहत के लिए डॉक्टर तैनाती के नियम में होगा बदलाव

मरीजों को राहत के लिए डॉक्टर तैनाती के नियम में होगा बदलाव535

👤17-11-2019-प्रदेश सरकार राज्य के आठ अति पिछड़े जिलों के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को राहत देने के लिए डॉक्टरों को उनके गृह जनपद में तैनात नहीं करने की अपनी नीतियों को शिथिल करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत चयनित होकर आ रहे नए डॉक्टरों को राज्य के आठ अति पिछड़े जिलों में गृह जनपद का होने पर भी तैनाती मिल सकेगी।चयनित होकर आ रहा कोई डॉक्टर श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र जिलों में से किसी एक जिले का रहने वाला होगा, तो उसे अपने गृह जिले में तैनाती मिल सकेगी। अभी तक चिकित्सकों को अपने गृह जिले में तैनाती नहीं देने की नीति है। इन जिलों के सरकारी अस्पतालों में करीब 40 फीसदी पद खाली होने के कारण नीति को शिथिल करने का प्रस्ताव है।   लोक सेवा आयोग ने चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग को पहली खेप में 1300 डॉक्टर दे दिए हैं। बाकी 700 के लिए आयोग औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। दिसम्बर तक इन्हें भी विभाग को सौंप दिया जाएगा।महिला डॉक्टरों की तैनाती में गृह जिले को प्राथमिकता
इसके साथ ही नई महिला डॉक्टरों को भी उनके गृह जिले में तैनाती देने की भी तैयारी है। लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आ रहे दो हजार एमबीबीएस डॉक्टरों की तैनाती के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना को स्वीकृति देने के लिए चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग जल्द ही बैठक करेगा। सरकारी डाक्टरों के सात हजार पद खाली
मौजूदा समय में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग के साढ़े 18 हजार पद सृजित हैं। इनमें से करीब सात हजार पद अभी खाली हैं। दो हजार डॉक्टरों के आ जाने से जिला अस्पताल, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।        
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17-11-2019-प्रदेश सरकार राज्य के आठ अति पिछड़े जिलों के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को राहत देने के लिए डॉक्टरों को उनके गृह जनपद में तैनात नहीं करने की अपनी नीतियों को शिथिल करने की...

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भाजपा ने एमएलसी की छह सीटें जीतने को बिछाई बिसात

भाजपा ने एमएलसी की छह सीटें जीतने को बिछाई बिसात223

👤17-11-2019-विधान परिषद के शिक्षक क्षेत्र के शिक्षक मतदाताओं में वित्तविहीन विद्यालय के  शिक्षकों का 70 फीसदी वोट हासिल करने के लिए भाजपा ने गोटें बिछानी शुरू कर दी हैं। शिक्षकों को अपने पाले में लाकर शिक्षक क्षेत्र की सभी छह सीटों को जीतने की कोशिशों के चलते भाजपा ने माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष व एमएलसी डा.उमेश द्विवेदी को पार्टी में शामिल किया। उनके साथ ही संगठन के महासचिव अजय सिंह को भी पार्टी में शामिल कर लिया। इतना ही नहीं वित्त विहीन शिक्षकों की पैरवी कर उन्हें निर्वाचन आयोग से वोट का अधिकार भी दिलाया। उच्च न्यायालय ने वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को साल 2008 में ही शिक्षक क्षेत्र की विधानपरिषद सीटों के लिए वोट देने का अधिकार दे दिया था। बसपा सरकार में वित्त विहीन शिक्षक ये अधिकार पा गए। बाद में तत्कालीन सपा सरकार ने निर्वाचन आयोग के सामने इन्हें अशंकालिक शिक्षक बताकर इन्हें वोट के अधिकार से वंचित कर दिया। 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद इन वित्तविहीन विद्यालय के शिक्षकों को वोट देने का अधिकार दिलाने के लिए पैरवी की गई। निर्वाचन आयोग के सामने शिक्षकों के पूर्णकालिक होने के तथ्य पेश किए गए। माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष व एमएलसी डा.उमेश द्विवेदी बताते हैं कि  शिक्षक क्षेत्र की छह विधानपरिषद सीटों पर करीब दो लाख वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षक मतदाता हैं। भारतीय जनता पार्टी  दो अप्रैल को खाली हो रहीं विधानपरिषद की शिक्षक क्षेत्र की छह और स्नातक क्षेत्र की पांच सीटों पर  अपना अधिकृत प्रत्याशी उतारेगी।  
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17-11-2019-विधान परिषद के शिक्षक क्षेत्र के शिक्षक मतदाताओं में वित्तविहीन विद्यालय के  शिक्षकों का 70 फीसदी वोट हासिल करने के लिए भाजपा ने गोटें बिछानी शुरू कर दी हैं। शिक्षकों...

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