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श्रीकृष्ण जन्मष्टमी-2019: सात दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव होगा आकर्षण का केंद्र

श्रीकृष्ण जन्मष्टमी-2019: सात दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव होगा आकर्षण का केंद्र943

👤18-08-2019-वृदावन शोध संस्थान द्वारा 20 से 26 अगस्त तक आयोजित सात दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव-2019 कई मायनों में खास होगा। इस दौरान यहां देश के विभिन्न अंचलों से आने वाले प्रख्यात विद्वान सात दिनों तक श्रीकृष्ण से जुड़े अलग-अलग पक्षों पर शोध परक व्याख्यानों द्वारा विचार साझा करेंगे। साथ ही श्रीकृष्ण अनन्त विस्तार यात्रा के कुछ दुर्लभ मनके भी प्रदर्शनी के माध्यम से पाण्डुलिपियों, अभिलेख, पुरा-चित्र, डाक टिकट, मूर्तिकला एवं अन्य सन्दर्भों के रूप में अभिव्यक्त होंगे। संस्थान के निदेशक सतीशचंद्र दीक्षित ने बताया कि 23 अगस्त को विद्यालयी छात्र-छात्राओं द्वारा साझी, रंगोली, कैनवास प्रतियोगिता एवं राधा-कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिताओं का आयोजन भी संस्थान द्वारा ललित कला अकादमी, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सहयोग से मथुरा के रामलीला मैदान में कराया जायेगा। अकादमी के सचिव यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि कैनवास प्रतियोगिता के लिए 150 मीटर लम्बा कैनवास लगाया जाएगा। जिस पर ललित कला में पारंगत कलाकार भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कलाकृतियां उकेरेंगे। साथ ही 10-10 मीटर तीन कैनवास लगाए जाएंगे जिस पर स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर सकेंगे। जिसके लिए प्रतिभागियों को रंग आदि भी विभाग द्वारा सुलभ कराये जायेंगे। प्रियाकान्त-जू मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव शुरू
 छटीकरा। हिन्दुस्तान संवाद  
ठा. श्री प्रियाकान्तजू मंदिर पर 108 श्रीमद्भागवत कथा एवं जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश सरकार के केबीनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी एवं संतगणों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके पश्चात धर्माथ एवं संस्कृति विभाग मंत्री ने व्यासपीठ पूजन कर भागवत आरती उतारी। भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने उन्हें को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। 
कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की आकांक्षाओं के अनुरूप व्यवस्थाओं को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने ब्रज में आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए ब्रजवास के महत्व पर प्रकाश डाला। 
🕔tanveer ahmad

18-08-2019-वृदावन शोध संस्थान द्वारा 20 से 26 अगस्त तक आयोजित सात दिवसीय श्रीकृष्ण जन्मोत्सव-2019 कई मायनों में खास होगा। इस दौरान यहां देश के विभिन्न अंचलों से आने वाले प्रख्यात विद्वान...

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स्कूटी में न रखें ATM कार्ड और मोबाइल, खाली हो जाएगा खाता

स्कूटी में न रखें ATM कार्ड और मोबाइल, खाली हो जाएगा खाता416

👤18-08-2019-अगर आप परीक्षा देने जा रहे हैं तो स्कूटी में मोबाइल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड रखकर न जाएं। ऐसा किया तो बैंक खाते में बैलेंस शून्य हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित एनसीआर में आजकल ऐसा गिरोह सक्रिय है जो परीक्षा केंद्रों की पार्किंग में खड़ी स्कूटी से मोबाइल-कार्ड चुराकर बैंक खाते खाली कर रहा है। नोएडा-मेरठ में ऐसे 19 मामले सामने आए हैं, जिन्हें गाजियाबाद के गिरोह ने अंजाम दिया है। 15 जुलाई को काइट कॉलेज की पार्किंग में खड़ी स्कूटी से तनजीला और कोमल का बैग चोरी हो गया। इसमें उनके मोबाइल, कार्ड रखे हुए थे। चोरों ने तनजीला के एटीएम कार्ड का प्रयोग कर खाते से 65 हजार रुपये निकाल लिए। इसी तरह सविता महाविद्यालय की पार्किंग में दिशा सैनी की स्कूटी से सामान चोरी हुआ। दिशा और उसकी सहपाठी शालू के खाते से करीब 1.10 लाख रुपये निकाले गए। नीलकंठ कॉलेज की छात्रा आरती की स्कूटी से भी कार्ड-मोबाइल चोरी कर खाते से रकम निकाली गई। मेरठ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने इन प्रकरणों की जांच की। जांच में पाया कि स्टूडेंट्स बनकर कंधे पर बैग टांगकर आए युवकों ने बड़े आराम से स्कूटी की डिग्गी खोली। सामान को बैग में रखा और फरार हो गए। स्टूडेंट्स जैसी वेशभूषा होने से पार्किंग वालों की नजर उन पर नहीं गई। साइबर सेल एक्सपर्ट्स उमेश वर्मा के मुताबिक चोरों का उद्देश्य सिर्फ बैग चुराना नहीं, छात्राओं के बैंक खाते खाली करना था। चोर यह बात जानते थे कि परीक्षा के दौरान स्टूडेंट्स सारा सामान बाहर रखकर जाते हैं। इसलिए चोरों ने स्कूटी से उनके मोबाइल व कार्ड चुराए। छात्र-छात्राओं के मोबाइल से सिम निकालकर दूसरे मोबाइल में डाल लिए। इससे बैंकिंग प्रक्रिया के दौरान पूछे जाने वाले सभी वन टाइम पासवर्ड चोरों को प्राप्त होते रहे। इसका फायदा उठाकर उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग की। कुछ रकम अपने पेटीएम वॉलेट में ट्रांसफर की, जबकि कुछ रकम एटीएम से निकाली। इस तरह नोएडा में 14 और मेरठ में 5 बैंक खाते खाली कर दिए गए। सभी वारदात पार्किंग में खड़ी स्कूटी से मोबाइल-कार्ड चुराकर की गईं।गाजियाबाद में लोकेशन
पुलिस ने बताया कि ऐसे मामलों में जितने भी मोबाइल चोरी हुए, उनकी आखिरी लोकेशन गाजियाबाद जिले में आई। इससे स्पष्ट है कि स्कूटी से सामान चोरी कर बैंक खाते खाली करने वाला गिरोह गाजियाबाद जिले में ठिकाना बनाए हुए है।पुलिस ने जारी किए फोटो
मेरठ साइबर क्राइम सेल ने सीसीटीवी फुटेज में कैद हुए दो आरोपियों के फोटो जारी किए हैं। इन संदिग्धों के कहीं भी दिखने पर सीयूजी नंबर-7839855538 पर सूचना देने की अपील की है। नोएडा और गाजियाबाद पुलिस को भी ये फोटो भेजे गए हैं।
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18-08-2019-अगर आप परीक्षा देने जा रहे हैं तो स्कूटी में मोबाइल, डेबिट-क्रेडिट कार्ड रखकर न जाएं। ऐसा किया तो बैंक खाते में बैलेंस शून्य हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित एनसीआर...

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योगी ने अधिकारियों से कहा, हमने दी तमाम सहूलियतें, आप भी दें बेहतर परिणाम

योगी ने अधिकारियों से कहा, हमने दी तमाम सहूलियतें, आप भी दें बेहतर परिणाम17

👤18-08-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोन्नत पीसीएस सेवा संघ के अधिकारियों से कहा कि हमने आपको प्रोन्नति एवं तमाम सहूलियतें दी हैं। आप हमें बेहतर परिणाम लाकर दें। राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित प्रोन्नत प्रांतीय सिविल सेवा संघ के सामान्य अधिवेशन में श्री योगी ने साफ कहा कि कुर्सी किसी की स्थाई नहीं है हम जब तक जिस भी कुर्सी पर रहें। बेहतर से बेहतर परिणाम देने की कोशिश करें। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पद स्थाई नहीं होता है। मैं आज मुख्यमंत्री हूं कल नहीं रहूंगा। प्रशासनिक सेवा के जुड़े अधिकारी एक समय अवधि तक पदों पर रहेंगे। फिर सेवानिवृत्त हो जाएंगे लेकिन पद पर रहने के दौरान जनता की समस्याओं के समाधान में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से किए गए कार्य हमेशा याद रहते हैं। उन्होंने कहा कि जनता की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है और प्रोन्नत अधिकारी जिस संवर्ग से जुड़े हैं। वह सीधे जनता से जुड़े हैं और अपने दायित्वों के निर्वहन से वह आम जनता की समस्याओं का बेहतर ढंग से समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि 2 साल 5 महीने के कार्यकाल में यह पाया है कि जनता की 90% समस्याएं राजस्व और पुलिस विभाग से संबंधित हैं। राजस्व विभाग से सीधे जुड़ाव होने के चलते नैब तहसीलदार तहसीलदार और प्रोन्नत डिप्टी कलेक्टर समस्याओं के समाधान का रास्ता बेहतर ढंग से जानते हैं। उन्होंने इस सेवा संवर्ग के अफसरों से अपील की है कि सरकार उनको हर तरह की सहूलियत देने कार्य कर रही है तो इस समर के अफसर भी जनता की समस्याओं के निराकरण में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश प्रांतीय सिविल सेवा अधिकारी संघ के सामान्य अधिवेशन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। यह पहला अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने प्रोन्नत अधिकारियों के इस सम्मेलन का उद्घाटन किया है। सीएम योगी ने यह भी कहा, अपने आपको साबित करने का मौका सरकार ने फ्री होकर दिया है आपको। अगर अधिकारी चाहे तो समाज मे एक नई छवि बना सकते है। अच्छे काम करने में कंपीटिशन होना चाहिए।
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18-08-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोन्नत पीसीएस सेवा संघ के अधिकारियों से कहा कि हमने आपको प्रोन्नति एवं तमाम सहूलियतें दी हैं। आप हमें बेहतर परिणाम लाकर दें। राजधानी के...

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काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक, अब दरवाजे से ही कर सकेंगे जलाभिषेक

काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक, अब दरवाजे से ही कर सकेंगे जलाभिषेक137

👤18-08-2019-उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के आने जाने पर रोक लगा दी गई है। आगे से सभी श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे से ही जलाभिषेक कर सकेंगे। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने कहा कि विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने यहां मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर स्थायी रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सावन महीने में अस्थायी तौर की गई इस बार की व्यवस्था को स्थायी कर दिया गया है।  उन्होंने कहा, “मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे से ही जलाभिषेक की व्यवस्था की गई थी। इससे पूरे सावन भर काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले। सभी श्रद्धालुओं ने बिना किसी परेशानी के आसानी से जलाभिषेक किया।\'\'  वहीं, प्रशासन को भी भीड़ से ज्यादा परेशानी नहीं हुई। विशाल सिंह ने बताया कि ऐसी ही व्यवस्था झारखंड के देवघर में स्थित बैजनाथ धाम में भी की गई है। इसीलिए अब मंदिर प्रशासन ने तय किया है कि इस अस्थायी व्यवस्था को स्थायी किया जाए। अब श्रद्घालुओं का गर्भगृह में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सिंह ने कहा, “मंदिर में गर्भगृह के चार द्वार हैं। श्रद्धालुओं प्रवेश करने और बाहर जाने के लिए दो द्वारा का ही इस्तेमाल करते है। भीड़ बढ़ने पर दबाव काफी हो जाता है। वहीं चारों द्वार पर अघार् लगाकर सीधे जलाभिषेक की व्यवस्था होने से सभी का आराम रहेगा। यह निर्णय श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए लिया गया है।”
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18-08-2019-उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के आने जाने पर रोक लगा दी गई है। आगे से सभी श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे से ही जलाभिषेक...

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फिर उफनाई घाघरा, खतरे के निशान से 24 सेमी ऊपर पहुंचा जलस्तर

फिर उफनाई घाघरा, खतरे के निशान से 24 सेमी ऊपर पहुंचा जलस्तर240

👤18-08-2019-विगत कुछ दिनों से शांत चल रहा घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ कर खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात से बैराजों द्वारा घाघरा में छोड़ा जा रहा पानी बाढ़ क्षेत्र में तबाही मचाने को बेताब है। गोंडा जिल में एल्गिन चरसड़ी बांध के साथ निर्माणाधीन रिंगबांध से घाघरा का पानी अब टकराने लगा है। जिससे बाढ़ का खतरा बांध के साथ ही क्षेत्र के लिए बढ़ने लगा है। तकरीबन एक सप्ताह से शांत चल रही घाघरा ने शुक्रवार भोर से दोबारा आंखें तरेरना शुरू कर दिया है। शुक्रवार की सुबह से एल्गिन ब्रिज पर घाघरा खतरे के निशान को पार कर चुकी थी। शाम होते होते नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर करीब 14 सेमी ऊपर आ गया। देर शाम तक नदी का जलस्तर बढ़ते क्रम में रहा। जिससे तटवर्ती इलाकों में दहसत का माहौल बना रहा। यही नहीं नदी में पानी का डिस्चार्ज शुक्रवार को 2 लाख 10 हजार 177 क्यूसेक बना रहा। जिससे आने वाले दिनों में जलस्तर में बढ़ोत्तरी की आशंका व्यक्त की जा रही है। तो वही फिर कटान की जद में बसे नकहरा, काशीपुर, बेहटा, चरपुरवा, परसावल, नैपुरा, बांसगांव गांव पर खतरा मंडराने लगा है। गांव वालों ने बताया कि पिछले 2 दिनों से लगातार चल रही कटान से नदी ने चरपुरवा, बेहटा, परसावल के पास से करीब सैकड़ों बीघे से अधिक कृषि योग्य भूमि काटकर धारा में समाहित कर लिया है। घाघरा में बाढ़ का आलम यह है कि बेहटा से लेकर नैपुरा तक घाघरा नदी लगातार बांध से टकराने लगी है। बरसात की वजह से बांध पर आए रैंनकट्स की वजह से बांध भी कई जगहों पर कमजोर हो चुका है। घाघरा के इस रूख को देख ग्रामीणों में दहशत है और ग्रामीण एक बार फिर बाढ़ की चपेट में आने के लिए सशंकित हैं। बांध पर मौजूद नकहरा के लेखपाल ने बताया कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इधर अभी तक निर्माणाधीन रिंगबांध का काम भी पूरा नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में अगर जलस्तर में इजाफा होता है तो एक बार फिर से इलाके पर बाढ़ के बादल छा सकते है।
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18-08-2019-विगत कुछ दिनों से शांत चल रहा घाघरा का जलस्तर तेजी से बढ़ कर खतरे के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। नेपाल के पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात से बैराजों द्वारा घाघरा में...

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महिला को पति ने साउथ अफ्रीका से फोन पर दिया तीन तलाक

महिला को पति ने साउथ अफ्रीका से फोन पर दिया तीन तलाक461

👤18-08-2019-रामपुर में एक महिला को उसके पति ने साउथ अफ्रीका से ही टेलीफोन पर तीन तलाक दे दिया। महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उसने पुलिस में शिकायत की तो पति ने उसे तीन तलाक दे दिया। अब पुलिस भी उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। सिविल लाइंस थाने  के अजीतपुर गांव की शमशीर जहां  का विवाह नौ सितंबर 2012 को उत्तराखंड के उधम सिंह जनपद के बाजपुर थाना अंतर्गत किला खेड़ा के रिजवान के साथ हुआ था। शादी के बाद से ही ससुरालियों ने दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित किया। महिला के पिता की मृत्यु हो चुकी है। भाई ने हैसियत के मुताबिक दहेज भी दिया था, फिर भी उससे 10 लाख रुपये की और मांग की गई। उसका पति साउथ अफ्रीका में नौकरी करता है। शादी के 22 दिन बाद ही वह साउथ अफ्रीका चला गया था। वापस आया और 20 दिन बाद साउथ अफ्रीका चला गया। ससुरालियों शमशीर जहां को ज्यादा परेशान किया तो उसने रामपुर महिला थाने में शिकायत दर्ज करा दी। इससे नाराज होकर पांच अगस्त को उसके पति ने उसे साउथ अफ्रीका से ही टेलीफोन किया और कहा कि उसने थाने में शिकायत दर्ज कराई है, इसलिए वह उसे हमेशा के लिए अलग कर रहा है। यह कहकर उसे तीन तलाक दे दिया। मामले की शिकायत उसने फिर महिला थाने में दर्ज कराई, लेकिन अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। महिला इंसाफ को भटक रही है। महिला ने पति की दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने की शिकायत की थी। उसकी जांच चल ही है, लेकिन तीन तलाक की कोई जानकारी नहीं दी गई है। 
रीना सिंह, महिला थाना प्रभारी
🕔 एजेंसी

18-08-2019-रामपुर में एक महिला को उसके पति ने साउथ अफ्रीका से ही टेलीफोन पर तीन तलाक दे दिया। महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था। उसने पुलिस में शिकायत की तो पति ने उसे तीन...

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दिल्ली मेट्रो, ताजमहल व संसद भवन की सुरक्षा करेगी कानपुर की कार्बाइन

दिल्ली मेट्रो, ताजमहल व संसद भवन की सुरक्षा करेगी कानपुर की कार्बाइन822

👤18-08-2019-स्माल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ) द्वारा तैयार ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (जेवीपीसी) शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सीआईएसएफ को सौंप दी गई। दुनिया की सबसे खतरनाक कार्बाइन में शुमार जेवीपीसी का इस्तेमाल ताजमहल की सुरक्षा में किया जाएगा। संसद भवन, दिल्ली मेट्रो और वीवीआईपी सुरक्षा में भी जेवीपीसी को लिया जाएगा। शनिवार को स्माल आर्म्स फैक्ट्री कैंपस में आयोजित समारोह में शस्त्र पूजन के साथ सीआईएसएफ के कमांडेंट ब्रजभूषण को एसएएफ के महाप्रबंधक संजय कुमार पटनायक ने सौ कार्बाइन और 25 हजार गोलियों की पहली खेप सौंपी। उनके साथ डिप्टी कमांडेंट अरविन्द कुमार सिंह, संयुक्त महाप्रबंधक आरके मीना, अपर महाप्रबंधक अजय सिंह, तुषार त्रिपाठी सहित यूनियनों के पदाधिकारी भी मौजूद थे। एक मिनट में 900 राउंड गोलियां उगलेगी जेवीपीएस
कानपुर स्थित एसएएफ ने बहुप्रतीक्षित मारक हथियार ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानी जेवीपीसी को तैयार किया है। जेवीपीसी की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह एक मिनट में 900 राउंड फायर करती है। महज तीन किलो वजनी जेवीपीसी का निशाना सटीक है। यह 23 परतों वाली बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेदने में सक्षम है। फायरिंग करते समय ये बिलकुल नहीं हिलती और स्थिर रहती है। इस आधुनिक कारबाइन में नाइट विजन कैमरा भी लगा सकेंगे। सशस्त्र बलों और पुलिस की नई ताकत बनेगी
ये कार्बाइन हमारे सशस्त्र बलों और पुलिस की नई ताकत बनकर उभरी है। मौका चाहे इंडियन आर्मी के बख्तरबंद गाड़ियों में सफर या गश्त करते समय हुए आतंकी हमले का हो या किसी कमांडो कार्रवाई में पैराशूट से हवाई छलांग लगाने का, इन मौकों पर अगर हथियार हिल गया तो समझो निशाना चूका और दुश्मन को बच निकलने का मौका मिल गया लेकिन स्माल आर्म्स फैक्ट्री ने इन दिक्कतों को लगभग खत्म कर दिया है। दुनिया की टॉप फाइव कार्बाइन में शुमार
जर्मनी ने \'एचके\' और बेल्जियम ने \'एफएन\' नाम से ऐसी की कार्बाइनें बनाई हुई हैं और उनकी मांग कई देशों से आती रहती हैं, लेकिन अब भारत के पास पूर्णतया स्वदेशी तकनीक से बनी जेवीपीसी कार्बाइन है। एसएएफ के महाप्रबंधक ने बताया कि जेवीपीसी कार्बाइन दुनिया की टॉप फाइव कार्बाइन में शामिल हो गई है। लंबे शोध और परीक्षण के बाद इसे तैयार किया गया है। इसकी ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जेवीपीसी विश्व विख्यात हथियार एमपी-5, एमपी-7 और पी-2000 से भी कई मायनों में बेहतर है। इस संबंध में सीआईएसएफ कमांडेंट ब्रज भूषण ने बताया कि जेवीपीसी की मारक क्षमता बेजोड़ है। लक्ष्य को भेदने में इसकी एक्यूरेसी 100 फीसदी है। इसकी विशिष्ट गोली केवल टारगेट को हिट करती है। आसपास वालों को घायल नहीं करती। संवेदनशील औद्योगिक उपक्रमों में भारी मांग
जेवीपीसी की लोकप्रियता इतनी जबर्दस्त है कि परीक्षण में सफल होने के बाद से अबतक 10 हजार आर्डर फैक्ट्री को मिल चुके हैं। इनमें छत्तीसगढ़ पुलिस, मणिपुर पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के बांध आदि अन्य योजनाओं की सुरक्षा में जेवीपीसी का इस्तेमाल होगा। नक्सली और आतंक प्रभावित इलाकों के लिए जेवीपीसी बिल्कुल मुफीद है। इसे देखते हुए एसएएफ ने फिलहाल सालाना दस हजार जेवीपीसी की उत्पादन क्षमता के लिए खुद को तैयार कर लिया है। 
🕔 एजेंसी

18-08-2019-स्माल आर्म्स फैक्ट्री (एसएएफ) द्वारा तैयार ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (जेवीपीसी) शनिवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सीआईएसएफ को सौंप दी गई। दुनिया की सबसे खतरनाक...

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भूलभुलैया में नहीं बजती चुटकी, न जलती है माचिस

भूलभुलैया में नहीं बजती चुटकी, न जलती है माचिस593

👤18-08-2019-‘163 फुट दूर बालकनी से मैं अभी माचिस की तीली जलाऊंगा और इसकी आवाज बालकनी में खड़े सभी लोगों को सुनाई देगी।’ पर्यटकों को गाइड पहले बड़े गर्व से भूलभुलैया की यह खासियत बताया करते थे। लेकिन पिछले आठ महीने से वे इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। विश्व धरोहरों में शुमार भूलभुलैया की बालकनी मरम्मत के नाम पर बंद कर दी गई है। लखनऊ की पहचान अनेक ऐतिहासिक इमारतों पर खतरा मंडरा रहा है। उलमा और हुसैनाबाद ट्रस्ट कई बार भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण को पत्र लिख चुके हैं लेकिन मरम्मत का काम शुरू नहीं हो पाया है।बड़ा इमामबाड़ा : नवाब आसफुद्दौला ने सन 1784 में बड़े इमामबाड़े का निर्माण कराया था। इसमें विश्व प्रसिद्ध भूलभुलैया भी मौजूद है। भूलभुलैया में रास्तों का ऐसा जाल है जो यहां आने वाले पर्यटकों को भ्रम में डाल देता है। भूलभुलैया के अंदर ही एक गैलरी बनी हुई है जो लकड़ी के खम्भों पर टिकी है लेकिन अब ये खम्भे जर्जर हो चुके हैं। पर्यटकों के साथ कोई हादसा न हो इसलिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने लोहे की ग्रिल लगाकर दिसंबर 2018 से इसे बंद कर दिया है। आज तक इसकी मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका। भूलभुलैया में रोजाना करीब 2500 पर्यटक आते हैं। गैलरी बंद होने से भूलभुलैया में दिन भर जाम की स्थिति रहती है।रौजा-ए-काजमैन : पुराने लखनऊ के रौजा-ए-काजमैन को नवाब अमजद अली शाह के करीबी जगन्नाथ अग्रवाल ने 1843 में बनवाया था। इसकी गुम्बदों पर सोना चढ़ा हुआ था जो अंग्रेजों ने बाद में लूट लिया। इमामबाड़े का निर्माण : 1784 में नवाब वाजिद अली शाह ने इसका निर्माण कराया। यहां पर विश्व प्रसिद्ध भूलभुलैया, बावली और बिना खंभे के बनी आसिफी मस्जिद है।
विशेषता : इमामबाड़े में बना गुम्बदनुमा हॉल 50 मीटर लंबा और 15 मीटर ऊंचा है। यह मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है।कर्बला दियानुतदौला की मीनार
नवाब वाजिद अली शाह के करीबी दियानुतदौला ने 1815 में कर्बला का निर्माण कराया था। यह इराक के इमाम हुसैन के रौजे की हूबहू शबीह है। इसमें ईरानियों ने शीशे की कारीगरी की थी। इसके निर्माण के लिए मिट्टी भी कर्बला से मंगवाई गई थी। हुसैनाबाद ट्रस्ट के ओएसडी फरीद अख्तर ने कहा, \"बड़े इमामबाड़े व अन्य संरक्षित इमारतों की मरम्मत के लिए कई बार एएसआई को पत्र लिखा जा चुका है। खासकर भूल भुलैया की मरम्मत के लिए। अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।\"
🕔tanveer ahmad

18-08-2019-‘163 फुट दूर बालकनी से मैं अभी माचिस की तीली जलाऊंगा और इसकी आवाज बालकनी में खड़े सभी लोगों को सुनाई देगी।’ पर्यटकों को गाइड पहले बड़े गर्व से भूलभुलैया की यह खासियत बताया करते...

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राज्यपाल और सीएम पर खतरे और उससे निपटने के इंतजामों की समीक्षा

राज्यपाल और सीएम पर खतरे और उससे निपटने के इंतजामों की समीक्षा412

👤18-08-2019-राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अपनी सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा है। इस बाबत गृह विभाग ने शनिवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री पर खतरे और उससे निपटने के लिए मौजूदा सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। जल्द ही इन दोनों अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव होगा। राज्यपाल ने अपनी सुरक्षा के अलावा राजभवन की भी सुरक्षा को युक्तिसंगत बनाने के लिए यूपी सरकार से कहा है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने राज्यपाल द्वारा इस तरह के निर्देश दिए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में राज्यपाल और मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श करके ही कोई फैसला करेंगे। इस बीच, राजभवन के अधिकृत सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल श्रीमती पटेल ने राज्य सरकार को अपनी और राजभवन की सुरक्षा को लेकर कोई पत्र नहीं लिखा है। उन्होंने मौखिक रूप से राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि उनकी और राजभवन की सुरक्षा की एक बार फिर से समीक्षा कर ली जाए और समीक्षा के बाद जरूरत के हिसाब से ही सुरक्षा व्यवस्था की जाए। बहरहाल, राज्यपाल की इस पहल की सराहना हो रही है, क्योंकि शायद उनकी पहल सुरक्षा घटाने को लेकर है। उन्होंने अपनी और राजभवन की सुरक्षा का बेड़ा काफी बड़ा पाया है। जबकि राज्यपाल के लिए इतनी सुरक्षा की जरूरत नहीं होती है। राज्यपाल का सोच है कि सुरक्षा घटाने से बड़ी संख्या में आम जनता की सेवा के लिए सुरक्षाकर्मी मिल सकेंगे। 
🕔tanveer ahmad

18-08-2019-राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अपनी सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा है। इस बाबत गृह विभाग ने शनिवार को राज्यपाल और मुख्यमंत्री पर खतरे और उससे...

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अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट खफा, मीडिया पर पाबंदी हटाने में लगेगा समय

अनुच्छेद 370 के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट खफा, मीडिया पर पाबंदी हटाने में लगेगा समय983

👤17-08-2019-उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के खिलाफ दोषपूर्ण याचिकाएं दायर करने पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने याचिका को अर्थहीन करार दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका का कोई मतलब नहीं है। अब दोबारा याचिका दायर करने पर अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी।कोर्ट ने पूछा, यह किस तरह की याचिका :  सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा, मैंने आपकी याचिका को आधे घंटे तक पढ़ा लेकिन समझ नहीं आया कि यह किस बारे में है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता एम एल शर्मा से पूछा,यह याचिका क्या है, किस तरह का है? इसे तो खारिज किया जा सकता था लेकिन रजिस्ट्री में ऐसी ही पांच अन्य याचिकाएं भी हैं, जिनमें खामियां हैं। आगे पीठ ने कहा, आपने राष्ट्रपति का आदेश निरस्त करने का अनुरोध नहीं किया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसमें क्या अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा, इस तरह के मामले में अगर यह याचिका है तो इसका कोई मतलब नहीं है। शीर्ष अदालत ने संबंधित वकीलों से कहा कि वे अनुच्छेद 370 को लेकर दायर अपनी छह याचिकाओं की खामियों को दूर करें और इसके साथ ही उसने सुनवाई स्थगित कर दी।सवाल
प्रधान न्यायाधीश की पीठ ने याचिका को अर्थहीन करार दिया।
कहा, याचिका को सही करके दोबारा दायर करें।मीडिया पर पाबंदी हटाने में अभी समय लगेगा
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में मीडिया पर लगाई गई पाबंदियां हटाने के लिए दायर याचिका पर कोई निर्देश देने से पहले वह कुछ समय इंतजार करेगा। इससे पहले केंद्र ने न्यायालय को सूचित किया कि यह पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जा रही हैं।  मीडिया पर लगी पाबंदियां हटाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति में सुधार हो रहा है।
🕔 एजेंसी

17-08-2019-उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के खिलाफ दोषपूर्ण याचिकाएं दायर करने पर शुक्रवार को नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने याचिका को अर्थहीन करार दिया।...

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